C M NEWS: नई नीतियां प्रदेश के विकास में नया अध्याय —मुख्यमंत्री
C M NEWS: नई नीतियां प्रदेश के विकास में नया अध्याय —मुख्यमंत्री
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित एक समारोह में प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति प्रदान करने के लिए 9 नई नीतियों का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नीतियां राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इनसे न केवल निवेश आकर्षित होगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इन नीतियों में नवाचारों एवं नये प्रयोगों का समावेश किया गया है जिससे प्रदेश की आर्थिक प्रगति, समृद्धि और रोजगार सृजन सुनिश्चित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नीतियां हमारे राज्य के लिए रोडमैप होने के साथ ही राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में आने वाले निवेश की बढ़ोतरी का महत्वपूर्ण आधार भी हैं। यह राज्य के विकास के लिए एक नया अध्याय है जिनके माध्यम से राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार करने और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति में मदद मिलेगी। उन्होंने उद्योगपतियों और निवेशकों से प्रदेश की विकास यात्रा में भागीदार बनने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारा संकल्प ‘विकसित राजस्थान’ का है और ये नीतियां उस दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान एमएसएमई नीति-2024 प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगी। इससे एमएसएमई को ऋण पर अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी, तकनीकी उन्नयन और गुणवत्ता प्रमाणन में सहायता मिल सकेगी।
श्री शर्मा ने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने लिए लाई गई नई नीति निर्यातकों को दस्तावेजीकरण, तकनीकी अपग्रेडेशन और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के लिए मदद करेगी। इससे लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी और राजस्थान के उत्पाद वैश्विक स्तर पर पहचान बना सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जिलों के विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए ओडीओपी नीति लाई गई है जिससे कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और उत्पाद निर्माताओं की आय में वृद्धि होगी। इस नीति की मदद से ओडीओपी उत्पादों के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा और इन्हें विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता भी मिलेगी। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में क्लस्टर आधारित विकास के जरिए शिल्पकारों और लघु उद्योगों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। इसके माध्यम से राज्य में हस्तशिल्प, हथकरघा और एमएसएमई क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को बढ़ाकर उन्हें वैश्विक बाजार के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
मुख्यमत्री ने कहा कि एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रिएलिटी के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने के उद्देश्य से AVGC & XR नीति-2024 लागू की जा रही है। यह नीति प्रदेश की स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगी। साथ ही, इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलेरेटर स्थापित किए जाएंगे।
श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का अहम योगदान है। प्रदेश में टूरिज्म को नई दिशा देने के लिए राजस्थान पर्यटन इकाई नीति -2024 लाई गई है। इस नीति के माध्यम से पर्यटन से जुड़े निवेशकों व उद्यमियों को आकर्षित करते हुए निजी क्षेत्र में पर्यटन इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी राज्य है और यहां सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की असीमित संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू के साथ ही राइजिंग राजस्थान प्री समिट में ऊर्जा के क्षेत्र में साढ़े छह लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौते किए हैं। इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाने और निवेश हेतु सकारात्मक वातावरण के निर्माण के लिए राज्य सरकार एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 लेकर आई है। इस नीति के माध्यम से प्रदेश में अक्षय ऊर्जा, बायोमास एवं वेस्ट टू एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान देश के प्रमुख खनिज उत्पादक राज्यों में से एक है। यहां 82 तरह के खनिजों के भंडार हैं जिनमें से 58 का व्यवसायिक स्तर पर खनन हो रहा है। नई खनिज नीति के माध्यम से प्रदेश की जीडीपी में खनिज क्षेत्र की वर्तमान 3.4 प्रतिशत की भागीदारी को वर्ष 2029-30 तक 5 प्रतिशत और 2046-47 तक 8 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में बजरी के स्थान पर एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एम-सेण्ड नीति-2024 लागू की गई है। इससे प्रदेश में एम-सेण्ड के उपयोग व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और निर्माण लागत में कमी आएगी।
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