बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना....
बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना.... .राहुल गोस्वामी छोटा अखबार। एक बुढिय़ा को सडक़ पार करवाने के बाद घर जाकर अपने पिता से एक युवक ने इतराते हुए कहा कि आज एक नेक काम करके आया हूं। पिता बोले इसमें नेक काम क्या हुआ यह तो बहुत ही साधारण सी बात है। इस पर बेटा झल्लाते हुए बोला नेक काम क्यों नही पिताजी, भला वो बुढिय़ा सडक़ पार करना ही नहीं चाहती थी। आज के मीडिया जगत की हालत भी कमोबेश इस युवक से जैसी ही प्रतीत हो रही है। हर पार्टी और बड़े नेता का स्वयं का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना हुआ है जिसमें उनकी पल-पल की अपडेट होती है ऐसे मेेंं इनको ना प्रिंट मीडिया की गरज है और ना ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ही। फिर भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हो या भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह या किसी बड़े भाजपा नेता की सभाएं ही क्यों ना हो, धक्के खाते और भूख-प्यास से परेशान होते मीडियाकर्मी इनकी कवरेज की मशक्कत में बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना करने को तैयार रहते हैं। राजस्थान का मीडिया मानो सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के कार्यक्रमों में बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना सी भूमिका निभा रहा है