जागो मुख्यमंत्री जी जागो, नहीं तो डुबो देगें आपके अधिकारी
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री निवास के अधिकारियों का ये कहना कि 13 साल पुरानी पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर की पट्टा वितरण की समस्या वर्तमान पत्रकार आवास समिति में लेकर जाएं, तो क्या जेडीए की पुरानी योजनाओं के सुलटारे भी अब समिति ही करेगी। यह बात आवंटी पत्रकारों के गले नहीं उतरती है। शनिवार को आवंटी पत्रकारों के 11वे जत्थे के पत्रकारों ने सीएमआर के अधिकारियों से साफ कहा कि उन्हें तो मुख्यमंत्री जी से मिलना है, वे ही उनके पट्टों की समस्या का हल निकाल सकते हैं।
चलो नायला संगठन के आह्वान पर 571 आवंटी पत्रकारों का सीएमआर जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर आवंटन दस्तावेज जमा कराने का क्रम 13वे दिन शनिवार को भी जारी रहा। वरिष्ठ पत्रकार लेशिश जैन, राजेंद्र कासलीवाल, कुंजेश पतसरिया, डा प्रभात शर्मा और मो इकबाल 11वे जत्थे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने सीएमआर पहुंचे, लेकिन मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में डिप्टी सेक्रेटरी लक्ष्मण सिंह और ज्वाइंट सेक्रेटरी ललित कुमार ने उनकी पीड़ा सुनी। अधिकारियों ने कहा कि पत्रकारों की आवास समस्या के हल के लिए समिति बनी है। पत्रकार अपना प्रकरण समिति में ले जाएं। इस पर पत्रकारों ने आपत्ति करते हुए कहा कि समिति तो पत्रकारों की नई योजनाएं बनवाने, नई योजनाओं के लिए पात्रताएं तय करने, आवेदन लेने और चयन करने के लिए बनाई गई है। उनकी योजना 13 साल पुरानी समिति की देखरेख में बनी और लॉटरी निकालकर सभी 571 को प्लॉट आवंटित किए जा चुके हैं। उनके तो जेडीए से पट्टे जारी होने शेष हैं। इस संबंध में जेडीए की रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री कार्यालय में हस्ताक्षर के लिए रखी है तो समिति का 571 की योजना से कोई लेना देना नहीं है। आवंटियों ने अधिकारियों को आवंटन दस्तावेज भी जमा कराए। मुख्यमंत्री जी से मिलकर ही नायला आवंटियों की समस्या हल हो सकती है। मुख्यमंत्री जी से मिलने तक चलो नायला संगठन का गांधीवादी प्रदर्शन जारी रहेगा। एसी स्थिति में भी मुख्यमंत्री जी नहीं जागे तो इनके अधिकारी सरकार सहित इनको डुबो देगें।
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