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ईमानदार-गहलोत-की-बेईमानदार-सरकार

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 ईमानदार-गहलोत-की-बेईमानदार-सरकार नन्नू मल तो अपनी वसूली कर रहा था महेश झालानी की कलम से :- छोटा अखबार। अलवर के तत्कालीन कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बतौर रिश्वत पांच लाख रुपये ले भी लिए तो कौनसा बड़ा पहाड़ टूट पड़ा। अलवर में कलेक्टर की पोस्टिंग के लिए बेचारे ने पूरे एक करोड़ रुपये श्रम मंत्री टीकाराम जूली को देने की चर्चा है। इतनी मोटी राशि पहले जगरूप सिंह यादव ने जयपुर कलेक्टर की पोस्ट हथियाने के लिए महेश जोशी को दी बताई।  जयपुर पहला जिला है जहां किसी प्रमोटी आईएएस को कलेक्टर बनाया गया। जगरूप और महेश जोशी के रिश्ते से सब वाकिफ है। साहब के बच्चे को गोद मे उठाने से लेकर उसकी पोटी साफ करने में भी जगरूप कभी पीछे नही रहा। जगरूप ने पोस्टिंग के लिए जो माल दिया, वह उसने छह माह में वसूल कर लिया। इससे पहले भी महेश जोशी ने जगरूप को मलाईदार पोस्टिंग दिलवाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।  जहां तक नन्नू मल का सवाल है, अलवर से पहले सवाई माधोपुर में कलेक्टर पद पर तैनात था। लेकिन माल देने के बाद भी वांछित माल नही आ रहा था। चूंकि जूली और पहाड़िया दोनो एससी से ताल्लुक रखते है। इसके अलावा दोनो के ...

लस्सी पिलाकर मोटा कर सकते हैं, पशुपालक अपने पशुओं को।

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  लस्सी पिलाकर मोटा कर सकते हैं, पशुपालक अपने पशुओं को।  बहुत से पशुपालक अपने पशुओं को मोटा और रोगमुक्त रखने के तरीकों की तलाश करते रहते हैं। ऐसे में वे अपने पशु को लस्सी पिलाकर मोटा कर सकते हैं।    छोटा अखबार। ज़्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को मोटा और रोगमुक्त करने के लिये अंग्रेजी दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आज हम आपके लिए पशुओं को मोटा करने का एक ऐसा उपाय ख़ोज कर लाएं हैं जिससे आपकी जेब से सिर्फ 5 से 10 रुपये ही जायेंगे और आपका पशु तंदरुस्त रहेगा।  किसान भाइयों छोटे जानवरों को लंबी भोजन अवधि की आवश्यकता होती है। वृद्ध जानवरों को मोटा होने के लिए कम समय मिलता है। पशु विशेषज्ञों का दावा है कि यदि आप अपने पशु को लस्सी पिलाते हैं, तो उसमे मौज़ूद पोषक तत्व पशुओं के वजन बढ़ाने के साथ—साथ उनके पेट की बीमारियों से भी निजात दिलाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लस्सी में सफेद नमक बिल्कुल ना मिलाएं। लस्सी में सिर्फ काले नमक और सेंधा नमक मिला कर हीं अपने पशु को दें। इससे पशुओं में भूख बढ़ेगी और 90 दिनों में आपका पशु मोटा हो सकता है। 

हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए किसान करें लोबिया की खेती।

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  हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए किसान करें लोबिया की खेती।  किसान भाई गर्मी के मौसम में हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए लोबिया की खेती कर सकते हैं। क्योंकि यह तेजी से बढ़ने वाली दलहनी चारा फसल है जो अधिक पौष्टिक और पाचक होती है। छोटा अखबार। सामान्यत: गर्मी के मौसम में हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए किसान कई बार कटाई वाली फसल लगाते हैं। इसके लिए लोबिया एक बेहतर विकल्प है। इस फसल को लगाने से किसान हरे चारे की कमी से छुटकारा पा सकते हैं। यह एक तेजी से बढ़ने वाली दलहनी चारा फसल है। यह पौष्टिक और पाचक भी है और इससे पशुओं के दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होती हैं। इस फसल की सबसे अच्छी बात है कि यह खर-पतवार को नष्ट करके मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है, जिससे किसान अगली फसल में लाभ ले सकते हैं। वहीं किसान भाई इसे खरीफ और जायद दोनो मौसम में उगा सकते हैं। ऐसे में यदि आप लोबिया की खेती करना चाहते हैं तो यह समय काफी अच्छा है। इसे आप मार्च के अंत तक लगा सकते हैं। इसके लिये आपको उन्नत किस्मों का ही चुनाव करना चाहिए। लोबिया की उन्नत किस्मों में सबसे ज्यादा प्रचलित कोहिनूर किस्म...

कृषि वैज्ञानिकों ने प्याज की फसल के लिये जारी एडवाइजरी।

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 कृषि वैज्ञानिकों ने प्याज की फसल के लिये जारी एडवाइजरी।  कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह देते हुये कहा कि वे इन दिनों प्याज की खेती का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि इस समय प्याज में थ्रिप्स का आक्रमण और परपल ब्लोस रोग लगने की संभावना रहती है।   छोटा अखबार। मौसम को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह देते हुये कहा कि इस समय प्याज की फसल में थ्रिप्स का आक्रमण हो सकता है। उन्होने कहा कि किसान प्याज की फसल में परपल ब्लोस रोग की निगरानी करते रहें और रोग के लक्षण अधिक पाए जाने पर आवश्यकतानुसार डाईथेन एम-45 / 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से किसी चिपचिपा पदार्थ के साथ मिलाकर छिड़काव करें।  उन्होने कहा कि आम और नींबू में पुष्पन के दौरान सिंचाई ना करें और होपर कीट की निगरानी करते रहें। टमाटर, मटर और बैंगन की फसलों में फलों को फल छेदक कीट से बचाव के लिए किसान खेत में पक्षी बसेरा लगाएं। साथ ही फल छेदक कीट की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंश / 2-3 प्रपंश प्रति एकड़ की दर से लगाएं। यदि ...

गोवर्धन परियोजना से किसानों को होगी अतिरिक्त आमदनी।

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  गोवर्धन परियोजना से किसानों को होगी अतिरिक्त आमदनी।   केन्द्र सरकार किसानों के लिये गोवर्धन परियोजना चलाने जा रही है। इस योजना के तहत गोबर और खेती के कचरे से जैविक खाद जैसे उत्पाद बनाएं जायेंगे। जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी होगी।   छोटा अखबार। पशुपालन और डेयरी मंत्री परुषोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार किसानों के उत्थान हेतु  गोवर्धन परियोजना नामक एक बहु-एजेंसी फ्लैगशिप कार्यक्रम लागू कर रही है। इसके तहत पशु गोबर और कृषि अपशिष्ट का उपयोग करके जैविक उर्वरक और ईंधन बनाने का कार्य किया जायेगा। उन्होने कहा कि ये परियोजना गोबर और खेती के कचरे को कम्प्रेस्ड बायोगैस और जैविक उर्वरकों में परिवर्तित कर सकती हैं। इस परियोजना को विभिन्न योजनाओं के तहत ब्याज में सरकारी मदद देने का प्रावधान भी किया गया है। श्री रूपाला ने कहा कि कई राज्यों में सरकार की तरफ से गाय के गोबर की खरीद की जा रही है, लेकिन कई राज्यों में अभी भी गोबर खरीद की व्यवस्था नहीं बन पाई है। उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों से गाय के गोबर की खरीद की जिम्मेदारी राज्य सरकार की ही है। वहीं इस योजना से किसानों को...

अन्य आरक्षित श्रेणियों की तरह ईडब्ल्यूएस श्रेणी को भी 5 प्रतिशत की छूट दें सरकार —महेश शर्मा

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  अन्य आरक्षित श्रेणियों की तरह ईडब्ल्यूएस श्रेणी को भी 5 प्रतिशत की छूट दें सरकार —महेश शर्मा  छोटा अखबार। राजस्थान विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजकर पीटीईटी परीक्षा 2022 सहित आगे होने वाली अन्य समस्त प्रवेश परीक्षाओं/प्रतियोगी परीक्षाओं में ई.डब्ल्यू.एस. आरक्षित श्रेणी के अभ्यार्थियों को भी अन्य आरक्षित वर्गो की तरह ही न्यनूतम अंकों में 5 प्रतिशत की छूट दिये जाने की मांग की है। शर्मा ने पत्र में कहा कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा आयोजित होने वाली पीटीईटी परीक्षा, 2022 में शामिल होने के लिए स्नातक और स्नोकात्तर परीक्षा में सामान्य वर्ग और आर्थिक पिछडा वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) दोनों वर्गो के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य किये गये हैं, जबकि अन्य आरक्षित श्रेणियों एससी, एसटी, एमबीसी और ओबीसी में न्यूनतम अंक में 5 प्रतिशत की छूट देकर न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक पिछडा वर्ग के अन्तर्गत पात्र अभ्यार्थियों के लिए भी इसी प्रकार न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य किया जाना न्यायोचित होग...

30 साल बाद शनि देव लौटेंगे अपने घर।

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  30 साल बाद शनि देव लौटेंगे अपने घर। छोटा अखबार। पण्डित हरिप्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि ज्योतिष के अनुसार कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। वहीं 30 साल बाद 29 अप्रैल 2022 को शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं। स्वामी ग्रह होने के कारण कुंभ राशि वालों पर इनकी विशेष कृपा रहेगी। इसके अलावा शनि मकर राशि के भी स्वामी हैं। मिथुन राशि इनकी उच्च जबकि मेष निम्र राशि है। श्री त्रिवेदी ने कहा कि शनि देव के कुंभ राशि में प्रवेश करने से तुला, मेष, वृ़षभ, धनु राशि वाले लोगों के लिए शुभ होगा।  साथ हीं कुंभ राशि में शनि के प्रवेश करने से कुंभ राशि वालों पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण शुरु हो जाएगा। मीन राशि वालों पर पहला चरण जबकि मकर राशि वालों पर तीसरा चरण शुरु होगा। इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरु हो जाएगी जबकि तुला राशि और मिथन राशि को ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।