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विधानसभा ने 15 विधायकों को जारी किए कारण बताओं नोटिस, समाप्त हो सकती सदस्यता

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विधानसभा ने 15 विधायकों को जारी किए कारण बताओं नोटिस, समाप्त हो सकती सदस्यता   छोटा अखबार। रजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें सचिन पायलट सहित लगभग 15 विधायक शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई शुरू की  गई है, जिसके में पार्टी ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से उनकी विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने को कहा है। कांग्रेस की शिकायत पर अध्यक्ष ने इन बागी विधायकों को नोटिस भेजकर 17 जुलाई तक जवाब मांगा है।   आप को बता दें कि पार्टी ने सचिन पायलट पर कार्रवाई करते हुए उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही उनके समर्थन में उतरे दो मंत्रियों- रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को भी उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। अब उन बाकी विधायकों पर कार्रवाई की जा रही है, जो संभावित रूप से पायलट खेमे में बताये जा रहे है। पार्टी की ओर से कार्रवाई के बाद सचिन पायलट ने ट्विटर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। देखना यह है कि अब...

जम्मू कश्मीर में 72 साल पुरानी परंपरा टूटी, नहीं मना शहीद दिवस

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जम्मू कश्मीर में 72 साल पुरानी परंपरा टूटी, नहीं मना शहीद दिवस छोटा अखबार। जम्मू कश्मीर में 13 जुलाई को धूमधाम से मनाए जाने वाला कार्यक्रम शहीद दिवस नहीं मनाया गया। यह कार्यक्रम डोगरा शासक महाराज हरिसिंह के सैनिकों की गोलीबारी में मारे जाने वालों की याद में हर वर्ष मनाया जाता है। सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर में राजपत्रित अवकाश से 13 जुलाई को हटा दिए गया है।  बता दे कि पिछले वर्ष पांच अगस्त 2019 को केंद्र ने धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर दिये थे। शहीद दिवस मनाने और सरकारी छुट्टी का प्रावधान नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 13 जुलाई 1948 में किया था।  

पीटीआई पर 84 करोड़ का लगाया जुर्माना

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पीटीआई पर 84 करोड़ का लगाया जुर्माना छोटा अखबार। केन्द्र सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के विभाग ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को नोटिस भेजकर 84.48 करोड़ रुपये के जुर्माना जमा कराने को कहा है।  समाचार सूत्रों के अनुसार सात जुलाई को आवास एवं शहरी मंत्रालय ने पीटीआई को यह नोटिस भेजा है। मंत्रालय ने पीटीआई पर जमीन का दुरुपयोग और इसे क्षति पहुंचाए जाने का आरोप लगाया है। नोटिस में कहा गया है कि प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को गैर न्यायिक स्टांप पर हलफनामा देना होगा और बताना होगा कि एक अप्रैल 2016 से पहले प्रभावी संशोधित जमीन दरों के अनुसार  जमीन के गलत इस्तेमाल/नुकसान शुल्क का भुगतान करना होगा। साथ ही एजेंसी ने जो भी उल्लंघन किए हैं, वो 14 जुलाई तक दूर करेगी या शुल्क जमा करा कर इन्हें नियमित करेगी।नोटिस में यह भी कहा है कि नियत समय पर भुगतान नहीं करने पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जायेगा और ऑफिस परिसर का उपयोग मास्टर प्लान के अनुसार किया जायेगा। पीटीआई को चेतावनी दी है कि शर्तों का पालना नहीं होने पर रियायत वापस ले ली जाएगी। जानकारी के लिये बता दे कि मंत्रालय का यह नोटिस रा...

भारद्वाज बने जयपुर शहर जिला महामंत्री

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भारद्वाज बने जयपुर शहर जिला महामंत्री   छोटा अखबार। श्रीरामकृष्ण दास महाराज सेवा समिति ने सर्वसहमति से सत्यवीर भारद्वाज को जयपुर शहर जिला महामंत्री पद पर मनोनित किया है। समिति ने आशा प्रकट की है कि भारद्वाज जयपुर शहर में  सदैव जन-कल्याण कार्य के लिए तत्पर रहेंगे।

राजनीतिक गलियारों में बकवासों की बरसात

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राजनीतिक गलियारों में बकवासों की बरसात अनिल त्रिवेदी छोटा अखबार। प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिये मंत्रिमंडल का विस्तार जी का जंजाल बन गया है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हुई और उसके बाद अब फिर से कई राजनीतिक कयास लगाए जा रहे है।  इसकी वजह सचिन पायलेट बताए जा रहे हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वो अपने करीबियों को मलाईदार विभाग दिलवाना चाहते हैं। प्रदेश में अफवाओं का बाजार गर्म है। कई समाचार चेनल अपनी टीआरपी बढ़ानें के चक्कर में जनता गुमराह कर रहे है, वहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई है। मंत्रिमंडल को लेकर खींचतान ऐसी है कि अपने खेमें के लोगों को मंत्री बनाने और शपथ दिलाने में उतावले हो रहे है। मसले का हल निकालने के लिये दिल्ली तक दौड़ लगा रहे है। रातों की नींद हराम हो रही है। वहां कुछ दिन और घंटो का प्रवास कर वापस जयपुर की ओर लौट रहे है, मगर हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। लगातार यही कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो जाएगा।  शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठकों का दौर चला और बकवासों की बरसात हुई और अभी भी जारी है। लेकिन अब तक भी फैसला नह...

देश में पहला मजदूरी संहिता सितंबर तक

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देश में पहला मजदूरी संहिता सितंबर तक छोटा अखबार। अगस्त 2019 में संसद ने प्रत्येक कर्मचारी के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने और कामगारों के भुगतान में देरी जैसे मामलों के समाधान की संहिता को मंजूरी दे दी थी। समाचार सूत्रों के अनुसार श्रम सुधारों से जुड़ा पहला कानून ‘मजदूरी संहिता’ सितंबर तक लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है। मंत्रालय ने सभी पक्षों की राय लेने के लिए इसे सार्वजनिक किया है श्रम मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार संहिता पर नियमों के सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिये सात जुलाई से 45 दिनों का समय दिया है। मंत्रालय ने सात जुलाई को ही उसे राजपत्र में अधिसूचित किया है। प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद इसे सितंबर से क्रियान्वित करने कयास लगाये जा रहे है। वहीं श्रम मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि इससे देश में करीब 50 करोड़ कामगारों का हित होगा। बता दें कि मजदूरी संहिता विधेयक, 2019 में मजदूरी, बोनस और उससे संबंधित मसलों  से जुड़े कानून को संशोधित और एकीकृत किया गया है। राज्यसभा ने इसे दो अगस्त 2019 और लोकसभा ने 30 जुलाई, 2019 को पारित कर दिया था। इस संहिता में चार श्रम कानून को ...

“हम दो-हमारे दो” का नारा इंदिरा गांधी ने भी दिया था, मंत्री जी

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“हम दो-हमारे दो” का नारा इंदिरा गांधी ने भी दिया था, मंत्री जी   छोटा अखबार। विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित वर्चुअल राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए हमें “हम दो-हमारा एक” नारे को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के चलते संसाधनों के अभाव में विकास अधूरा रह जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की टीएफआर (टोटल फर्टिलिटी रेट) 2.5 है और इसे कम कर 2.1 पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।  लेकिन मंत्री जी शायद ये भूल रहे है कि दशकों पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने भी इसी तरह का एक नरा दिया था “हम दो-हमारे दो” जिसका प​रिणाम समूचा देश जनता है। यदि राज्य सरकार इस नारे को लेकर गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक जायेगी तो आने वाले समय में सरकार को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं सयाने लोगों का कहना है कि सरकार को इस तरह के नारे देने के बजाय संसाधनों के विस्तार और विकास के नये आयामों पर जोर देना चाहिए जैसे कि ‘निरोगी राजस्थान‘। टोटल फर्टिलिटी रेट को कम करने...