प्री-प्राइमरी क्लासेज‘ के लिए शीघ्र मिलेंगे एनटीटी टीचर्स
प्री-प्राइमरी क्लासेज‘ के लिए शीघ्र मिलेंगे एनटीटी टीचर्स
स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने वीसी से की प्रगति की समीक्षा- प्रदेशभर के 12 हजार से अधिक शिक्षा अधिकारियों से किया सीधा संवाद, एमजीजीएस में ‘प्री-प्राइमरी क्लासेज‘ के लिए शीघ्र मिलेंगे एनटीटी टीचर्स, 27-28 जुलाई को काउंसलिंग से 4,880 शिक्षकों को होंगे स्कूल आवंटित
छोटा अखबार।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल (एमजीजीएस) में संचालित एक हजार से अधिक बाल वाटिकाओं (प्री-प्राईमरी क्लासेज) में एनटीटी टीचर्स की शीघ्र नियुक्ति की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा रहा है। एनटीटी टीचर्स को तत्परता से जिला आवंटन कर उन्हें बाल वाटिकाओं में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को पढ़ाने का दायित्व सौंपा जाएगा। शासन सचिव नवीन जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को जयपुर में शिक्षा संकुल से प्रदेशभर के 12 हजार से अधिक शिक्षा अधिकारियों की वीसी (वीडियो कांफ्रेंसिंग) के माध्यम से आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई।
श्री जैन ने बैठक में पीईईओ (पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी) से लेकर ब्लॉक, जिला, सम्भाग और राज्य स्तरीय अधिकारियों से विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की प्रगति के बारे में सीधे संवाद करते हुए ‘एमजीजीएस‘ की ‘ब्रांड वैल्यू‘ में निरंतर बढ़ोतरी करने पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में 2700 से अधिक एमजीजीएस का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा 700 से ज्यादा नए इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्वीकृति और जारी की जा चुकी है। इन स्कूलों में संविदा भर्ती के तहत 4 हजार 880 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिला आवंटन की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। आगामी 27-28 जुलाई को काउंसलिंग के जरिए इन शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर दिए जाएंगे, इसके बाद इनको 12 अगस्त तक सम्बंधित एमजीजीएस में ज्वाइन करना होगा। इसके अलावा 10 अगस्त को विभाग के टीचर्स का टेस्ट आयोजित होगा, जिसके आधार पर उनकी एमजीजीएस में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे।
शाला सम्बलन एप के अपडेटेड वर्जन से होगा प्रभावी निरीक्षण-
शासन सचिव ने कहा कि गत दिनों जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में स्कूलों के निरीक्षण की व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए आए सुझावों को शामिल करते हुए ‘शाला सम्बलन एप‘ का अपग्रेडेड वर्जन आगामी 15 दिनों में जारी कर दिया जाएगा। सभी अधिकारियों को निरीक्षण के लिए उन्हें आवंटित स्कूलों के साथ ही रेंडम आधार पर अन्य विद्यालयों और मिड डे मील गतिविधियों के निरीक्षण के लिए अंक देते हुए समग्र मूल्यांकन होगा। ंइससे अधिकारियों को स्कूल निरीक्षण के लिए आवंटित टास्क की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी होगी, जो अधिकारी निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार निरीक्षण नहीं करेंगे, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने स्कूल निरीक्षण के मौके पर ‘एप‘ के जरिए शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति का डाटा फीड करने के साथ ही शाला संचालन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण घटकों का बारीकी से जायजा लेने के निर्देश दिए।
नो बैग डे की गतिविधियों का कैलेंडर-
शासन सचिव ने बताया कि सभी स्कूलों में ‘नो बैग डे‘ के तहत शनिवार को संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों के पठन, ‘सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान‘ (गुड टच-बैड टच), तम्बाकू से बचाव, सड़क सुरक्षा और बी-स्मार्ट जैसी गतिविधियों को शामिल करते हुए विस्तृत एवं कैलेंडर आगामी दिनों में जारी किया जाएगा। उन्होंने आगामी दिनों में प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में ‘मेरी लाइफ-मैसिव ट्री प्लांटेशन ड्राइव‘ के तहत विद्यार्थियों के सक्रिय योगदान से अधिक से अधिक पौधे लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें ‘इको क्लब‘ की एक्टिीविज को जोड़े। छात्र-छात्राओं द्वारा लगाए गए पौधों पर उनके नाम की पट्टिका लगाते हुए उन्हें अपने पौधे की देखरेख की जिम्मेदारी वहन करने के लिए प्रेरित करे। बैठक में बताया गया कि इस अभियान के तहत राज्य की स्कूलों में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए वन विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित नर्सरीज से रियायती दर पर पौधे उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना एवं मिड डे मील गतिविधियों के सघन निरीक्षण, शाला दर्पण पोर्टल पर प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के तहत नामांकन डाटा के अपडेशन, छात्रवृति योजनाएं और समग्र शिक्षा की गतिविधियों की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।
स्कॉलरशिप मॉड्यूल अब ऑटो मोड पर-
शिक्षा निदेशक कानाराम ने बैठक में बताया कि स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करते हुए सिस्टम में सुधार के लिए कई इनिशिएटिव लागू किए जा रहे हैं। स्कॉलरशिप मॉड्यूल में बदलावों के बाद यह अब ऑटो मोड पर कार्य कर रहा है। वीसी से विशिष्ट शासन सचिव श्रीमती चित्रा गुप्ता, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला के अलावा राज्य स्तर पर संयुक्त शासन सचिव एवं उप शासन सचिव, अतिरिक्त परियोजना निदेशक, उपायुक्त, अतिरिक्त निदेशक, सम्भाग स्तर से समस्त संयुक्त निदेशक, बीकानेर से शिक्षा निदेशालय के अधिकारी, जिलों से मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं प्रारम्भिक, ब्लॉक स्तर से सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, समस्त पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी और सभी शहरी संकुल प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी जुड़े।
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