Posts

Showing posts from August 12, 2023

क्या सत्ता जाने का डर सता रहा है गहलोत को —ओम माथुर

Image
 क्या सत्ता जाने का डर सता रहा है गहलोत को —ओम माथुर छोटा अखबार। —क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह लगने लगा है कि राजस्थान में उनका मिशन रिपीट        का सपना नाकाम होने जा रहा है?  —क्या गहलोत को यह आशंका है कि वह भले ही 156 सीटें लाने का दावा कर रहे हो, लेकिन       मामला 56 के आसपास सिमटकर ना रह जाए?  —क्या मुख्यमंत्री को यह लगने लगा है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों की छवि       उनके इलाकों में इतनी खराब हो गई है कि उनमें से अधिकांश के जीतने के आसार नहीं       हैं?  —क्या गहलोत को लगने लगा है कि राजस्थान में ही नहीं, दिल्ली से भी कांग्रेस के बड़े उन्हें      नाकाम करने के लिए उनके खिलाफ साजिश रच रहे है? —क्या मुख्यमंत्री को ये लगने लगा है  कि उनकी ढेर सारी मुफ्त योजनाओं पर राज्य में      भ्रष्टाचार,बलात्कार,महिला सुरक्षा का मुद्दा चुनावों में भारी पड़ने वाला है?  शुक्रवार को राजस्थान में हुई कांग्रेस की पॉलिटिक्स अफेयर्स कमेटी ...

प्रकाश के प्रकाश से ही चमकेगा वसुंधरा राजे का चेहरा

Image
  प्रकाश के प्रकाश से ही चमकेगा वसुंधरा राजे का चेहरा   छोटा अखबार। वसुंधरा तेरी खेर नहीं, मोदी तुझसे बैर नहीं, प्रदेश के पिछले विधान सभा चुनावों में इस नारे ने खूब धूम मचाई थी। जिसका खामियाजा भाजपा और वसुंधरा ने व्यक्तिगत भुगता। जिसका असर आज भी वसुंधरा के लिये गले की हड्डी बना हुआ है। भाजपा सूत्रों और संचार माध्यमों के अनुसार प्रदेश में भाजपा की पूर्व वसुंधरा सरकार के दौरान भाजपा के संगठन महासचिव रहे प्रकाश चन्द्र की पुर्व मुख्यंत्री राजे से नाराजगी उस दौरान जगजाहिर थी। नाराजगी के दौरान प्रकाश चन्द्र ने संघ मुख्यालय नागपुर को राजे की शिकायत दर्ज कराई थी जिसका अंधेरा आज भी कायम है।  प्रकाश के प्रकाश को तरस रही वसुंधरा गत शुक्रवार को चार घण्टे के लिए जयपुर आई थी और प्रकाश से मुलाकात कर वापस लौट गई। प्रकाश से मिलकर राजे का अंधेरा दूर हुआ या नही इसका पता 15 अगस्त को ही चल पायेगा। संचार माध्यमों के अनुसार 15 अगस्त से भाजपा परिवर्तन यात्रा जैसा कुछ नया करने जा रही है। आपको बता दें कि राजस्थान में फिलहाल भावी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है और आगामी विधान सभा चुनाव पीएम...

पोलटिकल अफेयर कमेटी की मीटिंग में गहलोत की वक्र दृष्टि

Image
 पोलटिकल अफेयर कमेटी की मीटिंग में गहलोत की वक्र दृष्टि छोटा अखबार। प्रदेश के वॉर रूम में कांग्रेस की पोलटिकल अफेयर कमेटी की पहली बैठक हुई। इस कमेटी का गठन महज दो दिन पहले होना बताया गया है। बैठक में भाग लेने वाले कई नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोप भाजन का शिकार हो गये। सरकार की वापसी के सपने देख रहे परेशान गहलोत ने अपने ही मंत्री मंडल के सा​थियों पर गुस्सा निकालते नजर आए। बैठक में मुख्यमंत्री स्थिति देख उपस्थित नेताओं के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगी। वहां मौजूद मधुसूदन मिस्त्री, वेणुगोपाल, रंधावा, सचिन पायलट और संवैधानिक पद पर बैठे सी पी जोशी केवल मूक दर्शक बने नजर आये। संचार माध्यमों के अनुसार मुख्यमंत्री की यह हालत उनकी दर्जनों घोषणाओं के बाद भी राज्य के मतदाताओं का कांग्रेस के प्रति सकारात्मक रुख नहीं बन पाना बताया जा रहा है। आपको बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार की वापिस के प्रयास केवल मुख्यमंत्री ही करते नजर आ रहे है। यहीं कारण है कि गहलोत बार बार दोहरा रहे हैं कि उनकी सरकार के खिलाफ राज्य में इस बार एंटी इनकम्बेंसी का वातावरण नहीं है। बैठक में गहलोत ने मंत्री प्रतापसिंह...