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रैली में जवाब दे कितने किसानों के कर्जे माफ हुए — भाजपा

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रैली में जवाब दे कितने किसानों के कर्जे माफ हुए — भाजपा छोटा अखबार।  राहुल गांधी की 'युवा आक्रोश रैली' पर मसखरी करते हुये बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राहुल गांधी की रैली अल्बर्ट हॉल पर आयोजित की जा रही है जहां कवि सम्मेलन होते हैं। मीडिया से बात करते हुए पूनिया ने कहा कि कांग्रेस युवाओं और वर्ग विशेष के लोगों को गुमराह करके देश में अराजकता फैलाने का प्रयास कर रही है।  पूनिया ने कहा, कांग्रेस पहले भी कथित शांतिमार्च निकाल चुकी है। वह कैसा शांतिमार्च था यह इसी से जाहिर है कि उस समय उपद्रव की आशंका के चलते इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। रैली में राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि कि उन्होंने पिछले चुनाव में 10 दिन में किसानों के कर्जे माफ करने के का वायदा किया था, लेकिन कितने किसानों के कर्जे माफ हुए यह सर्वविदित है। कर्ज के बोझ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारों को भत्ता देने का वायदा किया गया जो पूरा नहीं किया गया। पूनिया ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने आनन फानन में विधानसभा सत्र बुलाया, जबकि इसकी विधिवत सूचना 21 दिन पहले दी जानी चाहिए थी। एससी एसटी प...

भारत की आत्मा खतरे में — देश की हस्तियां

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भारत की आत्मा खतरे में — देश की हस्तियां छोटा अखबार। देश में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसला ओर गहराता जा रहा है। हालहि में करीब 300 से ज़्यादा हस्तियों ने सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे लोगों के साथ होने की एकजुटता प्रकट की। इनमें फिल्म निर्माता मीरा नायर, गायक टीएम कृष्णा, लेखक अमिताव घोष, इतिहासकार रोमिला थापर और नसीरुद्दीन शाह जैसे कई प्रमुख लोग शामिल है।  समाचार सूत्रों के अनुसार इन हस्तियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी भारत के लिए खतरा हैं। हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले और बोलने वालों के साथ खड़े हैं। संविधान के बहुलवाद और विविध समाज के वादे के साथ भारतीय संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए उनके सामूहिक विरोध को सलाम करते हैं। हम इस बात से भी अवगत हैं कि हम हमेशा उस वादे पर खरे नहीं उतरे हैं और हममें से कई लोग अक्सर अन्याय को लेकर चुप रहते हैं। वक्त का तकाज़ा है कि हम सब अपने सिद्धांत के लिए खड़े हों। अपने अलग अलग बयानों पर हस्ताक्षर करने वाली हस्तियों में प्रमुख रूप से समाजशास्त्री आशीष नंदी, लेखिका अनीता देसाई, अभिनेत्री र...

सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा — यूरोपीय संसद

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सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा — यूरोपीय संसद छोटा अखबार। देश में चल रहा नागरिकता संशोधन क़ानून का मुदृदा खत्म होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। समाचार सूत्रों के अनुसार भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून और कश्मीर पर चर्चा के लिए यूरोपीय संसद में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव में बताया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून भारत में नागरिकता देने की प्रक्रिया में एक ख़तरनाक बदलाव किया है। जिससे एक ऐसा संघर्ष जन्म लेगा जिससे कई लोग बिना देश के हो जाएंगे और सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा। 29 जनवरी 2020 को इस प्रस्ताव पर यूरोपीय संसद में बहस होगी। इसके एक दिन बाद  मुद्दे पर संसद मतदान करेगी। दूसरी ओर भारतीय विदेश मंत्रालय से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।  

संविधान की मूल भावना के अनुरूप बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण

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संविधान की मूल भावना के अनुरूप बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण   छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इस पावन पर्व पर हम सभी संविधान की मूल भावना के अनुरूप आपसी सद्भाव के साथ देश की एकता और अखण्डता को बनाए रखें। गहलोत ने गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण के बाद जनसमूह को सम्बोधित किया। उन्होने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की भावना के अनुरूप हम सभी को साथ लेकर चलें। महात्मा गांधी के नेतृत्व में पं. जवाहर लाल नेहरू, मौलाना आजाद सहित अन्य महान नेताओं के लम्बे संघर्ष के बाद देश को आजादी मिली। उनके योगदान के बलबूते ही आज हम इस मुकाम पर खडे़ हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह शहीद हो गए, लेकिन देश को तोड़ने वाली ताकतों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन संवैधानिक मूल्यों में लोगों की आस्था का प्रतीक है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि संविधान की भावना के अनुरूप मुल्क चले और आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों का आह्वान ...

राजस्थान में सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित

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राजस्थान में सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित छोटा अखबार। राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर, केंद्र सरकार से कानून को रद्द करने का अनुरोध किया है। प्रस्ताव में कहा गया कि संसद में हाल ही में पारित किए गए नागरिकता संशोधन कानून का उद्देश्य धर्म के आधार पर अवैध प्रवासियों को अलग करना है। धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष विचारों के अनुरूप नहीं है और यह स्पष्ट रूप से धारा 14 का उल्लंघन है। देश के 70 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ऐसा कानून पारित हुआ, जो धार्मिक आधार पर लोगों को बांटता है। प्रस्ताव में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और असम का भी उल्लेख है। अगस्त 2019 में जारी एनआरसी की अंतिम सूची में से 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया था।

मात्र 6 दिन में बनेगा अस्पताल

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मात्र 6 दिन में बनेगा अस्पताल छोटा अखबार। चीन में घातक कोरोनावायरस मरीज़ों की इलाज किया जा सके इसके लिये वुहान शहर में छह दिनों के भीतर एक अस्पताल बनाने का काम जारी है। चीन में अब तक कोरोनावायरस के 830 मामले पाये गए हैं। खबरों के अनुसार इस वायरस के कारण 41 मौतें हो चुकी हैं। चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार नया अस्पताल 1000 बेड वाला होगा।अस्पताल के लिए 25 हज़ार वर्ग मीटर वाले एक इलाके में खुदाई का काम शुरु हो चुका है। ये अस्पताल इस ख़ास बीमारी के मद्देनज़र बनाया जा रहा है और इसमें इस वायरस से संक्रमित लोग ही आएंगे। इस कारण यहां सुरक्षा इंतज़ाम मौजूद होंगे। आपको बतादें कि वर्ष 2003 में भी चीन ने बीजिंग में सार्स वायरस से निपटने के लिए सात दिन में एक अस्पताल बनाया था। 

शाह ने साइबर योद्धाओं को सराहा

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शाह ने साइबर योद्धाओं को सराहा छोटा अखबार। 8 फ़रवरी को हाने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली की एक सभा में गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि बीजेपी ने ऐसे चुनाव जीते हैं जो बेहद मुश्किल समझे जाता थै। अपने भाषण में शाह ने कहा कि बीजेपी को जो चुनाव मुश्किल लग रहे थे। उसमें विरोधी ख़ुश हो रहे थे और समर्थक तनाव में। देश में ऐसे कई चुनाव आए जिनमें लगता था कि इस बार मामला फंसा हुआ है। लेकिन जब-जब मेरे साइबर योद्धाओं ने लड़ाई की कमान संभाली, विजय हर बार नरेंद्र मोदी और बीजेपी की हुई है। गृह मंत्री ने कहा कि हम ऐसी दिल्ली चाहते हैं जो प्रदर्शन मुक्त हो, हर घर में जहां पर स्वच्छ पीने का पानी मिले, 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो, बच्चों की अच्छी शिक्षा की सुविधा हो, झुग्गी-झोपड़ी से मुक्त हो, अनाधिकृत कॉलोनी का नामो-निशान न रहे, रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम हो, साइकल ट्रैक हो, व्यवस्था जाम से मुक्त हो और कभी शाहीन बाग़ न हो। ऐसी दिल्ली चाहते हैं।