कश्मीर घाटी में दो महीने का एलपीजी स्टॉक रखने का आदेश, घाटी में तनाव बढ़ा
कश्मीर घाटी में दो महीने का एलपीजी स्टॉक रखने का आदेश, घाटी में तनाव बढ़ा
छोटा अखबार।
कश्मीर घाटी में सरकार ने तेल विपणन कंपनियों और लोगों को एलपीजी सिलेंडरों की दो महीने की का स्टाक रखने को कहा है। कयास लगाया जा रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के मध्य चल रहे विवाद के कारण इस तरह के आदेश प्रसारीत किये है। वहीं इस मामले में सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने और भूस्खलन घटनाओं को को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
स्थानिय समाचार सूत्रों के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर घाटी में इस तरह के आदेश दहशत का माहौल पैदा करते हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि मानसून के दौरान भारी बारिश के चलते बार-बार राजमार्गों के अवरुद्ध होने के कारण सिलेंडरों के भंडारण का यह आदेश दिया गया है।
वहीं दुसरी ओर स्थानीय नेताओं और आमजन का कहना है कि इस तरह की स्थिति सर्दियों में ज्यादा उत्पन्न होती है ना की गर्मियों में। लोगों का कहना है कि सरकार इस आदेश के पीछे अपनी मंशा जाहिर करे अन्यथा आमजन में दहशत का माहौल बढ़ता ही जायेगा।
कश्मीर में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के निदेशक द्वारा जारी किए गए 27 जून के आदेश के अनुसार, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने 23 जून को एक बैठक में दिशा-निर्देश पारित किए हैं कि भूस्खलन की घटनाओं के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने के कारण एलपीजी का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया जाए।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय बलों के ठहरने का प्रावधान करने के लिए गांदरबल जिला पुलिस की एक और विज्ञप्ति का हवाला दिया और कहा कि इस तरह के आदेश कश्मीर में दहशत पैदा करते हैं और हम सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करते हैं। गांदरबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपनी विज्ञप्ति में जिला प्रशासन से मध्य कश्मीर जिले में आईटीआई इमारतों, मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों समेत 16 शैक्षणिक संस्थानों को उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया है। एसएसपी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के ठहरने के लिए इन इमारतों की आवश्यकता है।
Comments