Chief Minister: प्रकृति का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी —मुख्यमंत्री

Chief Minister: प्रकृति का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी —मुख्यमंत्री 


छोटा अखबार।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। प्रकृति किसी न किसी रूप में मानवजाति को निरंतर सौगातें देती है। बदले में हमें भी प्राकृतिक संसाधनों के सीमित उपयोग और वृक्षारोपण से प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी की व्यर्थ बर्बादी रोकने, थाली में आवश्यकतानुसार ही भोजन लेने और परिवहन के साधनों को साझा रूप से इस्तेमाल करने जैसे छोटे-छोटे प्रयासों से हम बड़ा बदलाव ला सकते हैं। 

श्री शर्मा शनिवार को जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में पांचवें स्वच्छ वायु दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 सितंबर को नीले अंबर के लिए स्वच्छ वायु का अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया है। इसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहन देना है। श्री शर्मा ने कहा कि हमें अपने वर्तमान एवं भविष्य को सुरक्षित तथा जीवन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ये कदम उठाने अति आवश्यक हैं। हम सब जागरूक नागरिक होने का कर्तव्य निभाते हुए वायु प्रदूषण को कम करने में सरकार के प्रयासों में भागीदार बनें।  


सरकार के प्रयासों से कम हुआ वायु प्रदूषण

श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में नेशनल क्लीन एयर प्रोगाम के तहत वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए राज्य स्तरीय कार्य योजना बनाई गई है। अधिक प्रदूषित 5 शहरों के लिए शहरी कार्य योजना भी तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र विशेषकर एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी आदेशों की पालना में कमीशन फोर एनसीआर और विभिन्न विभागों के समन्वय से इस साल वायु प्रदूषण का स्तर गत वर्षों की तुलना में काफी कम हुआ है। श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन, मोबाइल वैन के माध्यम से वायु गुणवत्ता का मापन, 600 से अधिक उद्योगों में ऑनलाइन प्रदूषण निगरानी प्रणाली भी स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की 13 प्रयोगशालाओं में से 5 प्रयोगशालाओं का आधुनिकरण किया गया है। साथ ही, 11 नई प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जा रही हैं। जयपुर में वायु गुणवत्ता पर्यवेक्षण के लिए वेदर एंड पॉल्यूशन फोरकास्टिंग सिस्टम प्रारंभ किया जा चुका है जिसे अन्य शहरों में भी प्रारंभ किया जाएगा। 


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