प्रदेश में जल परिवहन के लिए 6512.93 लाख रुपये स्वीकृति जारी
प्रदेश में जल परिवहन के लिए 6512.93 लाख रुपये स्वीकृति जारी
छोटा अखबार।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में आगामी गर्मियों के सीजन के लिए प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल परिवहन (टीओडब्ल्यू-ट्रांसपोर्टेशन ऑफ वाटर) की व्यवस्था के लिए अप्रेल 2020 से जुलाई 2020 की अवधि के लिए 6512.93 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। इसमें से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 4112.46 लाख तथा शहरी इलाकों के लिए 2400.47 लाख की स्वीकृति शामिल है। जलदाय क्षेत्रों तथा नीति निर्धारण समिति के अध्यक्ष डॉ. बी. डी. कल्ला, विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं वित्त कमेटी के चेयरमैन राजेश यादव एवं वित्त विभाग के स्तर से अनुमोदन के बाद मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) तथा मुख्य अभियंता (ग्रामीण) की ओर से प्रदेश में जल परिवहन के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई है।
मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) सी. एम. चौहान ने बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अजमेर जिले के लिए 111.33 लाख, नागौर के लिए 132.42 लाख, टोंक के लिए 270.75 लाख, अलवर के लिए 164.27 लाख, भरतपुर के लिए 83.20 लाख, सवाईमाधोपुर के लिए 44.95 लाख, करौली के लिए 144.15 लाख, चुरू के लिए 99.62 लाख, बीकानेर के लिए 35 लाख, श्रीगंगानगर के लिए 219.40 लाख, हनुमानगढ़ के लिए 272.88 लाख, कोटा के लिए 60.68 लाख तथा बूंदी के लिए 42.15 लाख रुपये की राशि टीओडब्ल्यू के तहत स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार बारां के लिए 5.88 लाख, झालावाड़ के लिए 143.56 लाख, दौसा के लिए 196.80 लाख, झुंझुनू के लिए 41.95 लाख, सीकर के लिए 264.75 लाख, जयपुर के लिए 740.17 लाख, जोधपुर के लिए 43 लाख, बाड़मेर के लिए 165 लाख, जैसलमेर के लिए 29 लाख, जालौर के लिए 17.29 लाख, सिरोही के लिए 222.32 लाख, बांसवाड़ा के लिए 16 लाख, राजसमंद के लिए 12 लाख तथा चितौड़गढ़ के लिए 35 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। वर्तमान में प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 11 कस्बों/शहरों में जल परिवहन हो रहा है। गर्मियों के सीजन के लिए फील्ड अधिकारियों द्वारा शहरी क्षेत्रोंं के लिए 134 शहर/कस्बों के प्रस्ताव भेजे गए है। उनके आधार पर ये स्वीकृतियां जारी की गई है। इन सभी 134 शहरों में जल परिवहन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, फील्ड अधिकारियों द्वारा ये प्रस्ताव विकटतम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं, जिसमें मानसून के आगमन में सम्भावित देरी, गर्मियों के दौरान टेल-एंड में प्रेशर की सम्भावित समस्या एवं जल स्रोतों के सूखने जैसी सम्भावनाएं शामिल है।
मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आर. के. मीना ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुल स्वीकृत राशि 4112.46 लाख में से 3158.31 लाख अकाल से अप्रभावित आबादियों तथा 954.15 लाख रुपये की राशि अकाल से प्रभावित चार जिलों जिनमें जैसलमेर पूर्ण रूप से प्रभावित एवं बाड़मेर, जोधपुर एवं हनुमानगढ़ आंशिक रूप से प्रभावित है, के लिए स्वीकृत की गई है। इनमें अजमेर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लिए 108.90 लाख, भीलवाड़ा के लिए 134.94 लाख, नागौर के लिए 156.60 लाख, टोंक के लिए 13.75 लाख, बीकानेर के लिए 72.90 लाख, श्रीगंगानगर के लिए 25.11 लाख, हनुमानगढ़ के लिए 58.64 लाख, चुरू के लिए 93.26 लाख, भरतपुर के लिए 53.71 लाख, धौलपुर के लिए 27.32 लाख, करौली के लिए 95.01 लाख, सवाईमाधोपुर के लिए 94.90 लाख, अलवर के लिए 105.51 लाख, दौसा के लिए 65.78 लाख, झुंझुनू के लिए 114.85 लाख तथा सीकर के लिए 108.39 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार जयपुर के लिए 103 लाख, जोधपुर के लिए 580.41 लाख, पाली के लिए 50.29 लाख, बाड़मेर के लिए 540 लाख, जैसलमेर के लिए 373.88 लाख, जालौर के लिए 121.26, सिरोही के लिए 105.27 लाख, बारां के लिए 95.33 लाख, बूंदी के लिए 187.85 लाख, झालावाड़ के लिए 103.25 लाख, कोटा के लिए 176.15 लाख, बांसवाड़ा के लिए 49.48 लाख, राजसमंद के लिए 89.58 लाख तथा चितौड़गढ़ के लिए 75.60 लाख, डूंगरपुर के लिए 14.62 लाख, उदयपुर के लिए 67.03 लाख तथा प्रतापगढ़ के लिए 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों प्रदेश 229 हैबीटेशंस में जल परिवहन हो रहा है। आगामी गर्मियों के लिए फील्ड से अधिकारियों द्वारा माहवार आंकलन के अनुसार 14 हजार 332 हैबीटेशंस (6 हजार 672 गांव एवं 7 हजार 662 ढाणियों) के लिए जल परिवहन कार्यों के लिए प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर ये स्वीकृतियां जारी की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी फील्ड के अधिकारियों द्वारा ये प्रस्ताव विकटतम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए है। ग्रामीण क्षेत्रों की इन सभी आबादियों में जल परिवहन की आवश्यकता नही पड़ेगी, कुछ हैबीटेशंस में प्रस्तावित मात्रा से कम जल परिवहन की आवश्यकता रहेगी।
कलक्टर्स की अनुशंषा और सहमति के पर जल परिवहन की व्यवस्था।
सभी जिलों में जल परिवहन की व्यवस्था सम्बंधित जिला कलक्टर्स की अनुशंषा और सहमति के आधार पर की जाएगी। जिलों में जल परिवहन शुल्क का निर्धारण जिला कलक्टर्स की अध्यक्षता या उनके प्रतिनिधि (जो अतिरिक्त जिला कलक्टर से नीचे के स्तर का नहीं हो) की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा। इस कमेटी में जिले में जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता या उसके प्रतिनिधि (जो अधिशाषी अभियंता से नीचे के स्तर का नहीं हो), कोषाधिकारी एवं जिला कलेक्ट्रेट के लेखा सेवा के अधिकारी शामिल रहेंगे। इस कमेटी को एकल टेंडर की स्थिति में भी दर तय करने के पूरे अधिकार होंगे।
एसडीएम की अध्यक्षता में तय होगी जलापूर्ति मात्रा।
जिलों मे सभी उपखण्डों पर एसडीएम की अध्यक्षता में सम्बंधित क्षेत्र में जल परिवहन के लिए स्थान तथा कितनी मात्रा में जलापूर्ति की जानी है, यह तय करने के लिए समितियों का गठन होगा। इनमें जलदाय विभाग के सहायक अभियंता इसके सदस्य सचिव होंगे। कमेटी में सम्बंधित क्षेत्र के विकास अधिकारी और तहसीलदार भी सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
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