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Showing posts from September 15, 2020

सवाई मानसिंह अस्पताल में बनेगा 15 मंजिला आईपीडी टावर और कार्डिअक सर्जरी सेंटर

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सवाई मानसिंह अस्पताल में बनेगा 15 मंजिला आईपीडी टावर और कार्डिअक सर्जरी सेंटर छोटा अखबार। प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत लगभग 200 करोड़ की लागत का 15 मंजिला आईपीडी टावर और कार्डिअक सर्जरी सेंटर विकसित किया जाएगा, जहां मरीज को एक ही छत के नीचे परामर्श और जांच से लेकर ऑपरेशन सहित अन्य सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकेंगी। स्वायत्त शासन मंत्री शांतिलाल धारीवाल और चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, स्मार्ट सिटी परियोजना के चेयरमेन भवानी सिंह देथा सहित अधिकारियों ने सोमवार को सवाई मानसिंह अस्पताल का दौरा किया।  अस्पताल अधीक्षक राजेश शर्मा ने बताया कि 1947 में बने सवाई मानसिंह अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं की काफी कमी महसूस की जा रही थी। वर्तमान में जहां कॉटेज वार्ड बने हुए हैं, वहां स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 15 मंजिला आईपीडी टावर का निर्माण किया जाएगा। इस टावर में 150 कॉटेज वार्ड बनाए जाएंगे, इसमें 100 क्यूबिकल और 50 वीआईपी कॉटेज होंगे।   चिकित्सा मंत्री ने बताया कि इस बहुमंजिला टावर के एक मंजिल पर ही ऑपरेशन थियेटर, पोस्ट ऑपरेशन थियेटर, ...

राजस्थान के बेमिसाल हौंसले को मेरा सलाम -राज्यपाल

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राजस्थान के बेमिसाल हौंसले को मेरा सलाम -राज्यपाल छोटा अखबार। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति की अपनी चुनौतियां हैं। यहां की जलवायु और आबोहवा कभी कभी इतनी चुनौतीपूर्ण हो जाती है कि एक सामान्य व्यक्ति का उस परिस्थिति में रहना कठिन हो जाता है। राजस्थान के रणबांकुरों का ही हौसला है कि वे कठिन परिस्थितियों में भी न सिर्फ हंसते मुस्कुराते रहते हैं बल्कि नायाब चीजों का सृजन करने के लिए भी प्रेरित रहते हैं। राजस्थान के इस बेमिसाल हौंसले को मैं सलाम करता हूं। मिश्र सोमवार को यहां राजभवन से वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से इन्दिरा गांधी राष्टीय कला केन्द्र द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस पर एक पुस्तक के लोकार्पण और परिचर्चा के आभासी समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। राजस्थान ने समृद्ध लोक सांस्कृतिक परंपराओं को संजो रखा है। लोक कला के विभिन्न माध्यम जिसमें संगीत, नृत्य, साहित्य, चित्रकला समाहित है, साथ ही साथ आभूषण, वस्त्र विन्यास, खान पान एवं जीवन शैली की निराली शान के लिए राजस्थान की अपनी विशिष्ट पहचान है।   राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान का लोक जीवन प्रकृति से इतना ज्यादा ...

पितृपक्ष के सपनों का राज, सपनों मे क्या कहते है पूर्वज 

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पितृपक्ष के सपनों का राज, सपनों मे क्या कहते है पूर्वज  छोटा अखबार। पितृपक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को याद करने, उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखने और तर्पण करने का समय होता है। पितृपक्ष 16 दिनों तक चलता है। अभी पितृपक्ष चल रहें और 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन इसका समापन होगा। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को दिया गया भोजन और तर्पण उनको जरूर पहुंचता है। पितृपक्ष में पितर देव ब्राह्राण और पशु पक्षियों के रूप में अपने परिजनों के द्वारा दिए गए अर्पण को स्वीकार कर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। पितृपक्ष में पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए नहीं तो पितृदोष लगता है। मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वज अपने परिजनों के सपने में आकर कुछ खास संकेत देते हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अगर पितृपक्ष के दौरान किसी के सपने में कोई पूर्वज या मृत परिजन धरती पर मौजूद अपने परिवार के सदस्यों संग वार्तालाप करता है तो इसका संकेत वह आने वाले समय में आपके साथ होने वाली किसी अनहोने के बारे में संकेत देते हैं। पितृपक्ष के दौरान अगर सपने में कोई पूर्...