हाई कोर्ट का फैसला, अब अप्राकृतिक मैथुन भी मान्य
हाई कोर्ट का फैसला, अब अप्राकृतिक मैथुन भी मान्य अशोक शर्मा छोटा अखबार। अदालतों ने पहले महिलाओं को किसी भी गैर पुरुष से शारीरिक संबंध बनाने की छूट दे दी और अब पुरुषों को अपनी पत्नी से अप्राकृतिक मैथुन करने को कानूनन मान्य क़रार दे दिया। यद्यपि प्राकृतिक और अप्राकृतिक मैथुन नाम इन्सान ने प्रतिपादित किया है, कुदरत ने शरीर की किसी भी क्रिया को इस तरह विभाजित नहीं किया, न ही कालान्तर में किसी ने इस पर ऊंगली उठाईं। खुजराहो के भित्ति चित्र इस बात के प्रमाण हैं। उनमें भी तथाकथित अप्राकृतिक मैथुन के कई भित्ति चित्र अंकित हैं। चूंकि वे प्राकृत हैं। लेकिन बाद में इन्हें इन्सानों ने ही उचित-अनुचित नाम से विभाजित कर दिया और अनेकानेक पाबंदियां लगा दीं। बाद में इसे कानूनन मान्य और अमान्य करार भी दे दिया गया। लेकिन अब खुद कानून ने इसे गैर कानूनी मानने से इन्कार कर दिया है। अब आगे क्या ॽ निकट भविष्य में वह भी साफ कर दिया जाएगा। अदालतों द्वारा निकट भविष्य में और भी कुछ जो छूट गया हो उसे भी करने का हक दिया जा सकता है। यह बदलते परिवेश का सभ्य समाज है और इसमें अब कुछ भी असंभव नहीं। अगर विवाह के बाद ...