स्वास्थ्य दिवस पर जनता का बनाया अप्रेल फूल

 स्वास्थ्य दिवस पर जनता का बनाया अप्रेल फूल


—सत्य पारीक

छोटा अखबार।

राज्य सरकार ने आज सवास्थ्य दिवस पर जनता से फ़र्स्ट अप्रेल की मज़ाक करने के लिए सभी दैनिक अखबारों में एक पेज का विज्ञापन देकर मूर्ख बनाने की कोशिश की । इस विज्ञापन में दावा किया गया कि " राजस्थान मॉडल स्टेट " है लेकिन ये बताया नहीं कि किसमें मॉडल है । जब विज्ञापन पर अंकित किया है तो जाहिर है कि मेडिकल सुविधाओं में ही है । जबकि सच्चाई यह है कि गहलोत सरकार का बनाया " राईट टू हैल्थ " कानून केवल राज्य के दो संभागों में ही एक्टिव हुआ है जिनमें उदयपुर जिले के पांच और जयपुर के तीन मेडिकल कॉलेज इस कानून के दायरे में हैं । राज्य के बड़े बड़े शहर जोधपुर , कोटा , अजमेर , बीकानेर , भरतपुर , अलवर , सीकर , श्री गंगानगर आदि पर उक्त कानून का कोई असर नहीं है ।

           जबकि इस कानून को बनाने को लेकर जबरदस्त ढंढोरा पीटा गया जिसके बदले में 17 दिनों तक मेडिकल माफिया ने राज्य के निजी अस्पताल से लेकर डायग्नोस्टिक सेंटरों पर ताले ठोक कर जनता के जीवन से खिलवाड़ किया । मुख्यमंत्री टुकर टुकर ताकते रहे और अखबारों में विज्ञपनों की झड़ी लगा दी , उधर जनता अपनी हठधर्मी सरकार को रोती रही । आखिर में मुख्यमंत्री ने घुटने टेक दिए और मेडिकल माफ़िया की सारे शर्ते मानकर बेशर्मी दिखाई । सबसे बड़ी बेशर्मी तो आज विश्व स्वास्थ्य दिवस पर दिखाते हुए अखबारों में एक पेज का विज्ञापन देकर राज्य को मॉडल स्टेट बताया ।जबकि मुख्यमंत्री की चिरंजीवी योजना की दुर्गति राज्य के सरकारी अस्पतालों में ये कि होर्डिंग्स तो बड़े बड़े लगें हैं लेकिन इस योजना के तहत इलाज संभव नहीं है ।

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