सामाजिक भूमिका निभाने में वकील सबसे ज्यादा विफल रहे हैं —दवे
सामाजिक भूमिका निभाने में वकील सबसे ज्यादा विफल रहे हैं —दवे छोटा अखबार। न्यायपालिका में हुए अतिक्रमणों पर लगातार नजर रखने में बेंच और बार अपनी भूमिका निभा पाने में विफल रहे हैं। अपनी सामाजिक भूमिका निभाने में वकील सबसे ज्यादा विफल रहे हैं। मुझे यह कहते हुए खेद है कि हमारे न्यायाधीश न्याय प्रशासन में अपनी अंतरात्मा की आवाज को भूल गए हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने मानवाधिकार वकील गिरीश पाटे की पुण्यतिथि के मौके पर ऑनलाइन बोलते हुये कहा कि न्यायपालिका में हुए अतिक्रमणों पर लगातार नजर रखने में बेंच और बार अपनी भूमिका निभा पाने में विफल रहे हैं। अपनी सामाजिक भूमिका निभाने में वकील सबसे ज्यादा विफल रहे हैं। मुझे यह कहते हुए खेद है कि हमारे न्यायाधीश न्याय प्रशासन में अपनी अंतरात्मा की आवाज को भूल गए हैं। उन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन में हर सेकेंड याद रखना चाहिए। समचार सूत्रों के अनुसार दवे ने कहा था कि महात्मा गांधी ने कहा था कि कानून की अदालत से बड़ी एक अदालत है, वो है अंतरात्मा की अदालत। दवे ने साफ कहा कि भारत में आपराधिक न्याय प्रणाली अमीरों और शक्तिशाली लो