Cabinet: मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने योजनओं दी मंजूरी

 Cabinet: मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने योजनओं दी मंजूरी


छोटा अखबार।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2024 लाने के साथ-साथ कर्मचारी कल्याण, पत्रकार कल्याण, सौर ऊर्जा और प्रदेश के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।  



चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक पदों की शैक्षणिक योग्यता अब 10वीं, भर्ती लिखित परीक्षा से

मंत्रिमंडल ने भर्तियों में पारदर्शिता और एकरूपता लाने के लिए चतुर्थ श्रेणी सेवा और समकक्ष पदों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं एवं 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ाकर 10वीं करने और इनकी भर्ती साक्षात्कार से कराने के बजाय राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है। वहीं वाहन चालक के पद पर भर्ती की शैक्षणिक योग्यता 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ा कर 10वीं उत्तीर्ण करने तथा अलग-अलग सेवा नियमों में वाहन चालक के पदनामों में एकरूपता लाते हुए एक ही पदनाम वाहन चालक करने का फैसला किया गया है। इनकी भर्ती भी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से करवाई जाएगी। 

दूसरी ओर राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा के संस्थापन अधिकारी का वेतनमान राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 के तहत पे लेवल एल-15 से बढ़ाकर एल-16 किए जाने का अनुमोदन भी मंत्रिमंडल में किया गया। मंत्रिमंडल ने एक और निर्णय लेते हुए आयुष विभाग के वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी एवं समकक्ष पद तथा इससे उच्च पदों पर कार्यरत अधिकारियों द्वारा सेवा में रहते हुए पी.जी. डिग्री प्राप्त करने पर अग्रिम वेतन वृद्धि के लाभ का प्रावधान भी किया गया है। राज्य सरकार द्वारा नियमों में स्पष्टता एवं अन्य विभागों से एकरूपता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राजस्थान ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम-1998 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग में पूर्व में समाप्त पदों- सहायक प्रोग्राम अधिकारी, लेखा सहायक, समन्वयक प्रशिक्षण, समन्वयक आई.ई.सी., समन्वयक पर्यवेक्षण, कम्प्यूटर अनुदेशक इत्यादि पदों से संबंधित प्रविष्टियों को इस संशोधन के द्वारा विलोपित किया गया है। मंत्रिमंडल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में कनिष्ठ अभियंता के रिक्त पदों को अब लिखित परीक्षा के माध्यम से राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा ओपन कॉम्पिटिशन के आधार पर भरा जा सकेगा। इससे कनिष्ठ अभियंताओं की भर्ती की प्रक्रिया में सभी विभागों में एकरूपता रहेगी। 

मंत्रिमंडल ने एमएसएमई सेक्टर से लेकर नए उभरते हुए क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने के लिए जरूरी प्रावधान किए गए हैं। साथ ही, ग्रीन ग्रोथ, निर्यात संवर्धन और क्षमता विकास जैसी प्राथमिकताओं को भी ध्यान में रखा गया है। रिप्स-2024 में स्टैंडर्ड सर्विसेज पैकेज के तहत इन्सेंटिव्स के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 25 करोड़ रुपये कर दी गई है। पर्यटन इकाइयों के लिए इसे और भी कम करके 10 करोड़ रुपये किया गया है। नए उभरते हुए क्षेत्रों की सूची का विस्तार करते हुए इसमें एयरो और स्पेस, रक्षा, ड्रोन, सेमीकंडक्टर्स, एग्री-टेक और वेस्ट रीसाइक्लिंग जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। एक करोड़ रुपये से कम का पात्र अचल पूंजी निवेश करने वाले एमएसएमई उद्यमों को भी रिप्स-2024 के दायरे में लाया गया है।

वहीं नई यूनिट्स लगाने और पहले से चल रही इकाइयों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उन मौजूदा उद्यमों को भी रिप्स-2024 के लाभ प्रदान किए जाएंगे, जो हरित विकास में निवेश कर रहे हैं और पहली बार निर्यातक बन रहे हैं। रिप्स के अंतर्गत लगने वाली इकाइयों की परिचालन लागत को कम करने के लिए भूमि और बिजली से संबंधित इन्सेंटिव्स शुरू किए गए हैं। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने वाले निवेशकों के लिए भूमि लागत के भुगतान का लचीला मॉडल रिप्स में शामिल किया गया है, जिसमें भूमि लागत का 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान करने के बाद शेष 75 प्रतिशत राशि 10 किश्तों में 8 प्रतिशत ब्याज के साथ दी जा सकेगी। ऊर्जा के अधिक उपयोग वाले 8 प्रकार के उद्योगों  को विद्युत लागत इन्सेंटिव्स प्रदान किए जाएंगे। इसमें कैप्टिव रिन्युएबल एनर्जी संयंत्रों में निवेश पर सब्सिडी के साथ ही अतिरिक्त 5 प्रतिशत एसजीएसटी प्रतिपूर्ति या पीएनजी की वैट दर पर 5 प्रतिशत वैट प्रतिपूर्ति का विकल्प शामिल है। मंत्रिमंडल ने एमएसएमई सेक्टर में युवाओं को अधिक रोजगार प्राप्त होने की संभावनाओं को देखते हुए इनके लिए स्टैण्डर्ड मैन्युफैक्चरिंग पैकेज की तुलना में अधिक अवधि (7 वर्ष) के लिए ब्याज छूट का लाभ दिया जाएगा। इसी तरह खादी, ग्रामीण पर्यटन और कृषि-प्रसंस्करण एमएसएमई के लिए अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। एमएसएमई के लिए स्टैण्डर्ड विनिर्माण पैकेज और स्टैण्डर्ड सेवा पैकेज की तुलना में अधिक अवधि (10 वर्ष) के लिए निवेश सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।


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