कृषि क़ानूनों पर आज होगी किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक

 कृषि क़ानूनों पर आज होगी किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक


छोटा अखबार।

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। आज किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक होनी है। बैठक से पहले किसान संगठनों ने बीजेपी सरकार पर ज़िद्दी स्वभाव होने का आरोप लगाया है। संगठनो ने कहा कि सरकार की एसी स्थिति को देखते हुए कृषि क़ानूनों को रद्द करने को लेकर कोई रास्ता निकलने की बहुत कम उम्मीद है।


संगठनोे के अध्यक्षों ने कहा कि जिस तरह से सरकार में मौजूद नेता नए कृषि क़ानूनों के समर्थन में बयान दे रहे हैं और इसे किसानों के लिए फ़ायदेमंद बता रहे हैं तो मुझे चार जनवरी की बातचीत से कोई सकारात्मक नतीजा आने की बहुत कम उम्मीद है। हमारा स्टैंड बिल्कुल साफ है- हम तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने के अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क़ानूनी गारंटी चाहते हैं। अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो हम अपना विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रखेंगे।”30 दिसंबर को किसान संगठनों की केंद्र सरकार के साथ सातवें दौर की बैठक हुई थी. बैठक के बाद दोनों पक्षों की ओर से कहा गया था कि आधी बात बन गई है.

जोगिंदर सिंह ने कहा कि पिछली बैठक में केंद्र सरकार ने बिजली क़ानून और पराली जलाने को लेकर जुर्माने के मामले में किसानों को आश्वासन दिया है। लेकिन, जब तक हमारी मुख्य मांग नहीं मानी जाती तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा और हम उसे और तेज़ करेंगे।


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