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कोरोना जागरूकता अभियान में सरकारी धन का दुरुपयोग —जनहित याचिका दायर

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कोरोना जागरूकता अभियान में सरकारी धन का दुरुपयोग —जनहित याचिका दायर छोटा अखबार। कोरोना जागरूकता अभियान के नाम पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही धन की बर्बादी के सम्बंध में पत्रकार महेश झालानी की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका में मुख्य सचिव के अलावा भारत सरकार, राजस्थान के अतिरिक्त  मुख्य सचिव वित्त एवं स्वास्थ्य, जन सम्पर्क विभाग के प्रमुख शासन सचिव और आयुक्त को पक्षकार बनाया गया है।  याचिका में कहा गया है कि एक तरफ राज्य सरकार ने कोविड—19 के नाम पर कर्मचारियों के वेतन और भत्तो में कटौती की है, जनता के समक्ष गिड़गिड़ाकर मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि जमा करने की अपील की थी । दूसरी ओर सरकार अपनी झूठी वाहवाही के लिए अखबार आदि में पूरे पेज के विज्ञापन देकर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही है। याचिका में उल्लेख किया गया है कि राज्य की वित्तीय स्थिति खराब होने की वजह से सरकारी खजाना खाली है। लिहाजा कई विभागों के कर्मचारियों को वेतन देने में राज्य सरकार असहाय है। ऐसे में जागरूकता अभियान के नाम पर विज्ञापन जारी करना सरासर धन की बर्बादी के अलावा...

लुटाया जाएगा सरकारी खजाना, सरकार अब बताएगी सीता कौन थी?

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लुटाया जाएगा सरकारी खजाना, सरकार अब बताएगी सीता कौन थी? महेश झालानी  वरिष्ठ पत्रकार  छोटा अखबार। बाई गॉड ! आज ही पता लगा कि कोरोना है प्रदेश की जनता को दूरदर्शी और बुद्धिमान मुख्यमंत्री माननीय श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने आज पूरे पेज के विज्ञापन के जारी कर लोगों को पहली बार बताया है कि प्रदेश कोरोना से पीड़ित है। प्रदेश की जनता को तत्काल प्रभाव से जागरूक करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी को पद्म विभूषण से सम्मानित करना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा अपनी पब्लिसिटी के नाम पर खजाने को खाली किया जा रहा है । उपलब्धि के नाम पर रोज पेट्रोल-डीजल के दामो में इजाफा और बिजली की दरों में भारी वृद्धि । जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने एक भी ऐसा कार्य नही किया गया है जिसे उपलब्धि की सूची में शामिल किया जाए । इसी कड़ी में आज से कोरोना जागरूकता अभियान के नाम पर सरकारी धन को स्वाहा करने का तमाशा प्रारम्भ किया जा रहा है। देश की जनता पेट्रोल-डीजल के रोज बढ़ते भावों से कराह रही है । बिजली के बिल जमा कराने के लिए लोगो के पास पैसे नही है । ऐसे में राहत देने के बजाय केंद्र और ...

कोरोना के इलाज में अधिक वसूली पर होगी सख्त कार्रवाई -मुख्यमंत्री 

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कोरोना के इलाज में अधिक वसूली पर होगी सख्त कार्रवाई -मुख्यमंत्री  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी से लड़ने के क्रम में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए राजस्थान के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के बिल को नियत्रिंत करने का संवेदनशील निर्णय लिया है। प्रदेश में निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रूपये प्रति जांच और अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रूपये प्रतिदिन वहीं वेन्टीलेटर सहित आईसीयू बेड का 4000 रूपये प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकेंगे। गहलोत ने कोरोना संक्रमण की स्थिति पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से अधिक बिल की वसूली ना हो। कहा कि मरीजों से अधिक पैसा वसूलने वाले अस्पताल या लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने कोरोना पोस्टर किया जारी, प्रत्येक प्रतिष्ठान पर लगाना होगा जरूरी

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सरकार ने कोरोना पोस्टर किया जारी, प्रत्येक प्रतिष्ठान पर लगाना होगा जरूरी छोटा अखबार। गृह विभाग ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए जारी पोस्टर को प्रत्येक कार्यालय एवं कार्यस्थल के प्रमुख राजकीय, निजी, शैक्षणिक संस्थान, कारखानें, शॉपिंग मॉल्स, बैंक, शोरूॅम्स आदि एवं प्रत्येक दुकानदार द्वारा अपने परिसर के प्रवेश-द्वार पर पोस्टर का प्रदर्शन करना जरूरी किया है।  गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर प्रत्येक व्यवसायिक संगठन (व्यापार मण्डल) एवं मंडी संगठन भी इस पोस्टर को सम्बद्ध बाजार एवं मंडी के मुख्य द्वार पर प्रदर्शित करना आवश्यक किया है। पोस्टर में कोरोना से बचाव के उपाय अपनाने, मास्क पहनने, दो गज की दूरी बनाये रखने एवं बार बार हाथ धोने तथा सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने का उल्लेख किया है।

बिना लाइसेंस के हैंड सैनिटाइजर की बिक्री पर औषधि नियंत्रण संगठन की कार्यवाही

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बिना लाइसेंस के हैंड सैनिटाइजर की बिक्री पर औषधि नियंत्रण संगठन की कार्यवाही छोटा अखबार। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर औषधि नियंत्रण सगंठन द्वारा बिना लाइसेंस के विक्रय किए जा रहे हैंड सैनिटाइजर की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए मानसरोवर स्थित फर्म पोरवाल हैल्थकेयर एजेन्सी पर छापामार कार्यवाही की गई।  औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा के अनुसार सहायक औषधि नियंत्रक महेन्द्र जोनवाल, औषधि नियंत्रण अधिकारी अमन ठाकुर व तीन अन्य औषधि नियंत्रण अधिकारियों की टीम गठित कर मौके पर बिना लाइसेंस की फर्म पर 100 मिलीलीटर एवं 500 मिलीलीटर के कुल 647 बोतल अर्बन यूनाइटेड हैंड सेनिटाइजर संधारित पाए गए जिनके क्रय विक्रय बिलों की जांच करने पर पाया गया कि उक्त बिल किसी अन्य फर्म के नाम से जारी किए जा रहे थे तथा पोरवाल हैल्थथकेयर एजेन्सी द्वारा बेचे जा रहे थे। बताया जा रहा है कि लाइसेंस से सम्बन्धित पूछताछ करने पर फर्म के मालिक ने बताया कि उसके पास औषधि के व्यवसाय से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है। उन्होंने बताया कि नकली होने के संदेह के आधार पर हैंड सेनिटाइजर के सेम्पल लि...

Contribution of industries of the state against COVID-19

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Contribution of industries of the state against COVID-19 छोटा अखबार। The unforeseen pandemic of COVID while pushed the industries across the nation in lockdown, many of such institutions in Rajasthan rose up to the challenge and took innovation to defeat the disease. Appreciating the rapid response from the industries in the direction, additional chief secretary Industries to the government of Rajasthan, Dr Subodh Agarwal said that the industries by taking up the task to produce PPE, masks and other protective supplies helped in the prevention of the disease spread. Previously, the country was largely dependent on foreign supplies for the protective kits, however, the following support from the government more and more indigenous firms ventured in the direction. According to the officials, the industries in the state have produced more than 2 lakh PPE kits, hundreds of thousands of Masks, and sensitizers.  As many companies made switched on to the protective kit manufacturing, it w...

राजस्थान-यू पी बॉर्डर पर 172 किलो गांजा जप्त, 4 तस्कर गिरफ्तार

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राजस्थान-यू पी बॉर्डर पर 172 किलो गांजा जप्त, 4 तस्कर गिरफ्तार   छोटा अखबार। पुलिस मुख्यालय की क्राईम ब्रांच ने गुरूवार सुबह राजस्थान-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर एक लग्जरी गाड़ी में पश्चिम बंगाल से आ रहे एक वांछित अपराधी सहित 4 तस्करों को गिरफ्तार कर एक क्विंटल 72 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ गांजा जब्त करने में सफलता हासिल की है। पुलिस मुख्यालय द्वारा अभियान चलाया जाकर करीब 9 माह में 10 हजार 429 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त कर रिकॉर्ड कार्यवाही की गई है। पुलिस महानिदेशक (अपराध) भगवान लाल सोनी ने बताया कि क्राईम ब्रांच की स्पेशल यूनिट को सूचना मिली थी कि पश्चिम बंगाल से एक लग्जरी गाड़ी में अवैध मादक पदार्थों की बड़ी खेप आने वाली है। इस सूचना पर स्पेशल टीम के नेतृृत्व में अन्तर्राज्यीय तस्करी की रोकथाम का टास्क लेकर एक टीम बुधवार शाम को राजस्थान-उत्तरप्रदेश सीमा पर रवाना हुई।  महानिदेशक के अनुसार टीम ने राजस्थान-उत्तरप्रदेश सीमा पर स्थानीय पुलिस बल के साथ देर रात से कड़ी नाकाबंदी कर राजस्थान में आने वाले प्रत्येक एसयूवी और अन्य लग्जरी वाहनों की तलाशी लेनी शुरू की। इस दौरान मध्यरात्रि करीब ती...