भ्रष्टाचार खत्म करने के फेर में ग्राम विकास अधिकारी ने लगाई फांसी
भ्रष्टाचार खत्म करने के फेर में ग्राम विकास अधिकारी ने लगाई फांसी
छोटा अखबार।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारें मुहिम चलाती हैं और चली जाती हैं। लेकिन
भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं लेता है। वहीं जो व्यक्ति भ्रष्टाचार को खत्म
करने की ठानता है उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश
देखने को मिला है।
मामला प्रदेश के सीकर जिले में श्रीमाधोपुर के थोई थाना के चिपलाटा गांव का है। गांव के ग्राम विकास अधिकारी ललित कुमार ने अपने घर पर ही फांसी लगाली थी। इस घटना से गांव में तनाव का माहौल हो गया। जानकारी के अनुसार ललित कुमार के कमरे से 8 पन्नों का एक पत्र मिला है। इस पत्र को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पत्र में ललित ने चिपलाटा सरपंच और तत्कालीन विकास अधिकारी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
पुलिस के अनुसार ग्राम विकास अधिकारी ललित कुमार ने थोई थाने में तीन दिन
पहलें सरपंच मनोज गुर्जर और तत्कालीन विकास अधिकारी नरेंद्र प्रताप के खिलाफ थाने
में मामला दर्ज करवाया था। मामला जांच में स्थानीय निधि अंकेक्षण की ऑडिट में 5 लाख 20 हजार 11 रुपए का वर्ष 2022 में गबन पाया गया था। परिजनों के अनुसार ललित ने जब से रिपोर्ट दर्ज करवाई तब
से अवसाद में था और उसे लगातार धमकियां मिल रही थी। इस के चलते उसने आत्महत्या
करली। आत्महत्या की सूचना पर डिप्टी राजेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग
इकट्ठे हो गये और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। घटना पर मौजूद परिजनों
ने शव का पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया और कहा कि पहले मामले में लिफ्त
आरोपियों की गिरफ्तारी हो उसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
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