23वे दिन पहुंचा महिला पत्रकारों का दस्ता सीएमआर

23वे दिन पहुंचा महिला पत्रकारों का दस्ता सीएमआर


छोटा अखबार।

चलो नायला संगठन के आह्वान पर 23वे दिन  गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने उनके निवास पर पहुंची महिला पत्रकारों ने कहा कि निर्दोष 571 परिवारों की पीड़ा से गहलोत कैसे मुंह फेर सकते हैं। प्रत्येक आवंटी के साथ उसका पूरा परिवार 10 साल से परेशान है जबकि उनकी भी कोई गलती नहीं है। अपने परिवार के दुख को आंचल में भरकर आई महिला पत्रकारों से तो मुख्यमंत्री को मिलना ही चाहिए।

पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर की आवंटी पत्रकार श्रीमती दीपशिखा शर्मा, अंबिका पारीक, अनिता शर्मा, हेमलता किराड़ और राखी सोनी ने अधिकारियों को बताया कि 10 साल से बकाया राशि जमा कराकर अपने घर का पट्टा लेने के लिए दर दर की ठोकर खा रहे हैं।  571 आवंटियों के साथ उनके पूरे परिवार के अधिकार पर कुठाराघात किया जा रहा है। एक परिवार की पीड़ा महिला से ज्यादा कौन समझा सकता है। महिला पत्रकारों ने अधिकारियों से कहा कि यदि मुख्यमंत्री जी नहीं हैं तो उनको श्रीमती गहलोत से मिलवा दो, ताकि उनका दुख कुछ तो हल्का हो सके। इस पर अधिकारियों ने कहा कि प्रेस एनक्लेव नायला के आवंटी पत्रकारों की पीड़ा वे भी समझते हैं और मुख्यमंत्री जी भी समझते हैं। वे मुख्यमंत्री जी से बात कर जल्दी ही सब आवंटियों से मिलवाएंगे। 

चलो नायला संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते कुछ चापलूस आज भी नायला पत्रकार नगर के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। पिछले 10 साल में सभी ने इस योजना पर राजनीतिक रोटियां ही सेकी है। लेकिन 4 माह से प्रत्येक आवंटी अपने भूखंड के अधिकार को जान चुका है और अपना हक लिए बिना कोई भी चुप नहीं बैठने वाला।

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