Ajmer News: अजमेर में स्वामी विवेकानन्द की 13 फीट ऊंची प्रतिमा का विधानसभा अध्यक्ष ने किया अनावरण

Ajmer News: अजमेर में स्वामी विवेकानन्द की 13 फीट ऊंची प्रतिमा का विधानसभा अध्यक्ष ने किया अनावरण


छोटा अखबार।

भारतीय जनमानस में बसे स्वामी विवेकान्द की जयन्ती पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर शहर को एक नए पर्यटन स्थल की सौगात दी। उन्होंने कोटड़ा स्थित विवेकानन्द पार्क में स्वामी विवेकानन्द की 13 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। शहर के सबसे ऊचांई वाली जगह पर बनाए गए इस पार्क से एक साथ फायसागर और आनासागर का नजारा देखा जा सकता है। पार्क को योग एवं पर्यटन के लिए विकसित किया गया है। अजमेर शहर के लोग यहां घूमने, स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति के साथ सेल्फी लेने तथा आनासागर व फायसागर का नजारा देखने आ सकते हैं। श्री देवनानी ने विधानसभा अध्यक्ष बनते ही अजमेर विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए थे कि यहां विवेकानन्द जी की मूर्ति स्थापित की जाए।

श्री देवनानी ने रविवार को कोटड़ा पत्रकार कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर बनाए गए विवेकानन्द पार्क में स्वामी विवेकानन्द की 13 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस प्रतिमा के निर्माण पर 73 लाख रूपए की लागत आई है। इसे अष्टधातु से बनाया गया है। पार्क बनने के 17 वर्ष बाद श्री देवनानी के प्रयासों से यहां पर मूर्ति की स्थापना की गई। यह पार्क अब शहर के पर्यटन के लिए एक नया टूूरिस्ट पॉइन्ट बनेगा।  इसे अजमेर के टूरिस्ट मैप पर भी अंकित किया जाएगा। आमजन और पर्यटक यहां घूमने, स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति के साथ सेल्फी लेने तथा आनासागर व फायसागर का नजारा देखने आ सकते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि स्वामी विवेकानन्द और उनके विचार युगों युगों तक भारतीय जनमानस को प्रेरित करते रहेंगे। स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय सनातन संस्कृति और भारतीय विचार दर्शन से पूरी दुनिया को अवगत कराया। उन्होंने विदेश में जाकर जब भारतीय संस्कृति का परिचय दिया तो पूरी दुनिया हमारी गौरवशाली सभ्यता और संस्कृति का परिचय जानकर उसकी प्रशंसक हो गई। असंख्य लोगों ने भारतीय दर्शन, सभ्यता, संस्कृति और हमारी विपुल परम्पराओं को अंगीकार किया। श्री देवनानी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द भारतीय युवाओं के रोड मॉडल हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक कि तुम अपने लक्ष्य की प्राप्ति ना कर लो। युवाओं को इस वाक्य अपने जीवन में अंगीकार करना चाहिए। युवा उनके बताए मार्ग पर चलते है तो वे जीवन में सदैव सफल रहेंगे। विवेकानन्द की शिक्षाएं और उनके विचार भारतीय समाज को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

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