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उत्तराखंड सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण किया समाप्त

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उत्तराखंड सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण किया समाप्त छोटा अखबार। देश में उत्तराखंड सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को समाप्त कर दिया है। समाचार सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह बड़ा फ़ैसला लिया है। इसके साथ ही प्रदेश में सरकार ने लगी प्रमोशन पर रोक को भी हटा लिया है। उत्तराखंड में लंबे समय से चल रहे सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण का गतिरोध अब समाप्त होगया है। आरक्षण समाप्त के आदेश के बाद आंदोलन कर रहे जनरल-ओबीसी के कर्मचारियों ने भी अपनी हड़ताल भी ख़त्म कर दी है। बता दें की प्रदेश में जनरल-ओबीसी के कर्मचारी दो मार्च से प्रमोशन में आरक्षण को ख़त्म करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों की मांग थी कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन पर लगी रोक हटाई जाए और आरक्षण समाप्त करने के साथ ही रोस्टर में की गई नई व्यवस्था को यथावत रखा जाए।

मई से प्रदेश में टिड्डी का प्रकोप फिर बढ़ सकता है -मुख्यमंत्री

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मई से प्रदेश में टिड्डी का प्रकोप फिर बढ़ सकता है -मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार किसान कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। सरकार की मंशा के अनुरूप अधिकारी ऎसी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें कि किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को हुए नुकसान के लिए सहायता के रूप में कृषि आदान-अनुदान राशि का वितरण जल्द शुरू किया जाए। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम की राशि समय पर जमा नहीं करवाने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हमारी सरकार ने उसका भार वहन किया। निर्देश दिए कि आगे से यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रीमियम की राशि समय पर जमा हो।  मुख्यमंत्री ने टिड्डी के प्रकोप के कारण प्रदेश के करीब 8 जिलों में फसलों में हुए नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि

राज्य में कोरोना से बचाव के लिए सर्वदलीय एवं सर्वसमाज की बैठक

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राज्य में कोरोना से बचाव के लिए सर्वदलीय एवं सर्वसमाज की बैठक छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी धर्मगुरूओं, विभिन्न समुदाय एवं समाजों के प्रतिनिधियों तथा सभी विपक्षी दलों के नेताओं से प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से इस महामारी के संक्रमण को सीमित कर लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। फिलहाल प्रदेश में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन अगले 2-3 सप्ताह तक लोगों को भीड़भाड से दूर रखना बेहद जरूरी है।  गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं और धर्मगुरूओं तथा विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों में कहा कि यदि प्रदेश की जनता अगले 15-20 दिन तक सामाजिक व्यवहार कम रखेगी और भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचेगी तो हम इस बीमारी से जीत जाएंगे। किसी धार्मिक स्थल पर ताला नहीं लगे, लेकिन धर्मगुरू और समाजों के पदाधिकारी ऎसा माहौल बनाएं कि श्रद्धालु स्वयं धर्मस्थलों पर नहीं आएं।  धर्मगुरूओं ने जारी की संयुक्त अपील। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विभिन्न सम्प्रदायों के धर

रिफाइनरी से राज्य का चहुंमुखी विकास होगा -मुख्यमंत्री

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रिफाइनरी से राज्य का चहुंमुखी विकास होगा -मुख्यमंत्री                                                                              छोटा अखबार। राज्य सरकार बाड़मेर के पचपदरा में रिफाइनरी की स्थापना के साथ-साथ प्रदेश में नए तेल अन्वेषण कार्यों को भी प्राथमिकता दे रही है। इससे रिफाइनरी में तेल शोधन शुरू होने के बाद स्थानीय स्तर पर ही पर्याप्त क्रूड ऑयल उपलब्ध हो सकेगा और प्रदेश के बाहर से तेल का आयात नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्रीअशोक गहलोत ने सोमवार को पचपदरा में एचपीसीएल एवं राजस्थान सरकार के संयुक्त उपक्रम एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी के निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा बैठक में यह बात कही।  गहलोत ने कहा रिफाइनरी का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कार्य के लिए आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। रिफाइनरी प्रोजेक्ट की बिंदुवार समीक्षा की और कहा कि इस प्रोजेक्ट के विभिन्न चरणों के कार्य तय समय पर पूर्ण कर लिए जाएं। रिफाइनरी क्षेत्र में आवश्यकता के अनुसार पानी एवं बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पर भी व्यापक चर्चा की।  मु

सार्वजनिक स्थल पर 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी -मुख्यमंत्री

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सार्वजनिक स्थल पर 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी -मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी और दिशा-निर्देशों के क्रम में प्रदेश में सभी सार्वजनिक स्थलों पर 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। यह प्रतिबंध फिलहाल 31 मार्च तक लागू रहेगा और उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर समुचित निर्णय लिया जाएगा।  सोमवार को देर रात्रि मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना के संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि संक्रमण का रोकथाम ही इस बीमारी से सर्वोत्तम बचाव है। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बड़े रूप में जन-जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न देशों में इस बीमारी से लड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों से सबक लेते हुए यह आवश्यक है कि लोग भीड़-भाड़ से बचें तथा बहुत अधिक आवश्यक होने पर सार्वजनिक स्थलों पर जाएं। उन्होंने कहा कि इस क्रम में राज्य सरकार ने प्रदेश में सभी पर्यटन स्थ

सीएए क़ानून पर प्रदेश सरकारों से बात करे केन्द्र सरकार -संघ

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सीएए क़ानून पर प्रदेश सरकारों से बात करे केन्द्र सरकार -संघ छोटा अखबार। सोमवार 16 मार्च 2020 को बंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कहा है कि की मौजूदा सरकार को इसे लेकर प्रदेश सरकारों से बात करनी चाहिए। केंद्र सरकार का फर्ज़ है कि वो मुद्दों को लेकर राज्य सरकारों से बात करें और उनके साथ सहमति बनाए। बता दे कि देश में अब तक कुल ग्यारह राज्य विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रस्ताव पास कर चुके है। इन राज्यों में में केरल, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और दिल्ली शामिल हैं। जोशी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को इस मामले में अपने मतभेदों को दूर कर समाधान खोजना खेजना  चाहिए। इस मामले में केवल भाजपा ही नहीं बल्कि सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए और इस पर चर्चा करनी चाहिए। इस मामले में भाजपा को पहल करनी चाहिए क्योंकि सत्ता में है तो उनकी ज़िम्मेदारी है।

कोरोना का डर अब मंदिरों में भी

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कोरोना का डर अब मंदिरों में भी छोटा अखबार। देश में लगता है कि कोरोना वायरस का डर अब मंदिरों के दरवाज़े तक पहुंच गया है। सोमवार को मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर प्रशासन ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से वे मंदिर बंद कर रहे हैं। मुंबई समाचार सूत्रों के अनुसार सिद्धि विनायक मंदिर अगले आदेश तक बंद रहेगा। बताया जा रहा है कि देश में महामारी शुरू होने के बाद से ही मंदिर प्रशासन नियमित रूप से साफ़-सफ़ाई का ख्याल रख रहा था। वहीं दुसरी ओर मंदिर में काम करने वाले लोगों को और दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क और हैंड सैनिटाइज़र मुहैया कराया जा रहा था।  मंदिर प्रशासन का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार की अपील के बाद मंदिर प्रशासन ने ये फ़ैसला लिया। समाचार सूत्रो का यह भी कहना है कि जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर में भी आने वाले श्रद्धालुओं को थर्मल स्कैनर से जांच के बाद ही जाने की इजाजत दी जा रही है।