Illegal Gravel Mining: पुलिस और प्रशासन में तालमेल का अभाव, फायदा बजरी माफियाओं का

 Illegal Gravel Mining: पुलिस और प्रशासन में तालमेल का अभाव, फायदा बजरी माफियाओं का 


छोटा अखबार।

जयपुर सहित कई शहरों में बनास बजरी की बढ़ती मांग पुलिस और प्रशासन के लिये सर दर्द बना हुआ है। ताजा मामले के अनुसार सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र में अवैध बजरी खनन का खेल संज्ञान में आया है। लेकिन पुलिस और प्रशासन आपस में अरोप—प्रत्यारोप कर संगीन मामले को हल्का करने और अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आये। 

संचार माध्यमों के अनुसार अवैध बजरी खनन का खेल एसडीएम उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई के रात में नदी के औचक निरीक्षण पर सामने आया है। एसडीएम के अनुसार मामला सोमवार को रात पौने दस बजे बनास नदी का है। मौके पर पहुंचे उपखंड अधिकारी ने देखा कि करीब 150 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों द्वारा बड़े तादाद में बजारी का अवैध खनन और परिवहन हो रहा है। उपखंड अधिकारी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुये बताया कि मांजरा देख उन्होने पुलिस सहायता मांगी लेकिन समय पर सहायता नहीं मिलने के कारण खनन माफिया मौके पर दल-बल के साथ बस में सवार होकर आए और उनके द्वारा जब्त ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी छुड़ा ले गए। श्री विश्नोई ने बताया कि वे रात 11 बजे तक पुलिस का इंतजार करते रहे लेकिन पुलिस नहीं आई। उपरोक्त अवैध खनन के वाहन भूखा होते हुए भाड़ौती के रास्ते निकल रहे थे लेकिन पुलिस ने नाकाबंदी तक नहीं कर रखी थी। 




पुलिस अधीक्षक और थानाधिकारी के बयानों में विरोधाभास:— 

वहीं पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होने बताया कि अवैध बजरी खनन को रोकने के लिये हमने राजस्व विभाग को 25 आरएसी के जवानों का जाप्ता दिया हुआ है। और जरूरत पड़ने पर भी हमारे द्वारा अतिरिक्त पुलिस जाप्ता उपलब्ध करवाया जाता है।







थानाधिकारी ने उपखंड अधिकारी पर लगाया अकेले जाने का आरोप :—

दूसरी ओर मलारना डूंगर थानाधिकारी राधारमण गुप्ता ने उपखंड अधिकारी पर बिना जाप्ता अकेले  जाने का आरोप लगाते बताया कि उपखंड अधिकारी ने सूचना दी थी, लेकिन लोकेशन नहीं भेजी। हम दूसरी  लोकेशन पर चले गए थे। वहां भी अवैध बजरी परिवहन की सूचना थी। एसडीएम का अकेले जाना समझ से परे है। वे पुलिस जाप्ते को साथ लेकर जा सकते थे। 






अकेले जाने पर उपखंड अधिकारी की सफाई:—  

उपखण्ड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई ने बताया कि पुलिस को पूर्व में सूचना देते तो अवैध बजरी परिवहन की हकीकत सामने नहीं आती। एसएचओ सहित उच्च अधिकारियों को फोन किया था। और नाकाबन्दी के निर्देश भी दिए थे। लेकिन पुलिस ना हीं मौके पर पहुंची और ना हीं नाकाबन्दी करवाई। उन्होने कहा कि पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखूंगा।

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