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जयपुर मेट्रो ने सीधी भर्ती आवेदन तिथि बढ़ाई

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जयपुर मेट्रो ने सीधी भर्ती आवेदन तिथि बढ़ाई छोटा अखबार। जयपुर मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा योग्य एवं पात्र अभ्यर्थियों से सीधी भर्ती के तहत् 39 पदों के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये गए है। ऑनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि 23 जनवरी 2020 थी जिसे बढ़ाकर अब 31 जनवरी 2020 कर दी गई है। आवेदन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी यथा शैक्षणिक योग्यता, अन्य पात्रता मापदंड, कार्यप्रणाली, पदों, वेतन और भर्ती के अन्य नियमों और शर्तों का विवरण जेएमआरसी की भर्ती पोर्टल पर उपलब्ध है।जयपुर मेट्रो के प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार सिघंल ने बताया कि जयपुर मेट्रो की सीधी भर्ती रिक्त पदो के लिए की जा रही है। यह परीक्षा पूर्णतः कम्प्यूटर आधारित होगी। 

15 लाख 39 हजार किसानों को 307 करोड़ का भुगतान

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15 लाख 39 हजार किसानों को 307 करोड़ का भुगतान छोटा अखबार। सहकारिता विभाग ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि पीएम किसान योजना में चौथी किश्त के रूप में राज्य के 15 लाख 39 हजार 549 किसानों को 307 करोड़ 90 लाख 98 हजार रुपये का भुगतान किसानों के खातों में किया गया। प्रकार प्रथम किश्त में 47.09 लाख किसानों, द्वितीय किश्त में 46.06 लाख तथा तीसरी किश्त में 36.34 लाख किसानों को पीएम किसान की राशि उनके खातों में जमा हो चुकी है । अब तक पहली किश्त के रूप में 941 करोड़ 88 लाख 32 हजार, दूसरी किश्त में 921 करोड़ 37 लाख 88 हजार, तीसरी किश्त के रूप में 726 करोड़ 85 लाख 58 हजार रुपये तथा चौथी किश्त के रूप में 307 करोड़ 90 लाख 98 हजार रुपये किसानों के खातों में जारी किये हैं। विभाग के अनुसार प्रथम किश्त के लिए 48 लाख 20 हजार 283 किसानों, द्वितीय किश्त के लिए 46 लाख 58हजार 743 तथा तृतीय किश्त के लिए 36 लाख 56 हजार 823,चौथी किश्त के लिए 18 लाख 64 हजार 494 किसानों के पक्ष में भारत सरकार द्वारा एफटीओ जारी किया जा चुका है।

उत्तर मैट्रिक छात्रवृृत्ति आवेदन की तिथि बढाई

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उत्तर मैट्रिक छात्रवृृत्ति आवेदन की तिथि बढाई छोटा अखबार। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित उत्तरमैट्रिक छात्रवृृत्ति योजना में आवेदन की अन्तिम तिथि बढाकर 15 फरवरी कर दी गई है। पूर्व में यह तिथि 20 दिसम्बर, 2019 थी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त नन्नूमल पहाड़िया ने बताया कि राजस्थान के मूल निवासियों के लिए अनुसूचित जाति, अनु.जनजाति, विशेष समूह योजना (पूर्व में विशेष पिछड़ा वर्ग), अन्य पिछडा़ वर्ग, आर्थिक पिछडा़ वर्ग, विमुक्त, घुमन्तु एवं अद्र्ध घुमन्तु, मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा उत्तर मैट्रिक छात्रवृृत्ति योजनाओं में राज्य की राजकीय, निजी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं एवं राज्य के बाहर की राजकीय, राष्ट्रीय स्तर एवं मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के पाठ्यक्रमों में प्रवेशित अथवा अध्ययनरत शिक्षण संस्थाओं  में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा वेबसाईट www.scholarship.rajasthan.gov.in के माध्यम से पेपरलेस आवेदन पत्र ऑनलाइन पंजीकरण करने, आवेदन पत्र भरने के लिए छात्रवृृत्ति पोर्टल प्रारम्भ करने की नवीन तिथि 22 जनवरी 2020 एवं अन्तिम तिथि 15 फरवरी निर्धारित ...

व्यावसायिक ऋण के लिये आवेदन 15 फरवरी तक

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व्यावसायिक ऋण के लिये आवेदन 15 फरवरी तक छोटा अखबार। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम, राष्ट्रीय दिव्यांग वर्ग वित्त एवं विकास निगम एवं राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की विभिन्न योजनाओं के तहत व्यावसायिक ऋण हेतु पोर्टल पर ऑन लाईन आवेदन प्राप्त करने की अवधि बढाकर 15 फरवरी कर दी गई है। निगम की परियोजना प्रबन्धक श्रीमती संजू पारीक ने बताया की व्यावसायिक योजना में एक लाख रुपये तक के ऋण के लिये री-ओपन किया गया। 

मुख्यमंत्री ने किसान हित में केन्द्र को लिखा खत

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मुख्यमंत्री ने किसान हित में केन्द्र को लिखा खत छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के ग्वार उत्पादक किसानों के हित में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने गोयल से राज्य में ग्वार गम के निर्यात में आ रही बाधाओं को दूर करने का अनुरोध करते हुए ग्वार गम के अनुसंधान, जांच एवं प्रमाणीकरण के लिए राज्य में राष्ट्रीय स्तर की संस्था का केन्द्र खोलने का अनुरोध किया है। गहलोत ने बताया कि राजस्थान ग्वार गम का प्रमुख उत्पादक राज्य है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में ग्वार गम के नए विकल्पों के कारण इसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें तेजी से गिरी हैं। इससे राज्य के ग्वार उत्पादक किसानों की आय घट रही है। उनका रूझान इस फसल के प्रति कम हो रहा है। इसे देखते हुए ग्वार उत्पादक किसानों की आय में बढ़ोतरी तथा ग्वार गम के अन्य उपयोगों के बारे में पर्याप्त शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है। उन्होंने गोयल से अनुरोध किया कि ग्वार गम के अनुसंधान एवं विकास के लिए केन्द्र सरकार योजना बनाए। राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से जोधपुर में भूमि भी आवंटित कर दी है। ग्वार ग...

शाकाहारी मासाहारी जानकारी के बिना बेच रहे चॉकलेट

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शाकाहारी मासाहारी जानकारी के बिना बेच रहे चॉकलेट छोटा अखबार। विधिक माप विज्ञान टीम ने सोमवार को जयपुर शहर के दो प्रतिष्ठानों गणगौरी बाजार वराह की गली में स्थित गोवा काजू वाले एवं जवाहर नगर बर्मीज कॉलोनी में मितुल इम्पेक्स के यहां जांच कर विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई।  विधिक माप विज्ञान टीम ने गणगौरी बाजार में जांच के दौरान पाया कि दुकानदार द्वारा सूखे मेवों को पैक करने का पैकेजिंग किये जाने पंजीकरण प्रमाण पत्र एवं वेइंग मशीन का सत्यापन प्रमाण पत्र भी प्रदर्शित नहीं कर रखा था। जिस पर टीम द्वारा विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई। टीम को जांच के दौरान गोवा काजू वाले के मौके पर 250 ग्राम के मुल्तानी मिट्टी के पैकेट मिले थे। जिनमें से 50 पैकेटों को रैण्डम आधार से चैक किया गया। जिनमें से 14 पैकेटों में से निर्धारित वजन से कम मात्रा में वजन पाया गया। जिस पर टीम द्वारा व्यवसायी को सभी कम पाये जाने वाले पैकेटों को दोबारा पैक किये जाने के लिये पाबंद किया गया।  जवाहर नगर स्थित बर्मीज कॉलोनी में मितुल इम्पैक्स के विरू़द्ध विदेशी चॉकलेट को ...

उत्तराखंड के प्लेटफार्म अब संस्कृत में

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उत्तराखंड के प्लेटफार्म अब संस्कृत में छोटा अखबार। उतराखंड राज्य की आधिकारिक भाषा संस्कृत के महत्व को देखते हुए और रेलवे में प्रवधानुसार उत्तराखंड में रेलवे प्लेटफार्मों पर लगे साइन बोर्डों में अब उर्दू भाषा में लिखे स्टेशनों के नाम बदल कर संस्कृत में लिखाये जाएगे। आम जन को प्लेटफॉर्म पर हिंदी और अंग्रेजी के साथ अब देव भाषा संस्कृत में स्टेशनों का नाम लिखा नजर आएगा। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार के अनुसार नाम बदलने का कदम रेलवे नियमावली के अनुरूप उठाया जा रहा है। जिसमें कहा गया है कि प्लेटफॉर्म के साइन बोर्ड में रेलवे स्टेशनों का नाम हिंदी और अंग्रेजी के बाद संबंधित राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा में लिखा होना चाहिए।उन्होंने बताया कि अब पूरे उत्तराखंड में रेलवे स्टेशनों के साइन बोर्ड में नाम हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू के जगह अब हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखे जाएंगे। ये नाम अभी भी उर्दू में इसलिए हैं क्योंकि इसमें से अधिकतर नाम तब के हैं, जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का ही एक हिस्सा हुआ करता था। उत्तर प्रदेश की दूसरी आधिकारिक भाषा उर्दू है। जनसंपर्क अधिकारी ने यह भी कहा...