कांग्रेस-भाजपा की राजनीतिक लंका में हनुमान आग लगाएगा

 कांग्रेस-भाजपा की राजनीतिक लंका में हनुमान आग लगाएगा 


—सत्य पारीक

छोटा अखबार।

         राजस्थान की राजनीति में हनुमान बेनीवाल-अरविंद केजरीवाल की जोड़ी कांग्रेस-भाजपा का तिया पांचा करने को तैयार हो चुके हैं । पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकशक्ति पार्टी का पहला सबसे बड़ा राजनीतिक इवेंट राजस्थान की धरती पर आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में होगा जिसकी ज़मीन तैयार की जा रही है । बेनीवाल की वसुंधरा राजे से बहुत खराब रिश्ते हैं ये रिश्ते तब खराब हुए थे जब वे भाजपा के विधायक थे और राजे मुख्यमंत्री थी । नागौर जिले की राजनीति के पुरोधा रहे मिर्धा परिवार को चुनावी मात दे कर हनुमान ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की ।

           कांग्रेस से तो हनुमान के रिश्ते उस समय से ख़राब हैं जब वो छात्र राजनीति में उतरे थे । हनुमान से हाथ मिलाकर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल जाट समुदाय में पैठ बनाने की कोशिश में है । इसी कर उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री हनुमंत मान को आगे किया है । हनुमान और हनुमंत मान की ये जोड़ी राज्य के भावी राजनीतिक समीकरणों को बदलने के लिए काफी है । राजस्थान के शेखावाटी में बेनीवाल की खास पैठ है ऐसे में इस जोड़ी के बाद आम आदमी पार्टी के जयपुर में विजय उत्सव सम्मेलन में कई ऐसी नई तस्वीरें भी देखने को मिल सकती है जो कांग्रेस-भाजपा की चूलें हिला देगी।  2018 के विधानसभा चुनाव में बेनीवाल की नई राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के चलते बीजेपी, जाट बेल्ट में कमजोर साबित हुई थी । जिसके बाद 2019 में लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने रालोपा से गठबंधन किया और जाट बाहुल्य नागौर की लोक सभा सीट रालोपा को दे दिया । सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रालोपा का बीजेपी में विलय चाहते थे लेकिन हनुमान बेनीवाल राजी नहीं हुए ।


                23 मई 2019 को जब लोकसभा चुनाव के परिणाम आए तो नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को भारी मतों से हराया था । राजस्थान में लोकसभा की 25 सीट में से 24 सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतारे थे, उन सब ने भी जीत हासिल की । नागौर की सीट पर बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की आरएलपी ने गठबंधन कर लिया था । इसका फायदा भी पार्टी को मिला नागौर ही नहीं जोधपुर, अजमेर, जालोर, जोधपुर और राजसमंद में असर देखा गया जहां बेनीवाल की पार्टी बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में थी । 2019 में बेनीवाल ने राष्ट्रीय स्तर अपनी पार्टी को जमा लिया और अब एनडीए के घटक दल के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान हो चुकी थी ।

             इधर पंजाब विधान सभा चुनाव में मिली जीत के बाद आम आदमी पार्टी राजस्थान में 26 और 27 मार्च को दो दिवसीय राज्य स्तरीय विजय उत्सव सम्मेलन करने जा रही है । जिसका उद्देश्य है,  पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ आगामी चुनावों को रणनीति तैयार करना । पार्टी प्रदेश प्रभारी और राज्य सभा सांसद संजय सिंह इसकी तैयारी में लगे हैं । ऐसे में सवाल ये कि क्या बेनीवाल इस बार आम आदमी पार्टी के साथ नये राजनीतिक रास्ते पर जाने की तैयारी में है ? क्योंकि ऐसा होता है तो जाट बाहुल्य सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलेगी । इधर सूत्रों के मुताबिक जमींदार पार्टी  भी आम आदमी पार्टी के कोर ग्रुप के संपर्क में है ।

          इसके पहले 2018 में जमींदारा पार्टी, आप को समर्थन दे चुकी है आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी की तैयारी के चलते पार्टी जल्द ही राजस्थान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर चुकी है । पार्टी नेताओं ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान द्वारका आप के विधायक और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा को राजस्थान की जिम्मेदारी दी जा सकती है जो सांसद संजय सिंह के नये सहयोगी बन सकते हैं ।

            पंजाब में मिली भारी जीत के बाद आम आदमी पार्टी अगले महीने राजस्थान में सर्वे शुरू करने जा रही है और राज्य में प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प देने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है । आप ने 2018 के राजस्थान विधान सभा चुनावों में राज्य की 200 सीटों में से 142 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे हालांकि उसके एक भी उम्मीदवार को सफलता नहीं मिली और उसे कुल मिलाकर 0.4 प्रतिशत वोट मिले

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