शर्मनाक घटना, सड़क पर हुए तीन प्रसव


शर्मनाक घटना, सड़क पर हुए तीन प्रसव


छोटा अखबार।


लेडी लॉयल अस्पताल की प्रभारीअधीक्षिका डा.कल्याणी मिश्रा का कहना है कि कोविड—19 के कारण बिना थर्मल स्क्रीनिंग के किसी को अंदर जाने इजाजत नहीं दिया है। यह सख्त निर्देश दिए गये हैं। सुबह हुई घटना की जांच कवाई जा रही है। जो दोषी होंगे उन पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। दो महिलाओं को एडमिट किया गया है और वो स्वस्थ हैं। फ्रंट पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट अपलब्ध करा दी गई है। शेष एचआईवी किट से काम चलाया जा रहा है।


आगरा में अस्पताल के सामने सड़क पर तीन—तीन महिलाओं के प्रसव होने का मामला सामने आया है। इस घटना ने आगरा के 132 साल पुराने लेडी लॉयल अस्पताल की साख को केवल 30 मिनट में बट्टा लगा दिया।  समाचार सूत्रों के अनुसार घटना शनिवार सुबह की है जब नूरी दरवाजा निवासी प्रसूता प्रिति अपना प्रसव कराने लेडी लॉयल अस्पताल पहुंची। लेकिन उसको अस्पताल के अन्दर नहीं घुसने दिया और मजबूरी में उसने कुछ महिलाओं के सहलोग से सड़क पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। शर्म की बात यह कि ​सिलसिला यहि नहीं थमा और एक एक करके दो और माताओं ने प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण सड़क पर ही अपनी बच्चियों को जन्म दे दिया। 



समाचार सूत्रों का यह भी कहना है कि सड़क पर प्रसव के बाद हल्ला होने पर लगभग एक घंटे बाद इन महिलाओं की थर्मल स्क्रीनिंग हुई और बाद में इन्हें अस्पताल के वार्ड में पहुंचाया गया। अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे संचालित हाने के बाद भी सुबह के समय प्रसूताओं की थर्मल स्क्रीनिंग क्यों नहीं हुई जैसे कई सवाल सरकार और प्रशासन पर खड़े हो गये है। 
जाकारी के लिए बता दे की आगरा में निजी और सरकारी अस्पतालों में कोरोना की वजह से प्रसव न होने के कारण पूरा दबाव लेडी लॉयल अस्पताल पर ही है। यहां अनुपातन लगभग 50 प्रसव प्रति दिन कराए जाते है। अस्पताल में तीन कोरोना विशेष प्रसूताओं के लिये आपरेशन थिएटर है तो वहीें सात आपरेशन थिएटर सामान्य प्रसूताओं के लिये संचालित हैं।
वहीं दूसरी ओर उपरोक्त घटना पर लेडी लॉयल अस्पताल की प्रभारीअधीक्षिका डा.कल्याणी मिश्रा का कहना है कि कोविड—19 के कारण बिना थर्मल स्क्रीनिंग के किसी को अंदर जाने इजाजत नहीं दिया है। यह सख्त निर्देश दिए गये हैं। सुबह हुई घटना की जांच कवाई जा रही है। जो दोषी होंगे उन पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। दो महिलाओं को एडमिट किया गया है और वो स्वस्थ हैं। फ्रंट पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट अपलब्ध करा दी गई है। शेष एचआईवी किट से काम चलाया जा रहा है।


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