ॐ शांति ॐ, कांग्रेस की अंतिम संस्कार शीघ्र
ॐ शांति ॐ, कांग्रेस की अंतिम संस्कार शीघ्र
महेश झालानी
छोटा अखबार।
मैं पिछले कई साल से लिखता आ रहा हूँ कि कांग्रेस की अंतिम यात्रा तो निकल ही चुकी है । केवल अब इसका अंतिम संस्कार होना बाकी है । लगता है कि थोड़े समय बाद यह रस्म अदायगी भी पूरी हो जाएगी । जिस पार्टी में राहुल जैसा नासमझ, प्रियंका जैसी ना अक़्ली और सोनिया सरीखी असहाय नेता हो, उस पार्टी का अंततः अंतिम संस्कार होना सुनिश्चित है ।
पार्टी सम्मानजनक स्थिति पाने में कामयाब हो सकती थी । लेकिन एक व्यक्ति की घटिया और निकृष्ट महत्वाकांक्षा के चलते कांग्रेस निरन्तर रसातल जाती चली गई । यह व्यक्ति और कोई नही, देश का सबसे बड़ा राजनीतिक बहरूपिया अशोक गहलोत है । कांग्रेस की मय्यत के पीछे गहलोत के अलावा पूरा नेहरू परिवार, खड़गे और सुखजिंदर सिंह रंधावा जिम्मेदार है । रंधावा की मूर्खता और खड़गे की चमचागिरी की वजह से ही पार्टी का कद पूरी तरह सिमट चुका है ।
गहलोत को पार्टी डुबोने का सम्मान हासिल है तो सचिन पायलट भी इसकी मय्यत निकालने में पीछे नही रहे । उन्होंने धरने से लेकर महायात्रा का हर हथकंडा अपनाया । लेकिन गहलोत ने सभी हथकंडों को पंचर करते हुए सचिन की वास्तविक हैसियत बता दी । सचिन की वजह से सबसे बड़ा नुकसान उनके कार्यकर्ताओ का हुआ । वे पहले भी सड़क पर थे और आज भी सड़क पर जूती चटकाते हुए घूम रहे है । जबकि गहलोत के चमचे और चिलमची आयोगों में नियुक्ति पाकर मलाई चाट रहे है । गहलोत के सिपहसालारों ने पर्चे लीक करके और गधों को पंजीरी खिलाकर सरकार में थोक के भाव घुसेड़ दिया ।
जो इस धरती पर आया है उसे जाना ही होगा । गहलोत की इच्छा है कि उनके जीते जी कांग्रेस का अंतिम संस्कार उनके हाथों हो । इसके प्रयास में तेजी से सक्रिय है । सचिन को छतीसगढ़ भिजवाकर गहलोत अपनी मनमानी पर आमादा है । जबकि खड़गे और रंधावा टाइप नेताओं की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है । "इंडिया" के माध्यम से पीएम बनने का सपना देखने वाले पप्पू की स्थिति तो और भी दयनीय है ।
गहलोत जैसे स्वार्थी और निकृष्ट सोच वाले नेताओं के चलते कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी से क्षेत्रीय पार्टी में सिमट गई । आने वाले दिनों में मास्टर लोग बच्चों को पढ़ाएंगे कि कांग्रेस कभी राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी । एक से एक धुरन्धर भरे पड़े है इस पार्टी ने । पप्पू और पप्पी ने कैप्टेन अमरिंदर सिंह का शिकार किया । हरीश चौधरी पंजाब से तो रघु शर्मा गुजरात मे पार्टी की बैंड बजाकर मजे कर रहे है । दोनों पर टिकट बंटवारे में करोड़ो के लेनदेन का आरोप था ।
कांग्रेस का अंतिम संस्कार होना सुनिश्चित है । देश के सभी नागरिकों को दो मिनट का मौन धारण कर इसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए । लोग आरोप लगा रहे है कि मोदी कांग्रेस का वजूद समाप्त करने की कोशिश कर रहे है । जबकि हकीकत यह है कि जिस पार्टी में गहलोत जैसे स्वार्थी व्यक्ति मौजूद है, मोदी को हाथ पैर मारने की आवश्यकता क्यों ? हमे गहलोत जैसे "महान" नेता का सम्मान करने की आवश्यकता है जिसे राष्ट्रीय पार्टी का जनाज़ा निकालने का "गौरव" हासिल है ।
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