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Showing posts from January 25, 2020

छात्रवृतियों के ऑफलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित

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छात्रवृतियों के ऑफलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित छोटा अखबार। आयुक्त, कॉलेज शिक्षा द्वारा सत्र 2019-20 के लिए समस्त राजकीय एवं मान्यता प्राप्त अराजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र - छात्राओं से विभिन्न छात्रवृतियों के लिए निर्धारित प्रपत्र में ऑफलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए हैं। कॉलेज शिक्षा विभाग के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि छात्र - छात्राओं के लिए कुल विभिन्न छात्रवृतियों के लिए आवेदन पत्र मांगे गए हैं। इनमें आवश्यकता एवं योग्यता छात्रवृति, महिला योग्यता छात्रवृति, उर्दू छात्रवृति, मृतक राज्य कर्मचारियों के बच्चों को देय छात्रवृति, ललित कला छात्रवृति (स्कूल ऑफ आर्टस/संगीत संस्थान) एवं राजस्थान के पूर्व सैनिकों की प्रतिभावना पुत्रियों को देय छात्रवृति सहित भारत पाक व चीन  युद्ध में मृतक/ अपंग सैनिकों के बच्चों/ उनकी विधवाओं को छात्रवृति, कारगिल कार्यवाही में शहीद सैनिकों के आश्रितों को देय छात्रवृति, मलीट्री देहरादून (भारतीय सैन्य महाविद्यालय देहरादून) छात्रवृति, स्वतन्त्रता सैनानियों के बच्चों को देय छात्रवृति सम्मलित हैं। इन छात्रवृतियों के लिए महाविद्या...

बजट से पहले सीजेआई का बड़ा बयान

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बजट से पहले सीजेआई का बड़ा बयान छोटा अखबार। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस.ए. बोबड़े ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के 79वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि सरकार की ओर से जनता पर ज़्यादा या मनमाना कर लगाना समाज के प्रति अन्याय है।  मुख्य न्यायाधीश ने कर चोरी को अपराध कहते हुए कहा कि यह दूसरे लोगों के साथ अन्याय है। केन्द्र में बजट पेश होने के क़रीब एक हफ़्ता पहले ये बात कही है। उन्होने उचित टैक्स पर ज़ोर देते हुए देश में पुराने समय में प्रचलित टैक्स क़ानूनों का  भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि नागरिकों से टैक्स उसी तरह वसूला जाए जिस तरह मधुमक्खी फूलों को नुक़सान पहुंचाए बिना रस निकालती है।

एलआईसी निवेशकों के लिए ख़तरे की घंटी 

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एलआईसी निवेशकों के लिए ख़तरे की घंटी  छोटा अखबार। बीमा मतलब एलआईसी। बीमा के क्षेत्र में एलआईसी विश्वास का दूसरा नाम है। लेकिन देश के वर्तमान माहौल में भारतीय जीवन बीमा निगम की साख में कमी आई है। देश में आर्थिक खबरों ने निवेशकों के लिए ख़तरे की घंटी बजा दी है। एलआईसी की वेबसाइट पर जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार भरोसे का प्रतीक माने जाने वाली कंपनी के पिछले पाँच साल के आंकड़े वाकई हैरान और परेशान करने वाले हैं। पिछले पाँच साल में कंपनी के नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स दोगुने स्तर तक पहुँच गए हैं। मार्च 2019 तक एनपीए का ये आंकड़ों की बात करे तो निवेश के अनुपात में 6.15 फ़ीसदी के स्तर तक पहुँच गया है। जबकि 2014-15 में एनपीए 3.30 प्रतिशत के स्तर पर थे। दस का मतलब है कि पिछले पाँच वित्तीय वर्षों के दौरान एलआईसी के एनपीए में करीब 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। खबरों के अनुसार एलआईसी में करोड़ों ईमानदार लोग निवेश करते हैं।अगर सरकार ने एसआईसी की स्थिति पर गौर नहीं किया तो जनता का एलआईसी पर भरोसा टूट जायेगा। सामने आ रही ख़बरों से लोगों में घबराहट पैदा होती है और इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।एलआईसी की...