आरबीआई ने कि 50,000 करोड़ की आर्थिक पैकेज की घोषणा
आरबीआई ने कि 50,000 करोड़ की आर्थिक पैकेज की घोषणा
छोटा अखबार।
कोरोना महामारी के कारण देश उन्पन्न अर्थव्यस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह 50,000 करोड़ रुपए निवेश की घोषणा की।
गवर्नर के अनुसार आरबीआई राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को 25,000 करोड़ रुपए, स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवेलपमेंट बैंक (सिडबी) को 15,000 करोड़ रुपए और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को 10,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
दास के कहना है कि कोरोना महामारी से पूरी दुनिया एक बड़ी आर्थिक मंद की तरफ़ बढ़ रही है लेकिन भारत के हालात उतने ख़राब नहीं हैं।कोरोना के कारण 9.9 ट्रिलियन डॉलर के नुक़सान होने की आशंका जताई जा रही है, जो कि जापान और जर्मनी के संयुक्त जीडीपी से भी ज़्यादा है। कोरोना से व्याप्त मंदी 1929 के ग्रेट डिप्रेशन से भी ज़्यादा बड़ी आर्थिक मंदी होगी। भारत में भी मार्च से हालात ख़राब हुए लेकिन इसके बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। जब दुनिया में मंदी है तब भारतीय अर्थव्यवस्था के 1.9 फ़ीसदी की दर से बढ़ने की बात की जा रही है।
दास का कहना है कि जी-20 के देशों में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बेहतर हालत में है। वहीं
रिज़र्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है जिससे बाज़ार में और पैसा आएगा। रिवर्स रेपो रेट 4 फ़ीसदी से घटकर 3.75 फ़ीसदी कर दी गई है। देश में बैंकिंग सेक्टर पूरी तरह से काम कर रहा है और लगभग 91 फ़ीसदी बैंक एटीएम भी चालू हैं। बाज़ार में कैश की कमी नहीं होने दी जाएगी।
आरबीआई गवर्नर के अनुसार यह कोई आख़िरी घोषणा नहीं है, स्थिति को देखते हुए रिज़र्व बैंक आगे भी इस तरह की घोषणा करेगा।
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