राज्यपाल की भाव-भंगिमा असंसदीय है —ममता बनर्जी
राज्यपाल की भाव-भंगिमा असंसदीय है —ममता बनर्जी
छोटा अखबार।
आपके शब्दों का चयन और आपकी भाव-भंगिमा असंसदीय है। आप शुरू से ही मेरी सलाह की अनदेखी करते रहे हैं।लेकिन सरकार के कामकाज में हस्तेक्षप क्यों कर रहे हैं। इसलिए मैं मजबूर होकर यह पत्र सार्वजनिक कर रही हूं। उन्होने राज्यपाल पर संवैधानिक धर्म का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। राज्यपाल को आत्ममंथन करना चाहिए।
एक तरफ पुरा देश कोविड 19 महामारी से लड़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच महामारी को लेकर घमासान जारी है। राज्यपाल लगातार ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों पर हमले कर रहे थे। राज्यपाल पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने सात पेज का पत्र लिख डाला।
कई दिनो से राज्यपाल द्वारा लगातार जारी हमले का सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने जवाब नहीं दिया लेकिन गुरूवार को सरकार के धैर्य ने जवाब दे दिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि आप जिस राज्य के राज्यपाल हैं उसी सरकार पर और उसके मंत्रियों,अधिकारियों पर लगातार हमला करनना असंवैधानिक है और आपको यह भी नहीं भूलना चाहिए कि मैं निर्वाचित जनप्रतिनिधि हूं और आप मनोनीत हैं। मैने आपके आचरण को ध्यान में रखते हुए इस पत्र को सार्वजनिक करने का फ़ैसला किया है ताकि जनता भी इसका विचार करें।
बनर्जी ने आगे लिखा कि आप मेरे उपर सीधे हमले कर रहे हैं। आपके शब्दों का चयन और आपकी भाव-भंगिमा असंसदीय है। आप शुरू से ही मेरी सलाह की अनदेखी करते रहे हैं।लेकिन सरकार के कामकाज में हस्तेक्षप क्यों कर रहे हैं। इसलिए मैं मजबूर होकर यह पत्र सार्वजनिक कर रही हूं। उन्होने राज्यपाल पर संवैधानिक धर्म का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। राज्यपाल को आत्ममंथन करना चाहिए।
राज्यपाल ने ममता बनर्जी के पत्र का जवाब देते हुए अपने एक ट्वीट में लिखा है कि ममता का पत्र संवैधानिक रूप से कमज़ोर और तथ्यों की ग़लती से भरपूर है। राज्यपाल द्वारा सरकार पर जारी हमलों में गुरुवार एक ट्वीट में कहा था कि वे कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश के दौरे पर आई केंद्रीय टीम के राह में आने वाली रुकावटों से चिंतित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम के लिए रेड कार्पेट बिछाने को लेकर भी धनखड़ ने सरकार पर हमला बोला था।
उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि संविधान को संभाला जाए। राज्य सरकार ग़रीबों को राशन नहीं दे रही है। वह सिर्फ़ प्रचार कर रही है और कोरोना से लड़ाई ड्रामेबाज़ी के ज़रिए जीती नहीं जा सकती है। राज्य सरकार गंभीर नहीं है। राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने की जगह अपने अहम की संतुष्टि पर ज़्यादा ध्यान दे रही है। जिससे राज्य और केंद्र सरकार में टकराव की स्थिति साफ़ है।
राज्यपाल का कहना है कि केंद्र सरकार के कामकाज से बंगाल के आम लोग संतुष्ट हैं। लेकिन लोग राज्य सरकार के कामकाज से ख़ुश नहीं हैं। राज्य की जनता केंद्र सरकार के साथ है। ममता सरकार कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में सकारात्मक रवैया नहीं अपना रही है।
राज्यपाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की मदद किसानों तक नहीं पहुंच रही है और राशन में घोटाला किए जा रहा है। राज्य में 70 लाख किसान हैं। किसान सम्मान निधि योजना के तहत इन किसानों को आर्थिक मदद मिल जाती, लेकिन ममता सरकार ने केंद्र को जानकारी नहीं दी जिससे राज्य के ग़रीब किसान मदद से वंचित रह गए।
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