आईफ्लू से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग ने जारी किये दिशा-निर्देश
आईफ्लू से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग ने जारी किये दिशा-निर्देश
छोटा अखबार।
जयपुर, 27 जुलाई। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग श्रीमती शुभ्रा सिंह के निर्देश पर बारिश के मौसम में फैल रहे कंजेक्टिवाइटिस (आईफ्लू) नामक आंखों के संक्रमण की बीमारी से बचाव एवं रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों एवं प्रमुख चिकित्साधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
श्रीमती सिंह ने निर्देश दिए हैं कि उपस्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक कंजेक्टिवाइटिस (आईफ्लू) से बचाव एवं रोकथाम की जानकारी का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने इस बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयां प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस एक प्रकार का संक्रमण है जो वायरस या बैक्टीरिया से फैलता है। यह बीमारी मानसून के मौसम एवं जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है। आंखों में लालपन, सूजन, लिड्स में सूजन और खुजली इस संक्रमण के प्रमुख लक्षण है। आंखों में पीलापन और पानी बहना भी इसके लक्षण के रूप में देखे जा रहे हैं। इस दौरान बच्चों में आंखों के संक्रमण के साथ बुखार भी आ सकता है।
डॉ. माथुर ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस के उपचार के लिए हमेशा आंखों को साफ रखना और हाथों को बार-बार धोना आवश्यक है, साथ ही संक्रमण होने पर काले चश्मे का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि यह संक्रमण दूसरों में नहीं फैले। संक्रमण होने पर तत्काल नजदीकी चिकित्सा केन्द्र पर चिकित्सक से परामर्श लेते हुए पूर्ण उपचार करवाना चाहिए।
संयुक्त निदेशक अंधता निवारण प्रकोष्ठ डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से बचाव के लिए नियमित तौर पर हाथों को साबुन से धोना चाहिए। आंखों को नियमित रूप से साफ पानी से धोयें। जो व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित है वह अपनी टॉवल, रूमाल, तकिया एवं बैडशीट्स आदि किसी अन्य सदस्य के साथ शेयर नहीं करें। अपने आसपास के वातावरण को साफ रखें, साथ ही इन दिनों भीडभाड वाले क्षेत्रों एवं स्विमिंग पूल आदि में जाने से बचें।
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