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Rajasthan Governor :- हरिभाऊ किसनराव बागड़े होंगे राजस्थान के नए राज्यपाल

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 हरिभाऊ किसनराव बागड़े होंगे राजस्थान के नए राज्यपाल छोटा अखबार। राज्यपाल कलराज मिश्र का कार्यकाल 21 जुलाई 2024 को पूरा हो गया था। लेकिन किसी और की नियुक्त नहीं होने से श्री मिश्रा ही पद पर बने हुए थे। 27 जुलाई 2024 को देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रदेश के लिये हरिभाऊ किसानराव बागड़े को नए राज्यपाल नियुक्त किया है। हरिभाऊ किसानराव बागड़े महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं।  आपको बतादें कि हरिभाऊ किसानराव बागड़े महाराष्ट्र विधानसभा में 2014 से लेकर 2019 तक अध्यक्ष रह चुके हैं और महाराष्ट्र सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री भी रह चुके है। श्री बागड़े महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं। वे पहली बार 1985 में विधायक चुने गए थे। और अब अगस्त माह में 79 साल के हो जाएंगे।

बजट घोषणाओं के लिए आमजन मुख्यमंत्री का जता रहे आभार

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  बजट घोषणाओं के लिए आमजन मुख्यमंत्री का जता रहे आभार छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा में विभिन्न जिलों के प्रतिनिधिमंडलों ने मुलाकात की। जोधपुर जिले के लूणी विधानसभा क्षेत्र से आए प्रतिनिधिमंडल ने संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के नेतृत्व में लूणी क्षेत्र की बजट घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। चित्तौड़गढ़ से आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिवादन किया और बजट में चित्तौड़गढ़ जिले के विकास कार्यों की घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। साथ ही, बारां से आए प्रतिनिधिमंडल ने भी श्री शर्मा का अभिनन्दन करते हुए बजट में मिली सौगातों के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार सहित विभिन्न विधायकगण एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

One State One Election —प्रदेश में बुलाया जा सकता ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ पर विशेष सत्र

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One State One Election —प्रदेश में बुलाया जा सकता ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ पर विशेष सत्र छोटा अखबार। प्रदेश के बजट में ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ की हुई घोषण जल्द ही साकार हो सकती है। इसके लिये सरकार विशेष सत्र बुलाकर कानून बनाने के फिराक में है। ये चर्चा राजनीतिक हल्कों में आम है। संचार माध्यमों के अनुसार पूर्ण बजट के बाद अगस्त माह में विशेष सत्र आहूत किया जा सकता है।  आपको बतादें कि राजस्थान बजट भाषण में डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने ‘वन स्टेट- वन इलेक्शन’ करवाने की घोषणा की थी। जानकारी के अनुसार इस घोषणा को पूरा करने के लिये सरकार विशेषज्ञों से चर्चाएं कर रही है। प्रदेश में सरकारी आंकड़ो के अनुसार 11 नगर निगम, 33 नगर परिषद, 169 नगर निगम बोर्ड और 213 शहरी स्थानीय निकाय है। वहीं अगर पंचायतीराज की बात करें तो प्रदेश में 11,320 सरपंच, 1,09,228 पंच, 6995 पंचायत समिति सदस्य, 1014 जिला पंचायत सदस्य और 7500 पार्षद के पद है।    सरकार और सरकार के शुभ चिंतकों का मानना और कहना है कि बार-बार आचार संहिता से सरकार के काम प्रभावित होता है, तो वहीं सरकारी खजाने पर काफी भार पड़ता है। ऐसे में सरकार एकसाथ स्थानीय

'आपणो अग्रणी राजस्थान' के विजन पर सरकार के हुए हस्ताक्षर

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 'आपणो अग्रणी राजस्थान' के विजन पर सरकार के हुए हस्ताक्षर सरकार अगले 5 वर्षों में पानी, सिंचाई और बिजली पर करेगी जबरा विकास  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल ने 'आपणो अग्रणी राजस्थान' के विजन के अनुरूप जैसलमेर में 400 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। वहीं आवास और शहरी विकास निगम (हुडको) के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। उपरोक्त समझौते के अंतर्गत जलापूर्ति, सिंचाई एवं विद्युत जैसी आधारभूत अवसंरचना क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और पेयजल एवं सिंचाई हेतु अवसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए कटिबद्ध है। सरकार ने पानी, सिंचाई और बिजली जैसे प्रोजेक्टों को गति देने के लिये हुडको के साथ 1 लाख करोड़ रुपये का MoU साइन किया है। MoU के तहत आने वाले 5 वर्षों में हुडको द्वारा राज्य सरकार को उपरोक्त इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। इसी क्रम में बुधवार को हुडको ने जल जीवन मिशन के लिए 1,577 करोड़ रुपये का चेक राज

स्टेट हाईवे पर टोल फ्री नहीं होगा —पीडब्ल्यूडी मंत्री दिया कुमारी

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 स्टेट हाईवे पर टोल फ्री नहीं होगा —पीडब्ल्यूडी मंत्री दिया कुमारी छोटा अखबार। विधान सभा में भाजपा विधायक राधेश्याम बैरवा द्वारा स्टेट हाईवे को टोल फ्री करने के सवाल पर पीडब्ल्यूडी मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि स्टेट हाईवे को टोल मुक्त नहीं किया जाएगा। आपको बतादें कि वर्ष 2018 में भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने स्टेट हाईवे पर टोल फ्री किया था। वहीं 2019 में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से टोल चालू कर दिया ।

Illegal Gravel Mining: पुलिस और प्रशासन में तालमेल का अभाव, फायदा बजरी माफियाओं का

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 Illegal Gravel Mining: पुलिस और प्रशासन में तालमेल का अभाव, फायदा बजरी माफियाओं का  छोटा अखबार। जयपुर सहित कई शहरों में बनास बजरी की बढ़ती मांग पुलिस और प्रशासन के लिये सर दर्द बना हुआ है। ताजा मामले के अनुसार सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र में अवैध बजरी खनन का खेल संज्ञान में आया है। लेकिन पुलिस और प्रशासन आपस में अरोप—प्रत्यारोप कर संगीन मामले को हल्का करने और अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आये।  संचार माध्यमों के अनुसार अवैध बजरी खनन का खेल एसडीएम उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई के रात में नदी के औचक निरीक्षण पर सामने आया है। एसडीएम के अनुसार मामला सोमवार को रात पौने दस बजे बनास नदी का है। मौके पर पहुंचे उपखंड अधिकारी ने देखा कि करीब 150 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों द्वारा बड़े तादाद में बजारी का अवैध खनन और परिवहन हो रहा है। उपखंड अधिकारी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुये बताया कि मांजरा देख उन्होने पुलिस सहायता मांगी लेकिन समय पर सहायता नहीं मिलने के कारण खनन माफिया मौके पर दल-बल के साथ बस में सवार होकर आए और उनके द्वारा जब्त ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी छ

गलता ठिकाना किसी की जागीर नहीं —राजस्थान हाईकोर्ट

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गलता ठिकाना किसी की जागीर नहीं —राजस्थान हाईकोर्ट छोटा अखबार। राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को गलता पीठ और उसकी संपत्तियों को लेकर वर्षें से चल रहे गतिरोध पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। काेर्ट ने सरकार को कहा कि गलता पीठ की मूर्ति और मंदिर की देखरेख के लिए महंत पद पर नियुक्ति करें। वहीं गलता पीठ के महंत पद पर अवधेशाचार्य की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने गलता की संपत्ति पर मूर्ति का अधिकार मानते हुए ये फैंसला सुनाया है। और सरकार को इसका संरक्षक बताया। दूसरी और सरकार को कहा कि महाकाल मंदिर और अयोध्या के रामजन्मभूमि मंदिर की तर्ज पर गलता तीर्थस्थल का विकास किया जाए। ये आदेश न्यायाधीश समीर जैन ने स्वर्गीय रामोदराचार्य की पत्नी गायत्री देवी, पुत्र अवधेशाचार्य और सुरेश मिश्रा सहित 7 अन्य याचिकाओं को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। मामले में कोर्ट ने 22 फरवरी को ही सुनवाई पूरी कर ली थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गलता पीठ की सम्पत्ति का संरक्षण और देखरेख के लिए सरकार जिम्मेदार है। महंत रामोदराचार्य के अधिकार सीमित थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि गलता ठिकाना किसी की जागीर और निजी सम्पत्ति नहीं है।