“हम दो-हमारे दो” का नारा इंदिरा गांधी ने भी दिया था, मंत्री जी
“हम दो-हमारे दो” का नारा इंदिरा गांधी ने भी दिया था, मंत्री जी
छोटा अखबार।
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित वर्चुअल राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए हमें “हम दो-हमारा एक” नारे को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के चलते संसाधनों के अभाव में विकास अधूरा रह जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की टीएफआर (टोटल फर्टिलिटी रेट) 2.5 है और इसे कम कर 2.1 पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लेकिन मंत्री जी शायद ये भूल रहे है कि दशकों पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने भी इसी तरह का एक नरा दिया था “हम दो-हमारे दो” जिसका परिणाम समूचा देश जनता है। यदि राज्य सरकार इस नारे को लेकर गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक जायेगी तो आने वाले समय में सरकार को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं सयाने लोगों का कहना है कि सरकार को इस तरह के नारे देने के बजाय संसाधनों के विस्तार और विकास के नये आयामों पर जोर देना चाहिए जैसे कि ‘निरोगी राजस्थान‘। टोटल फर्टिलिटी रेट को कम करने की जगह मंत्री जी को बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर जोर देना चाहिए ताकि आधारभूत ढ़ाचे का विकास हो। लोगों का यह भी कहना है कि मंत्री के इस तरह के संदेश से जनता में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जोकि राज्य हित में सही नहीं है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या की समस्या अब हमारे यहां ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विकराल रूप ले चुकी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रकृति का संतुलन निरन्तर बिगड़ता जा रहा है। इससे खाद्यान्न, पेयजल, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की समस्याएं हो रही है।
ये बात सही है कि बढ़ती जनसंख्या पूरी दुनिया में विकराल रूप ले चुकी है। लेकिन उनका यह कहना कतई गलत है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रकृति का संतुलन निरन्तर बिगड़ता जा रहा है और इससे खाद्यान्न, पेयजल, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की समस्याएं हो रही है। मंत्री जी को प्रकृति का काम प्रकृति पर छोड़ देना चाहिए और उनको खाद्यान्न, पेयजल, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की समस्याओं के नये आयामों पर जोर देना चाहिए।
लोगों का यह भी कहना है जनता के हितों की बात करने वाले मंत्री जी कोविड—19 के डर के कारण जनता को मिलने का समय नहीं दे रहे है। उनके स्टाफ का कहना है कि कोरोना के कारण मंत्री जी ने मिलने से मना कर रखा है।
वहीं दुसरी और इसी मंच से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या हालांकि बड़ी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन इसे भी सुअवसर में बदलने की जरूरत है। राज्य मंत्री के इस तरह के बयान जरूर प्रदेश की जनता को सकारात्मक संबल प्रदान करेगा।
खैर, 11 जुलाई से 24 जुलाई तक प्रदेश में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का शुभारम्भ हो गया है। ये पखवाड़ा क्या रंग लेकर आयेगा ये तो 24 जुलाई के बाद ही पता चलेगा। लेकिन इस पखवाड़े की चर्चा सरकार को 24 जुलाई के बाद भी जरूर करनी चाहिए ताकि आंकड़े और जमीनी हकीकत का पता जनता को भी चल सके।
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