प्रदेश में खातेदारी भूमि में खनन पट्टों के लिए 4 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा खत्म —मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी

 प्रदेश में खातेदारी भूमि में खनन पट्टों के लिए 4 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा खत्म —मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी


छोटा अखबार।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उक्त संशोधनों से खनिजों का वैज्ञानिक एवं पर्यावरण-अनुकूल तरीके से समुचित खनन हो सकेगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम-2017 के विभिन्न नियमों में बदलाव किया गया है। संशोधित नियमों के अनुसार, अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों/क्वारी लाईसेन्सों की अवधि निश्चित प्रीमियम के भुगतान की शर्त पर 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2040 तक हो सकेगी। 

संशोधित नियमावली में अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों के हस्तान्तरण पर लिये जाने वाला प्रीमियम अब डेड रेन्ट/लाईसेन्स फीस के 10 गुना व अधिकतम 10 लाख रूपये के स्थान पर 5 गुना व अधिकतम 5 लाख रूपये तक लिया जाएगा तथा पट्टाधारियों को अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों के लिए मासिक की जगह त्रैमासिक ऑनलाइन रिटर्न भरना होगा। नए नियमों में खातेदारी भूमि में अप्रधान खनिज खनन पट्टा जारी करने की 4 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा को भी हटाया जा सकेगा ताकि वैज्ञानिक और सुरक्षित खनन को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, निर्धारित प्रीमियम के भुगतान पर अप्रधान खनिज के खनन पट्टों/क्वारी लाईसेन्स के समीप उपलब्ध भूमि एक निश्चित क्षेत्रफल तक खनन पट्टा/लाईसेन्स धारी को आवंटित की जा सकेगी। सुगमता की दृष्टि से नवीन प्रावधान के अनुसार खानों का पंजीयन बिना पर्यावरण अनुमति के हो सकेगा, लेकिन खनन कार्य पर्यावरण अनुमति प्राप्त करने के बाद ही शुरू होगा।


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