मुख्यमंत्री का ऐलान, राज्य में फिर होगा ’शुद्ध के लिये युद्ध’ 

मुख्यमंत्री का ऐलान, राज्य में फिर होगा ’शुद्ध के लिये युद्ध’ 


छोटा अखबार।


’शुद्ध के लिये युद्ध’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जएगा। समिति में जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), जिला रसद अधिकारी, वाणिज्यकर अधिकारी और डेयरी विभाग का प्रबंधक निदेशक या अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। वहीं कलक्टर द्वारा नामित उप खण्ड अधिकारी अथवा विकास अधिकारी, तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार के नेतृत्व में एक कार्रवाई दल गठित होगा, जो मिलावटखोरों के खिलाफ मौके पर जाकर कार्रवाई करेगा। इस दल में खाद्य सुरक्षा निरीक्षक, बाट और मापतोल विभाग, पुलिस व डेयरी के अधिकारी भी रहेंगे। 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करेगी। राजस्थान मिलावटखोरी से मुक्ति की दिशा में एक अलग पहचान बनाएगा। दूध, दूध से बने पदार्थों, मिठाइयों, मसालों, घी तेल एवं अन्य खाद्य पदाथोर्ं में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सके।



सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में मिलावटखोरी के खिलाफ 26 अक्टूबर से ’शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान चलाया जाए, जो त्यौहारी सीजन के दौरान नवंबर माह के अन्त तक चलेगा। राज्य-स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों का ग्रुप बनाकर अभियान का संचालन किया जाएगा। सभी  जिला कलेक्टर के निर्देशन में अभियान चलाया जाएगा जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। अभियान की तैयारी के लिए  जिला कलेक्टरों को तुरन्त परिपत्र भेजने के निर्देश दिए। 


अभियान का फोकस दूध, घी, तेल, मिठाइयों, मसालों, ड्राई फ्रूट्स आदि खाद्य पदार्थों में मिलावट के साथ-साथ खाद्य पदार्थों  की गुणवत्ता और पैकेजिंग में मिस-ब्रांडिंग पर रहेगा। संदिग्ध सैंपल की गुणवत्ता की लैब में तुरन्त जांच करवाकर मिलावटी सामान तैयार करने वाले और बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकता होने पर संबंधित के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज कर आपराधिक दण्डात्मक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।


वहीं गहलोत ने जोर देकर कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए संगठित गिरोह के रूप में फैक्टरी लगाकर नकली, खाद्य पदार्थ, मसाले एवं दूध आदि तैयार करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। अभियान की सफलता के लिए यह जरूरी है कि आम लोग भी जागरूक हों और ’शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान में सरकार का साथ दें। उन्होंने कहा कि संगठित मिलावटखोरों के बारे में जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा और जानकारी सही पाए जाने पर उनको उचित इनाम भी दिया जाएगा। मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाए। मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए यदि आवश्यक हो तो कानून में समुचित संशोधन किया जाए। 


कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाएगी समिति 
’शुद्ध के लिये युद्ध’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जएगा। समिति में जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), जिला रसद अधिकारी, वाणिज्यकर अधिकारी और डेयरी विभाग का प्रबंधक निदेशक या अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। वहीं कलक्टर द्वारा नामित उप खण्ड अधिकारी अथवा विकास अधिकारी, तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार के नेतृत्व में एक कार्रवाई दल गठित होगा, जो मिलावटखोरों के खिलाफ मौके पर जाकर कार्रवाई करेगा। इस दल में खाद्य सुरक्षा निरीक्षक, बाट और मापतोल विभाग, पुलिस व डेयरी के अधिकारी भी रहेंगे। 


दुसरी ओर राज्य-स्तर पर भी अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग के लिए एक उप समूह गठित किया जाएगा। इस समूह में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा गृह विभागों के प्रमुख शासन सचिव एवं खाद्य एवं आपूर्ति, पशुपालन तथा डेयरी विभागों के शासन सचिव सहित अन्य अधिकारी शामिल होंगे। 



 


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