Pre summit News: प्रदेश में माइंस एवं पेट्रोलियम सेक्टर में होगा 63 हजार करोड़ का निवेश
Pre summit News: प्रदेश में माइंस एवं पेट्रोलियम सेक्टर में होगा 63 हजार करोड़ का निवेश
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के राइजिंग राजस्थान प्री समिट में शुक्रवार को 63 हजार 463 करोड रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए। आयोजित एमओयू समारोह में राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव माइंस टी. रविकान्त और निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल और एमओयू करने वाली संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच करार पत्रों का आदान प्रदान भी हुआ।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों से आगामी 9,10,11 दिसंबर को आयोजित राइजिंग राजस्थान समिट में अधिक से अधिक निवेश प्रस्ताव के साथ आगे आने का आह्वान करते हुए प्रदेश के विकास यात्रा में भागीदार बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक निवेश के अनुकूल वातावरण बनाया गया है इससे प्रदेश की प्रगति, आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर विकसित होंगे।
श्री शर्मा ने जापान और कोरिया यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि जापान के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे राजस्थान में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं इसी तरह से कोरिया की कोरियन स्टोन कंपनी सहित कंपनियों ने भी राजस्थान में निवेश में रुचि दिखाई है। मेरा आग्रह है कि राजस्थान में काम कर रही देशी विदेशी कंपनियां अपने मुनाफे को प्रदेश में ही औद्योगिक विकास के लिए निवेश करें ताकि प्रदेश में निवेश और रोजगार के नए अवसर विकसित हो सके।
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में सोना, चांदी, लेड, जिंक, मार्बल, ग्रेनाइट सहित विभिन्न खनिजों के विपुल भण्डार है। सीकर के रोहिल में यूरेनियम के खनन हेतु यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इण्डिया को एलओआई जारी किया गया है। वहीं बाड़मेर, जालौर, नागौर में दुर्लभतम खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट के भण्डार मिले हैं। हमारी सरकार आरईई को बढ़ावा देने के लिए सेंटर फॉर एक्सिलेंस स्थापित करने जा रही है। पिछले सात माह में ही 32 मेजर खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर हम देश में प्रथम आ गए हैं। उन्होंने कहा कि नई खनिज नीति में खनिजों के खोज कार्य में तेजी लाने, खनिज रियायतों का समय पर आवंटन, खनन क्षेत्रों के विकास, खनिज बजरी व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने, प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने, खनन क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का उपयोग सहित प्रदेश में खनिज क्षेत्र में औद्योगिक निवेशए रोजगार और राजस्व बढ़ाने पर जोर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नई एम.सेण्ड नीति में प्रदेश में एम.सेण्ड इकाइयों के संचालन में आसानी एवं उत्पादन की दृष्टि से निवेशकों के अनुकूल बनाने के साथ ही निवेशकों को रिप्स के माध्यम से सहायता और आमनागरिकों को बजरी के विकल्प के रुप में एम.सेण्ड की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में देश के कुल उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत क्रूड ऑयल और प्रतिदिन 3.3 मिलियन घनमीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने मिनरल मार्वल्स ऑफ राजस्थानःबिल्डिंग इंडियाज आइकोनिक मोन्यूमेंटस एवं टाइमलैस ट्रेसरेस द जियो हेरिटेज ऑफ राजस्थान कॉफी टेबल बुक का
भी विमोचन किया।
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