Posts

Showing posts from August 9, 2024

बहुमंजिला भवनों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होने पर ही किया जाएगा पेयजल कनेक्शन —जलदाय सचिव

Image
बहुमंजिला भवनों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होने पर ही किया जाएगा पेयजल कनेक्शन —जलदाय सचिव छोटा अखबार। जलदाय सचिव समित शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा बहुमंजिला भवनों में पेयजल कनेक्शन जारी किये जाने की नीति दिनांक 24.04.2024 के बिन्दु संख्या 24 के अनुसार राजस्थान भवन विनियम 2020 के प्रावधानों के अनुसार अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग प्रणाली व सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लाट का निर्माण एवं कार्यात्मक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इसके अभाव में पेयजल कनेक्शन जारी नहीं किया जाएगा। शासन सचिव ने बताया कि परिशोधित अपशिष्ट जल का उपयोग राज्य सीवरेज एवं वेस्ट वॉटर नीति 2016 के अनुसार कृषि, उद्यान एवं सिंचाई कार्य, पार्क में बागवानी, सड़क की धुलाई एवं छिड़काव के कार्य, उद्योग एवं खनन कार्य, मनोरंजन तालाब और झील,सामाजिक वानिकी,निर्माण कार्य गतिविधियॉ,अग्निशमन व अन्य नगर निकाय कार्य, रेलवे,थर्मल पॉवर प्लांट,छावनी क्षेत्र आदि के कार्य अनुमत किये है। श्री शर्मा ने बताया कि 2500 वर्ग मीटर अथवा ज्यादा क्षेत्रफल के भवनों में पेयजल कनेक्शन स्वीकृति की प्रक्रिया में और रसोई के अपशिष्ट जल के शुद्धिकर

प्रदेश बड़े भू-खण्ड़ों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होना अनिवार्य -मंत्री कन्हैया लाल

Image
प्रदेश बड़े भू-खण्ड़ों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होना अनिवार्य छोटा अखबार। प्रदेश में 2500 वर्गमीटर और उससे बड़े भू-खण्डों में स्नानागार व रसोई के अपशिष्ट जल के शुद्धिकरण और रिसाईकिलिंग की व्यवस्था किया जाना आवश्यक होगा। इसमें शोचालय से निकलने वाला जल शामिल नहीं होगा। 10 हजार वर्ग मीटर से अधिक सकल निर्मित क्षेत्र होने पर अपशिष्ट जल के शुद्धिकरण हेतु सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना आवश्यक होगा। शोचालय में उपयोग में ली जाने वाली वॉटर क्लोजेट में ड्यूल फ्लश बटन वाले सिस्ट्रन ही अनुमत होगा। प्रदेश में जल की सीमित उपलब्धता को मध्यनजर रखते हुए अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग प्रणाली व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग और नगर विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने संयुक्त परिपत्र जारी किया है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल मंत्री कन्हैया लाल ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु भवन विनियम 2020 की विनियम 10.11.2 में अपशिष्ट जल शुद्धिकरण एवं रिसाईकिलिंग के आवश्यक प्रावधान किये गए है। उन्होंने बताया कि अपशिष्ट जल के