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Showing posts from January 14, 2025

Animal welfare: प्रदेश में 14 से 30 जनवरी तक मनाया जायेगा पशु कल्याण पखवाड़ा

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Animal welfare: प्रदेश में 14 से 30 जनवरी तक मनाया जायेगा पशु कल्याण पखवाड़ा  छोटा अखबार। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रदेश में 14 जनवरी से 30 जनवरी 2024 तक पशु कल्याण पखवाड़ा मनाया जायेगा। पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि इस पखवाड़े के दौरान विभागीय अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यों के साथ-साथ जीव जन्तुओं के प्रति प्रेम व दया भाव जाग्रत करने की दृष्टि से विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर आमजन को जागरूक करने का प्रयास करेंगे। मंत्री ने बताया कि इस अवसर पर पशुपालक गोष्ठी का आयोजन भी किया जायेगा, जिसमें पशुपालकों को सामान्य रोगों की जानकारी के साथ पशु क्रूरता निवारण के उपायों, उचित पशु प्रबन्धन और पशु कल्याण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जायेगी। सम्पूर्ण प्रदेश में बांझपन निवारण और पशु शल्य चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर अधिकाधिक संख्या में पशुओं को लाभान्वित भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान पशु चिकित्सकों द्वारा राज्य की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में व्याख्यानों के माध्यम से जीव जन्तुओं के प्रति पशु क्रूरता निवारण पर जानकारी दी जायेगी। और शिक्षण संस्थाओं के सहय...

Women's Commission: आयोग महिलाओं के मायके जैसा, बेझिझक रखें अपनी बात —महिला आयोग

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Women's Commission: आयोग महिलाओं के मायके जैसा, बेझिझक रखें अपनी बात —महिला आयोग  छोटा अखबार। महिलाओं से जुड़ी शिकायतों की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित कर राहत देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से प्रारंभ किए गए महिला आयोग आपके द्वार अभियान के तहत सोमवार को उदयपुर में महिला आयोग की ओर से संभाग स्तरीय जनसुनवाई रखी गई। इसमें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया के. रहाटकर ने तसल्ली से महिलाओं की परिवेदनाएं सुनी और हाथों-हाथ मौजूद अधिकारियों को त्वरित राहत देने के लिए निर्देशित किया।  जिला परिषद सभागार में आयोजित जनसुनवाई के दौरान श्रीमती रहाटकर ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि दूरस्थ क्षेत्र की महिलाएं अपनी समस्याएं लेकर दिल्ली तक नहीं पहुंच पाती हैं, इसलिए आयोग ने उन तक पहुंचकर उनकी परिवेदनाओं को समझ कर राहत देने के लिए विशेष अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि आयोग महिलाओं के मायके जैसा है। महिलाएं जिस तरह से अपने मायके में जाकर अपनी पीड़ा खुलकर बता सकती हैं, ऐसे ही आयोग में भी अपनी बात बेझिझक रखें, ताकि उसके समाधान की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा सकें। उन्हो...