देश में 01 जुलाई 2024 से लागू होगें तीन नये कानून
देश में 01 जुलाई 2024 से लागू
होगें तीन नये कानून
छोटा अखबार।
देश में अब 01 जुलाई 2024 से तीन नये कानून लागू होगें। इससे आमजन को काफी
राहत मिलने की संभावना है। देश में सरकारी कर्मचारीयों और न्यायाधीशों पर क्रिमिनल
केस चलाने हेतु अनुमति लेने संबंधी प्रावधानों में बदलाव हुआ है। अब संबंधित कोर्ट
जिसमें क्रिमिनल केस पेश होगा, उस कोर्ट का न्यायाधीश ही केस चलाने की
अनुमति दे सकेगा। वहीं अब शासन की या उच्च न्यायालय से अनुमति की प्रतीक्षा करने
की आवश्यकता नहीं होगी।
लंबे समय तक लिव इन पार्टनर को साथ रखकर, शादी के मुगालते में
रखकर सेक्स करते रहना अब कानून में अपराध घोषित, बलात्कार
नहीं माना जायेगा लेकिन सजा कम से कम दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक होगी। वहीं
माब लीचिंग या भीड़ द्वारा किसी जुनून में की जाने वाली किसी की मारपीट या हत्या
अब घोषित व परिभाषित अपराध होगा और सजा कम से कम 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक
होगी ।
दूसारी और जाति, धर्म और वर्ग आदि के नाम पर किये जाने वाले
उपद्रव अब घोषित व परिभाषित अपराध होंगें। वहीं जमानत के लिये अब कानून विधि और
तरीकों को फिक्स किया है। किसकी जमानत
होगी और किसकी नहीं होगी अब 90% विधि नियत और परिभाषित होगी। नये कानून में जजों
के विवेकाधीन और रहमो करम पर जमानतों के होने न होने का परिणाम 90% समाप्त हो गया
है।
एफ आई आर दर्ज करने के कानून में भी बदलाव किया है। अब प्रत्येक एफ आई आर
आनलाइन होगी और पब्लिक दर्ज करा सकेगी। अब एफ आई आर थाने में आये फरियादी की दर्ज
करना भी पुलिस की बाध्यता होगी। देश में शून्य एफ आई आर प्रणाली लागू होगी। इसके
तहत कोई भी व्यक्ति अब भारत में कहीं भी किसी भी थाने में एफ आई आर दर्ज करा
सकेगा।अब पहली बार कोई भी व्यक्ति जो एफ आई आर नही़ दर्ज करने से दुखी है वह सीधे
ही एफ आई आर कोर्ट मे़ प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट को दे सकेगा और मजिस्ट्रेट उसे
कोर्ट में एंट्री कर सीधे संबंधित थाने को फारवर्ड करेगा। ऐसी प्रत्येक एफ आई आर
तुरंत दर्ज करना पुलिस की ड्यूटी होगी, अन्यथा उसे बर्खास्त कर दिया
जायेगा और संबंधित कानून में गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जायेगा।
अब प्रत्सेक केस का फैसला 3 साल के भीतर सुनाना अनिवार्य होगा। चालान पेश
करने, विवेचना करने की भी अवधियां फिक्स हुईं। प्रत्येक पुलिस अधिकारी, कोर्ट के अधिकारी, कर्मचारी और वकील का आनलाइन होना
अब जरूरी रहेगा, प्रत्येक एफ आई आर, रोजनामचा,
केस डायरी, विवेचना, प्रतिवेदन,
चालान, कोर्ट की डेली प्रोसीडिंग्स, आर्डर शीटें, कार्यवाहियां और सुनवाई आनलाइन होंगीं।
सभी प्रकार के कोर्ट केसेज और दस्तावेज शपथ पत्र (वीडियो ओथ रिकार्डिंग) आनलाइन
कोर्ट पोर्टल पर आनलाइन वीडियो रिकार्डिंग से होंगें।
अब 01 जुलाई से वकील आनलाइन वीडियो कान्फ्रेंसिंग से अपने पक्षकार / गवाह सहित उपलब्ध होंगें और एक ही दिन वी सी के जरिये देश के अनेक कोर्ट अटेंड कर सकेंगें ।
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