Mines Department: प्रदेश में एमनेस्टी योजना लागू, मिलेगी ब्याज में छूट
Mines Department: प्रदेश में एमनेस्टी योजना लागू, मिलेगी ब्याज में छूट
छोटा अखबार।
राज्य सरकार ने माइंस विभाग की अप्रधान खनिजों के बकाया प्रकरणों की विभागीय बकाया एवं ब्याज माफी की एमनेस्टी योजना लागू की है। योजना में अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के स्थिर भाटक/रेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया, अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2023 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है। विभागीय एमनेस्टी योजना 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगी।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने विभागीय एमनेस्टी योजना लागू करने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि इस योजना से राज्य सरकार के बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी। साथ ही वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होने से वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग होगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने परिवर्तित बजट 2024 में खनन एमनेस्टी- बकाया प्रकरणों में कुल राशि का श्रेणीवार मात्र 10 से 30 प्रतिशत जमा कराने पर शेष राशि माफ करने की घोषणा की है। विभाग द्वारा बजट घोषणा के क्रियान्वयन में यह एमनेस्टी योजना जारी कर दी है। खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि एमनेस्टी योजना में ब्याज माफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में अधिकतम 90 प्रतिशत तक की राहत दी गई है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बकाया धारकों द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा करानी होगी। डीएमएफटी, आरएसएमईटी, एनजीटी अथवा सक्षम न्यायालय द्वारा निर्धारित शास्ती राशि या अन्य राशि व आदेश जारी होने की तारीख को प्रभावशील ठेकों, खनिज रियायतों पर यह योजना लागू नहीं होगी। खनन पट्टाधारी (खण्डित/प्रभावशील) द्वारा मासिक रिटर्न प्रस्तुत करने में हुये विलम्ब/रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने से आरोपित/देय शास्ति के प्रकरणों में मासिक रिटर्न 31.03.2025 तक प्रस्तुत करने पर समस्त शास्ति राशि माफ की जावेगी। खनन पट्टों/क्वारी लाइसेंस/बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति (टीड्ब्लूपी) व ईंट भट्टा परमिटों की बकाया के प्रकरणों में मूल बकाया का 10 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक जमा कराने पर शेष मूल बकाया एवं सम्पूर्ण ब्याज राशि माफ होगी। नियमों की पालना नहीं करने यथा माईनिंग प्लान/पर्यावरण स्वीकृति/कन्सेन्ट टू ऑपरेट से अधिक उत्पादन के दोषी तथा किसी निर्णय के कारण खनिज रियायत को नल एण्ड वाईड घोषित किए जाने पर, घोषित करने की तिथि से पूर्व की अवधि में खनिज के हुए निर्गमन को अवैध निर्गमन मानकर कायम की गई शास्ति की 31.3.2023 तक की बकाया की 20 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष बकाया राशि एवं सम्पूर्ण ब्याज माफ की जावेगी।
आर.सी.सी./ई.आर.सी.सी. ठेकों की बकाया के मामलों में खण्डित ठेकों में मूल बकाया का 30 से 40 प्रतिशत तक जमा कराने एवं पूर्ण ठेका अवधि तक प्रभावशील ठेकों में 40 से 50 प्रतिशत मूल बकाया जमा कराने पर शेष मूल बकाया राशि व सम्पूर्ण ब्याज राशि माफ की जावेगी। एस.टी.पी. एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों के विरुद्ध 31.03.2023 तक शास्ति स्वरूप कायम की गई मांग के प्रकरणों में बकाया की 20 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष बकाया व सम्पूर्ण ब्याज राशि माफ की जावेगी। अप्रधान खनिज की खण्डित/अध्यर्पित/अवधि समाप्त खनिज रियायतों यथा खनन पट्टा/क्वारी लाईसेंस/ईंट मिट्टी परमिट/बजरी खनन हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के रियायतधारकों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से खनिज के बिना रवन्ना या रवन्नाओं का दुरूपयोग कर निर्गमन के मामलों यथा स्वयं की लीज के उत्पादन को किसी अन्य लीज की रवन्नाओं से निर्गमन, स्वयं की एक लीज के उत्पादित खनिज के लिये अपनी अन्य लीज की रवन्नाओं का उपयोग करना, किसी अन्य व्यक्ति की लीज से उत्पादित खनिज के लिये स्वयं की लीज के लिये जारी रवन्नाओं का उपयोग इत्यादि में बकाया का 10 से 15 प्रतिशत जमा कराने पर शेष बकाया राशि माफ की जावेगी।
अप्रधान खनिज की खण्डित/अध्यर्पित/अवधि समाप्त खनिज रियायतों यथा खनन पट्टा/क्वारी लाईसेंस/ईंट मिट्टी परमिट/बजरी खनन हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के रियायतधारकों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध खनन के प्रकरणों में अप्रधान खनिज की खण्डित/अध्यर्पित/अवधि समाप्त खनिज रियायतों यथा खनन पट्टा/क्वारी लाईसेंस/ईंट मिट्टी परमिट/बजरी खनन हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के रियायतधारकों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध खनन के प्रकरणों में बकाया का 15 से 25 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष बकाया राशि माफ की जावेगी। परिवर्तित बजट घोषणा की क्रियान्विति में यह योजना लागू की गई है।
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