मुख्यमंत्रीजी बताएं कि पत्रकारों को किस गलती की मिल रही सजा
मुख्यमंत्रीजी बताएं कि पत्रकारों को किस गलती की मिल रही सजा
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव ललित कुमार का कहना है कि पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर के आवंटी पत्रकारों का रोजाना आ रहा प्रार्थना पत्र रोजाना मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाया जाता है। वे जब मिलने का तय करेंगे, पत्रकारों को मिलने का समय भी तभी मिलेगा।
ललित कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के 15वे जत्थे की पीड़ा सुनने के बाद यह बात कही। जत्थे में शामिल वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गौतम, ललित शर्मा, मोहन मुरारी शर्मा, सुशील व्यास और जितेंद्र प्रधान ने ललित कुमार को बताया कि 571 आवंटी पत्रकार और उनके परिवारों की आवंटन प्रक्रिया में कोई गलती नहीं है। अधिकारियों की गलतियों और लापरवाही का खामियाजा आवंटी भुगत रहे हैं।
आवंटी पत्रकार पिछले साढ़े 3 माह से अधिकारियों से यही पूछ रहे हैं कि पट्टा वितरण में जारी गतिरोध में आवंटियों की गलती क्या है, किस गलती का सजा उन्हें भुगतनी पड़ रही है। कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं है। सब पुराने अधिकारियों की गलतियों पर पर्दा डालने में लगे हैं। मुख्यमंत्री जी ने आवंटी पत्रकारों को मिलकर कहा था कि वे उनके प्लॉट देंगे और अब मिलने तक का समय नहीं दे रहे हैं। शासन के सताए पत्रकार मुख्यमंत्री जी के पास नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे।
उन्हें प्लॉट मुख्यमंत्री जी के पिछले कार्यकाल में बनाई योजना में मिले हैं। उन्हें नगरीय विकास विभाग के 20 अक्टूबर, 2010, 4 जनवरी, 2011 और 28 फरवरी, 2013 के आदेश के अनुसार पात्रताओं में सफल होने पर लॉटरी से प्लॉट आवंटित किए गए हैं। लेकिन अब इन आदेशों को धज्जियां उड़ाकर कब्जा पत्र नहीं दिया जा रहा है। नायला योजना की तथ्यात्मक पत्रावली अब मुख्यमंत्री कार्यालय में है तो मुख्यमंत्री जी ही बताएं कि 571 आवंटी पत्रकारों का दोष क्या है। मुख्यमंत्री जी से इस बात का जवाब मांगने पत्रकार रोजाना सीएमआर आएंगे। चलो नायला संगठन ने समस्त पत्रकार साथियों से सभी अखबारों में खबरों और अन्य मीडिया माध्यमों से नायला योजना के सच को उजागर करने और दोषियों के चिट्ठे खोलने की अपील की है।
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