देश में 10वीं बोर्ड खत्म, अब बोर्ड केवल 12वीं क्लास में छोटा अखबार। केन्द्र सरकार ने 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव करते हुए नई शिक्षा नीति-2020 जारी कर दी है।नई शिक्षा नीति के अनुसार देश में अब 12वींं में ही बोर्ड की परीक्षा होगी। वहीं पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था। अब स्कूली शिक्षा में 5+3+3+4 फॉर्मूले चलेगे, इसकेअनुसार ही 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी और पढ़ाया जाएगा। दुसरी ओर कॉलेजों की डिग्रियों में भी बदलाव किया है। अब कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी, मतलब कि स्नातक के पहले साल में सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री मिलेगी। जिन छात्रों को उच्च शिक्षा में नहीं जाना है उनको 3 साल में डिग्री मिल जाएगी। लेकिन उच्च शिक्षा में जाने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। इस प्रणाली में 4 साल वाले छात्रों को एक साल में एमए की डिग्री मिल सकेगी। दुसरी ओर उच्च शिक्षा में भी अब दसवीं बोर्ड की तरह एमफिल को खत्म कर दिया है और एमए के छात्र अब सीधे ही पीएचडी कर सकेंगे। देश में 5वीं तक अंग्रेजी माध्यम खत्म नई शिक्षा नीति
आज शाम 7 बजे व्यापारी करेंगे थाली और घंटी बजाकर सरकार का विरोध छोटा अखबार। राष्ट्र के सभी ट्रेड एसोसिएशन एवं व्यापार मंडल के परिसंघ, फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया व्यापार मंडलों का कहना है कि विदेशी स्वामित्व वाले ई-कॉमर्स कंपनियों को अगले कुछ महीने तक किसी भी प्रकार के कारोबार की अनुमति प्रदान नहीं की जाए। साथ ही ग्रीन जोन में काम करने वाले खुदरा दुकानदारों को बिक्री की अनुमति मिले। देश में लॉकडाउन के दूसरे चरण में गैर जरूरी उत्पादों की बिक्री में ई-कॉमर्स कंपनियों को छूट से देश के खुदरा व्यापारी ने नाराजगी व्यक्त की है। व्यापारियों ने आज 19 अप्रैल 2020 को शाम सात बजे सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए थाली बजाकर सरकार का विरोध करने का फैसला किया है। लॉकडाउन में ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑनलाइन सामान बिक्री की छूट दिए जाने का विरोध तेज होता जा रहा है। इससे नाराज खुदरा दुकानदारों का कहना है कि आगामी 20 अप्रैल से ऑनलाइन गैर आवश्यक वस्तुओं की बिक्री को छूट दिया जाना किसी भी प्रकार से सही नहीं है। ये खुदरा व्यापार को खत्म करने की एक साजिश है। इस कारण दुकानदारों ने इस फैसले का शांतिपूर्वक विरोध करन
सरकार का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग फेल, रुपयों में छपवानी पड़ रही है, बजट घोषणा की प्रेस विज्ञप्ती छोटा अखबार। प्रदेश में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के प्रचार प्रसार का जिम्मा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का होता है। इसके लिये विभाग ने तगड़ा तामझाम भी कर रखा है। लेकिन शायद सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रचार प्रसार के लिये खरा नहीं उतरा, इसलिये विभाग को रुपये देकर अखबारों में बजट घोषणा की प्रेस विज्ञप्ति छपवानी पड़ रही है। मामला मुख्यमंत्री बजट घोषणा का है। मुख्यमंत्री ने 2021-22 के बजट में अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना की घोषण की थी। इस योजना को वर्ष 2023-24 में संचालन करने के लिये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी की। लेकिन प्रेस विज्ञप्ति को अखबारों में छपवाने के लिये विभाग को रुपये खर्च करने पड़े। रुपये देकर प्रेस विज्ञप्ति छपवाने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का भरपूर सहयोग किया और DIPR/C/-/2023 क्रमांक से अखबारों में छपने के लिये जारी कर दिया। गौरतलब है कि सरकार के सभी विभागों में सूचना ए
रीको में 238 पदों की होगी सीधी भर्ती सरकार के आदेश जारी छोटा अखबार। राज्य सरकार के उपक्रम रीको में विभिन्न श्रेणी के करीब 238 पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा। सरकार ने सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरु करने के रीको की पत्रावली पर आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग अनुसार रीको में उप प्रबंधक से अधीनस्थ सहायक श्रेणी तक के करीब 238 पद लंबें समय से रिक्त चल रहे हैं। रीको में पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता व बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है। रीको में उपमहाप्रबंधक आईटी/टेक के 8, उपप्रबंधक एचआरडी/जीएडी/इन्फ्रा के 2, प्रोगामर कम ऑपरेटर के 2, सहायक स्थल अभियंता सिविल के 43, सहायक लेखाधिकारी द्धितीय के 23, कनिष्ठ विधि अधिकारी के 12, कनिष्ठ अभियंता पॉवर के 3, कम्प्यूटर ऑपरेटर कम सीनियर असिसटेंट के 2, आशुलिपिक के 9, ड्राफ्ट्समैन कम ट्रेसर के 13, कनिष्ठ सहायक के 74, वाहन चालक प्रथम के 9 और अधीनस्थ सहायक के 38 पद लंबे समय से रिक्त चल रहे थे। उन्होंने बताया कि इन सभी पदों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया रीको द्वारा जल्दी ही शुरु करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
मौलिक अधिकार नहीं है प्रमोशन में आरक्षण — सुप्रीम कोर्ट छोटा अखबार। विधी समाचार सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को ख़ारिज किया है जिसमें उसने राज्य सरकार से कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए क्वॉन्टिटेटिव डेटा इकट्ठा करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को आरक्षण देने के लिए निर्देश जारी नहीं किया जा सकता। कोर्ट का कहना है कि राज्य सरकार प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि इस डेटा से यह पता लगाया जाए कि एससी/एसटी श्रेणी के लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं ताकि उसके आधार पर प्रमोशन में रिज़र्वेशन की व्यवस्था की जा सके। हाई कोर्ट के फ़ैसले को राज्य सरकार और सामान्य वर्ग के आदेवकों ने चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी का मौलिक अधिकार नहीं है कि वह प्रमोशन में आरक्षण का दावा करे। सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार आरक्षण दे, इस बात के लिए कोर्ट आदेश नहीं दे सकता।
Chief Minister मुख्यमंत्री के विभाग डीआईपीआर में खेला छोटा अखबार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खास महकमों में शामिल सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में एक खेला होने का मामला संज्ञान में आया है। वैसे तो इस खास महकमें में कई खेला हुए हैं। इनमें सुजस टेंडर , संवाद में 34 लाख का गबन और फोटो ग्राफर भर्ती जैसे कई चर्चित खेला हुए हैं। लेकिन नई सरकार के गठन के बाद यह पहला खेला है , जो आमजन और सरकार के लिये खास है। इस खेला में विभाग ने रिक्त पदों से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां दी है। आपको बतादें कि 5 अक्टूबर 2023 को सरकार ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के मंत्रालयिक संवर्ग का पुनर्गठन कर 75 नवीन पदों को स्वीकृति प्रदान की गई थी। विभाग में पुनर्गठन के बाद संवर्ग में कुल 242 पद हो गये थे। इनमें संस्थापन अधिकारी के 2 पद , प्रशासनिक अधिकारी के 6 पद , अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 19 पद , सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 40 पद , वरिष्ठ सहायक के 50 पद और कनिष्ठ सहायक के 125 पद शामिल हैं। डीआईपीआर और सरकार के दस्तावेजों के अनुसार सरकार ने 5 अक्टूबर 2023 को सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 40 पदों को स्
10वीं और 12वीं की छात्राओं के लिऐ खुशखबरी, अब नहीं लगेगी फीस छोटा अखबार। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल जयपुर में 10वीं एवं 12 वीं की पढाई करने वाली छात्राओं को अब परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा। महिला अधिकारिता विभाग और स्टेट ओपन स्कूल जयपुर की ओर से इस संबंध में एमओयू किया गया है। इस एमओयू के अनुसार ‘‘इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण और कौशल संर्वधन योजना शिक्षा सेतु’’ के तहत शिक्षा सत्र 2020-21 में प्रवेश लेेने वाली छात्राओं से प्रवेश शुल्क, पुनः प्रवेश शुल्क, आंशिक शुल्क, परीक्षा शुल्क, प्रायोगिक विषय शुल्क, अग्रेषण प्रवेश शुल्क, सैद्धान्तिक और प्रायोगिक प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह शुल्क महिला अधिकारिता विभााग वहन करेगा। महिला अधिकारिता विभााग के अनुसार 10वीं की परीक्षा में न्यूनतम 14 वर्ष व 12वी की परीक्षा के लिए न्यूनतम 15 वर्ष तक की बालिका पंजीयन करवा सकती है। आयु में कोई अधिकतम सीमा नही है। माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में महिला अभ्यर्थी वाले वर्ग के लिए प्रवेश शुल्क एक हजार 225 रूपए एवं उच्च माध्यमिक पाठ्यक्रम के लिए एक हजार 475 है। पुनःप्रवेश, आंशिक प्रवेश, आईटीआई हेतु पंजीयन एवं परीक
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