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31 मार्च तक आधार, पैन को करें लिंक, नहीं तो पैन कार्ड रद्द

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31 मार्च तक आधार, पैन को करें लिंक, नहीं तो पैन कार्ड रद्द छोटा अखबार। 31 मार्च 2020 तक अगर आपने अपने आधार कार्ड को पैन कार्ड के साथ लिंक नहीं किया तो पैन कार्ड से जुड़े कुछ काम रुक सकते हैं और पैन कार्ड को रद्द भी किया जा सकता है।आधार-पैन लिंक के लिए तारीख को कई बार आगे बढ़ाया गया है और अब इसके लिए आख़िरी तारीख़ 31 मार्च है जिसके बाद पैन अन-ऑपरेटिव हो जाएगा। आयकर विभाग के अनुसार आयकर रिटर्न भरने के लिए पैन कार्ड की ज़रूरत होती है। दोनों दस्तावेज़ लिंक न होने पर लोगों को कुछ परेशानी आ सकती है। हालांकि दोनों दस्तावेज़ों को 31 मार्च के बाद भी लिंक किया जा सकेगा। लेकिन इस तारीख के बाद पैन को आधार से लिंक करने पर वह उसी दिन से माना जाएगा जिस दिन उसे लिंक किया जाएगा। आयकर विभाग ने अपनी वेबसाइट पर आधार पैन लिंक करने की ऑनलाइन सुविधा दी है। साथ ही अगर कोई ये देखना चाहे कि उसका आधार और पैन लिंक हुए हैं या नहीं तो वो भी आसानी से ऑनलाइन देखा जा सकता है।  

सुशासन ही सरकार का मुख्य उद्देश्य — मुख्यमंत्री

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सुशासन ही सरकार का मुख्य उद्देश्य — मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आमजन से जुड़े छोटे-छोटे कामों के लिए लोगों का राजधानी तक आना गंभीर बात है। ऎसे मामलों में जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही सामने आती है, उनकी जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने कहा कि सुशासन ही सरकार का मुख्य उद्देश्य है और जिला कलेक्टर इसकी महत्वपूर्ण कड़ी हैं। वे कप्तान की तरह सभी विभागों से समन्वय कर बेहतर सर्विस डिलीवरी सुनिश्चित करें। गहलोत मुख्यमंत्री कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलक्टरों के साथ मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में दवाओं की उपलब्धता, अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों की स्थिति, टीकाकरण, सिलिकोसिस एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार के प्रकरणों में सहायता, मुख्यमंत्री जनसुनवाई एवं सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की जनसुनवाई को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्रों को कलेक्टर स्वयं देखें। उन्होंने कहा कि सम्पर्क पोर्टल तथा मुख्यमंत्री जनसुनवाई के प्रकरणों की जिला कलेक्टर साप्ताहिक स...

गुजरात में छात्राओं से जबरन जाँच के लिए अंडरवियर उतरवाए

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गुजरात में छात्राओं से जबरन जाँच के लिए अंडरवियर उतरवाए छोटा अखबार। गुजरात के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीच्यूट (SSGI) के होस्टल की छात्राओं से कथित तौर पर जबरन इस बात की जाँच के लिए अंडरवियर उतरवाए गए कि उन्हें कहीं पीरियड्स तो नहीं हो रहे। गुजरात समाचार सूत्रो के अनुसार होस्टल प्रमुख ने प्रिंसिपल से शिकायत की थी कि कुछ लड़कियों ने पीरियड्स के दौरान छात्रावास की धार्मिक परंपरा की अवमाननना की है। इस शिकायत के बाद छात्राओं को स्वामीनारायण संप्रदाय के नियमों को लेकर सख़्त बातें कही गईं और कहा गया कि जो भी छात्रा पीरियड्स से ग़ुजर रही है वो अपनी इच्छा से सामने आए। छात्राओं का कहना है कि इस घटना से उन्हें मानसिक सदमा पहुँचा है और वे इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की माँग कर रही हैं। गुजरात महिला आयोग की अध्यक्ष लीलाबेन अंकोलिया ने खबरनविसों को बताया कि आयोग की ओर से पुलिस के सामने चार लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई है जिनमें कॉलेज की प्रिंसिपल भी शामिल हैं। इस घटना की जाँच के लिए एक समिति गठित की है जो कॉलेज का दौरा करेगा। वहीं कॉलेज प्रशासन ने इस घटना पर हैरानी जत...

राजस्थान विधानसभा में मुख्यमत्री का जवाब 

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राजस्थान विधानसभा में मुख्यमत्री का जवाब  छोटा अखबार। राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर अग्रेत्तर वाद—विवाद पर मुख्यमत्री के जवाब का सीधा प्रसारण जी ओ न्यूज राजस्थान  पर।

गांधीजी को भगत सिंह से दिक्कत क्यों थी?

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गांधीजी को भगत सिंह से दिक्कत क्यों थी? छोटा अखबार। भारत सरकार के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने गुजरात यूनिवर्सिटी में कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भगत सिंह और अन्य क्रांतिकारियों को बचाने का प्रयास नहीं किया और आरोप लगाया कि भारत में स्वतंत्रता के इस वैकल्पिक इतिहास को दबाने के लिए क्रांतिकारियों की कहानी को जानबूझकर तोड़ा मरोड़ा गया था। खबर सूत्रों के अनुसार गुजरात यूनिवर्सिटी में भाषण देते हुए सान्याल ने कहा कि यह कहानी भारत की स्थापित राजनीति और स्वतंत्रता के बाद अंग्रेजों दोनों के लिए असुविधाजनक थी। सान्याल ने जोर देते हुए कहा कि क्रांतिकारियों के इस नजरिए को स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाना चाहिए। यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्टी से कहा कि यह कहना मुश्किल है कि क्या महात्मा गांधी भगत सिंह या किसी अन्य क्रांतिकारी को फांसी से बचाने में सफल होते क्योंकि तथ्य मौजूद नहीं है। लेकिन उन्होंने इसका बहुत ज्यादा प्रयास नहीं किया। गांधी हिंसा को लेकर पर्याप्त खुश थे। अगर प्रथम विश्व युद्ध के लिए वे भारतीय सैनिकों को ब्रिटिश सेना में भेजने को तैयार थे तब उन्हें उ...

नाबालिग को जेल में नहीं रखा जा सकता है — सुप्रीम कोर्ट

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नाबालिग को जेल में नहीं रखा जा सकता है — सुप्रीम कोर्ट छोटा अखबार। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने कहा है कि किसी नाबालिग को जेल में या पुलिस हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। साथ ही न्यायालय ने साफ किया कि किशोर न्याय बोर्ड मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता है। देश में सभी किशोर न्याय बोर्ड को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की अक्षरश: भावना का पालन करना ही चाहिए। बच्चों के संरक्षण के लिए बने कानून की उपेक्षा किसी के द्वारा नहीं की जा सकती। कम से कम पुलिस के द्वारा तो बिल्कुल भी नहीं।    न्यायालय ने यह बात उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में  बच्चों को कथित रूप से पुलिस हिरासत में रखकर प्रताड़ित करने के मामले कही।  समाचार सूत्रों के अनुसार न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बाल अधिकार संरक्षण आयोग को आरोपों की जांच करने के निर्देश भी दिये है। जवाब पेश करने के लिये कोर्ट ने   तीन हफ़्तों का समय दिया है।  कोर्ट ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 10 के तहत पुलिस द्वारा पकड़े गए बच्चे को विशेष किशो...

विधासभा का प्रश्नकाल जवाब - उद्योग मंत्री का

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विधासभा का प्रश्नकाल जवाब - उद्योग मंत्री का छोटा अखबार। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसी भी उद्योग पर प्रतिबंध नहीं है तथा सरकार द्वारा लगातार उद्योग लगाने के लिए भूमि का आवंटन किया जा रहा है। प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होेंने कहा कि पाली के नया गांव में पावरलूम उद्योग लग सकता है तथा 6 अगस्त 2014 को पावरलूम उद्योग को सामान्य उद्योग में परिवर्तित किया गया है। उन्होेंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चूड़ी उद्योग पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है तथा केन्द्र सरकार द्वारा पर्यावरण स्वीकृति के तहत इस औद्योगिक क्षेत्र में ए तथा बी कैटेगरी के उद्योग लगाया जाना प्रतिबंधित है। इस औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों की इच्छानुसार 30 भूखण्डों को इसी माह नीलामी के तहत स्वीकृत किया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि राज्य सरकार की किसी भी उद्योग को प्रतिबंध करने की कोई मंशा नहीं है। विधायक ज्ञानचंद पारख के मूल प्रश्न के जवाब में मेघवाल ने कहा कि पाली में रीको द्वारा 274.41 एकड़ भूमि पर औद्यो...