जयपुर में आई एम शक्ति उड़ान योजना पर हुई कार्यशाला
जयपुर में आई एम शक्ति उड़ान योजना पर हुई कार्यशाला
छोटा अखबार।
महिला अधिकारिता निदेशालय, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को जयपुर के एक होटल में आई एम शक्ति उड़ान योजना अंतर्गत सेनेटरी नैपकिन निस्तारण प्रावधान, पर्यावरण पर प्रभाव, जागरूकता उपाय पर एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर शासन सचिव महिला एवं बाल विकास दिनेश कुमार यादव ने कहा कि यह कार्यशाला पर्यावरण अनुकूल सेनिटरी नैपकिन निस्तारण की रणनीतियां बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला में महिला अधिकारिता आयुक्त रेणु जयपाल ने सेनेेटरी नैपकिन का पर्यावरण अनुकूल निस्तारण किये जाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के अन्तर्गत किशोरियों और महिलाओं को निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण करवाया जा रहा है। हर महिने सेनेटरी नेपकिन का उपयोग किशोरियों और महिलाओं के द्वारा होता है उसके वेस्ट का निस्तारण हमारे लिए एक चुनौति है। जिसको लेकर यह कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों को आह्वान करते हुए कहा कि आप इस विषय में अपने महत्वपूर्ण सुझाव दें। हम इन सुझावों को सरकार तक पहुंचाकर पर्यावरण अनुकूल कार्य योजना बनाने का प्रयास करेंगे।
कार्यशाला में प्रदूषण नियंत्रण मंडल से सेवानिवृत और पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. विजय सिंघल ने अपने प्रस्तुति करण में कहा कि कानून के हिसाब से म्यूनिसिपल बोडिज की ओर से गीले सूखे वेस्ट का सेग्रीगेशन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट को इंसीनरेटर्स से निस्तारण किया जाता है। छोटे इन्सिनरेटरॉ, इलेक्टि्रकल इन्सिनरेटर और बायोमेडिकल इन्सिनरेटर का उपयोग कर न केवल उपयोग में लाये हुए सेनेटरी नैपकिन का के वेस्ट का निस्तारण किया जा सकता है अपितु उसको रिसाइकिल किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के पश्चात उसका पुनः उपयोग भी किया जा सकता है।
कार्यशाला में अलग अलग विशेषज्ञों ने सेनेटरी नैपकिन के वेस्ट के निस्तारण के विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से बताया और प्रचलित सेनेटरी नैपकिन के ऎसे विकल्पों से भी अवगत कराया जो किफायति और पर्यावरण अनुकूल हैं।
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