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डमी टीचर मिला तो प्रिंसिपल से लेकर अधिकारी भी दोषी —राजस्थान हाई कोर्ट

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 डमी टीचर मिला तो प्रिंसिपल से लेकर अधिकारी भी दोषी —राजस्थान हाई कोर्ट छोटा अखबार। राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में डमी टीचर की व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार को इस संबंध में तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि सरकारी स्कूलों में डमी टीचर की समस्या का स्थायी समाधान क्या हो सकता है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को मामले में विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। जस्टिस अनूप कुमार ढ़ंढ की अदालत ने यह आदेश डमी शिक्षक मामले में बारां के राजपुरा ग्राम के प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका मंजू गर्ग की याचिका खारिज करते हुए दिए। अदालत ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि केवल एक महान शिक्षक ही एक महान विद्यार्थी का निर्माण कर सकता है, लेकिन सरकारी स्कूलों में डमी टीचर का कब्जा देखना शर्मनाक है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि वह स्कूलों में डमी टीचर की व्यवस्था को खत्म करने के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर कमेटियों का गठन करे। इन कमेटियों में मुख्य रूप से जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यकारी अधिकारी को शामिल किया जाए। कोर्ट ने कहा कि ये कम

वाहन धारक 31 अक्टूबर 2024 जरूर करलें यह काम

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 वाहन धारक 31 अक्टूबर 2024 जरूर करलें यह काम छोटा अखबार। 3 साल से पुराने फास्टैग का KYC जरूरी, NPCI ने एक अगस्त से लागू किए नये नियम, नियम के तहत फास्टैग की KYC कराना जरूरी, साथ ही 5 साल से पुराने फास्टैग को बदलाना होगा, फास्टैग को बदलवाने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर, फास्टैग का वाहन के रजिस्ट्रेशन, चैसिस नंबर से लिंक अनिवार्य!

प्रदेश में जारी होगी नई टाउनशिप पॉलिसी —नगरीय विकास राज्य मंत्री

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 प्रदेश में जारी होगी नई टाउनशिप पॉलिसी —नगरीय विकास राज्य मंत्री छोटा अखबार।  नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विधानसभा में आश्वस्त किया कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी काटने की शिकायत की जांच कर सम्बंधित कॉलोनाइजर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्री खर्रा प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बहुत सी कॉलोनियों में विकास शुल्क जमा होने के बाद भी सड़क एवं सेक्टर रोड़ के मार्ग निर्धारित नहीं होने के कारण विकास नहीं हो सका तथा सड़क एवं सेक्टर रोड़ के मार्ग नियमित नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि  इन समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा टाउनशिप पॉलिसी-2010 में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसके तहत पॉलिसी में संशोधन के लिए आमजन एवं जनप्रतिनिधियों से 20 अगस्त, 2024 तक सुझाव भी आमंत्रित किये गए गए हैं। उन्होंने बताया कि नीति के संबंध में विस्तृत जानकारी विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि समस्‍त सुझावों पर विचार कर नई संशोधित पॉलिसी जारी की जाएगी। श्री खर्रा ने क

स्थानीय निकायों को अनुदान बढ़ाये वित्त आयोग —मुख्यमंत्री

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  स्थानीय निकायों को अनुदान बढ़ाये वित्त आयोग —मुख्यमंत्री छोटा अखबार। वित्त आयोग की 16वीं कार्यशाला में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वित्त आयोग पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों की नाजुक वित्तीय स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है। उन्होंने वित्त आयोग से अनुरोध किया कि राजस्थान के स्थानीय निकायों के लिए अनुदान बढ़ाने की सिफारिश करें। कार्यशाला के दौरान वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगडिया ने कहा कि आयोग राज्यों का दौरा कर उनसे सुझाव प्राप्त कर रहा है। हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं पंजाब के बाद आयोग का चौथा दौरा राजस्थान में है। राज्यों से प्राप्त सुझावों को गंभीरता से सुना जा रहा है। वहीं मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। मुख्यतः पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में सेवा प्रदायगी के लक्ष्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सीमित संसाधन होने के कारण प्रदेश की केन्द्रीय कोष पर निर्भरता है।

केन्द्रीय कर आय में राज्य के क्षेत्रफल को मिले विशेष महत्व —मुख्यमंत्री

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 केन्द्रीय कर आय में राज्य के क्षेत्रफल को मिले विशेष महत्व —मुख्यमंत्री छोटा अखबार।  सचिवालय में आयोजित 16वें वित्त आयोग की कार्यशाला में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वित्त आयोग से केन्द्रीय करों के वितरण के लिए ऐसा फार्मूला विकसित करने का अनुरोध किया, जो कि क्षेत्रीय विषमताओं को दूर करने का साधन बने और समाज के सभी क्षेत्रों और वर्गों के लिए महत्वपूर्ण न्यूनतम बुनियादी ढाँचा प्रदान करने के लिए अधिक संसाधन आवंटित करने में सहायक हो। उन्होंने केन्द्रीय कर आय में राज्यों की हिस्सेदारी को अंतिम रूप देते समय, राज्य के क्षेत्रफल को विशेष महत्व दिये जाने का भी आग्रह किया। उन्होंने वित्त आयोग से सड़क एवं पुल, सिंचाई परिसंपत्तियों और वनों के लिए रखरखाव अनुदानों को फिर से शुरू करने का अनुरोध भी किया। श्री शर्मा ने कहा कि अनियमित और अनिश्चित मानसून प्रदेश की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती है। सीमित एवं निरन्तर घटते हुए जल संसाधनों के कारण राज्य को अत्याधिक कठिनाई का सामना करना पड रहा है। राज्य में सतही जल की कमी के कारण भूजल पर अधिक निर्भरता होने से भूजल का स्तर राज्य के सभी हिस्सों म

मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग से हीट वेव और रेगिस्तानी टिड्डियों को प्राकृतिक आपदा में शामिल करने की मांग

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मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग से हीट वेव और रेगिस्तानी टिड्डियों को प्राकृतिक आपदा में शामिल करने की मांग छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोजित कार्यशाला में कहा कि राज्य को तकरीबन हर वर्ष हीट वेव का सामना करना पड़ता है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों के निवासियों की आजीविका प्रभावित होती है। साथ ही, रेगिस्तानी टिड्डियों के कारण फसलों को क्षति पहुंचती है। इसको ध्यान में रखते हुए हीट वेव एवं रेगिस्तानी टिड्डियों के खतरे को प्राकृतिक आपदा माना जाए और इन्हें राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) में प्राकृतिक आपदा की परिभाषा में शामिल किया जाए

विषम भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप राजस्थान को मिले अतिरिक्त सहायता -मुख्यमंत्री

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 विषम भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप राजस्थान को मिले अतिरिक्त सहायता -मुख्यमंत्री छोटा अखबार।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति, विशाल क्षेत्रफल, मरूस्थलीय भू-भाग, जल संसाधनों की अत्यधिक कमी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति की बड़ी आबादी के परिप्रेक्ष्य में वित्त आयोग केन्द्र सरकार से राजस्थान को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की सिफारिश करें। उन्होंने वित्त आयोग से प्रदेश में भीषण जल संकट को ध्यान रखते हुए विशेष वित्तीय सहायता देने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिश करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान विशाल भूभाग और बिखरी हुई आबादी वाला राज्य है, इस कारण यहां शिक्षा, चिकित्सा व स्वास्थ्य, पेयजल, विद्युत, संचार सुविधा आदि बुनियादी सुविधाएं आमजन तक पहुंचाने के लिए दूसरे राज्यों की तुलना में अधिक लागत आती है। उन्होंने कहा कि इस अतिरिक्त लागत और प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रदेश को वित्तीय संसाधन मुहैया कराए जाएं।