संवेदनाएं जगाने के लिये 14वें जत्थे ने, मुख्यमंत्री निवास पर दी दस्तक
संवेदनाएं जगाने के लिये 14वें जत्थे ने, मुख्यमंत्री निवास पर दी दस्तक
छोटा अखबार।
अपनी राजनीतिक यात्रा में गरीब, असहाय और कर्मशील पत्रकारों के प्रति सदैव संवदेनशील रहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवदेनाएं आखिर कहां खो गई हैं। पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के 571 आवंटी पत्रकारों में से पिछले दस साल में अनेक पत्रकार तो दुनिया छोड़ चुके है। एक अन्य साथी इलाज कराने के बजाय अस्पताल से मुख्यमंत्री निवास आने पर अड़े हैं। 16 दिन से रोज पत्रकार मिलने सीएमआर आ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री जी मिलने का समय ही नहीं दे रहे हैं।
अब मुख्यमंत्री जी भी ध्यान नहीं देंगे तो कहां जाएंगे। दस साल में दिवंगत हो चुके साथी पत्रकारों के परिजन पूछते हैं कि प्लॉट कब तक मिलेगा, वे उन्हें भी क्या कहें कि मुख्यमंत्री जी मिल नहीं रहे। पत्रकारों ने संयुक्त सचिव को ज्ञापन देकर कहा कि सताए हुए आवंटी पत्रकारों की तकलीफें तब ही कम होंगी, जब मुख्यमंत्री जी पत्रकारों को मिलने का समय देंगे। वे मानते हैं कि मुख्यमंत्री जी की व्यस्तताएं अधिक हैं, लेकिन पत्रकार भी दस साल से दुखी हैं। इस पर ललित कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को आपके हर आगमन की सूचना दे रहे हैं। जल्दी ही वे आपसे भी मिलेंगे। जत्थे के पत्रकारों ने 571 आवंटी पत्रकारों का ‘मुख्यमंत्री हमसे मिलो’ पोस्टर भी ललित कुमार को भेंट किया।
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