इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा फरार या घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा फरार या घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं 


छोटा अखबार।

इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस मंजू रानी चैहान की पीठ ने एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तीन व्यक्तियों की अग्रिम जमानत नामंजूर करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसके खिलाफ एक वारंट जारी किया गया है और वारंट के निष्पादन से बचने के लिए फरार है और उसके खिलाफ संहिता की धारा 82 के तहत कार्यवाही शुरू की गई है, तो वह अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है। 



अदालत ने कहा कि आरोपी पूछताछ और जांच के लिए उपलब्ध नहीं थे और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत की राहत देने से इनकार किया जाता है। उपरोक्त निर्णय में कोर्ट ने साधना चैधरी बनाम राजस्थान और अन्य राज्य, 2022 (237) एआईसी 205 (एससी) और प्रेम शंकर प्रसाद बनाम बिहार राज्य और अन्य एलएल 2021 एससी 579 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भरोसा किया।

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