महाराष्ट्र सरकार के वित्तिय आदेश पर आरबीआई की सफाई
महाराष्ट्र सरकार के वित्तिय आदेश पर आरबीआई की सफाई
छोटा अखबार।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य सरकार के सभी विभागों को एक आदेश जारी कर अपने अकाउंट निजी बैंकों से हटाकर सरकारी बैंकों में खोलने के निर्देश दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार के वित्त विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों और निगमों को यह सुनिश्चित करे की बैंकिंग से संबंधी उनके सारे क्रियाकलाप केवल सरकारी बैंकों के साथ ही हों । अपने आदेश में सरकार ने कहा है कि वेतन—भत्ते सहित सभी सरकारी योजनाओं का पैसा रखने के लिए निजी या सहकारी बैंकों में खोले गए सभी खाते एक अप्रैल तक बंद करा दिए जाने चाहिए। अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि अप्रैल माह से कर्मचारियों के वेतन और भत्ते सिर्फ सरकारी बैंकों से दिए जाएं। सरकार ने पेंशनभोगियों को भी अपने खाते सरकारी बैंकों में हस्तांतरित करने को कहा है।
दुसरी ओर राज्य सरकार के इस तरह के आदेश पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ राज्यों द्वारा निजी बैंकों में खाते बंद कर सरकारी बैंकों में खोलने की खबरों को लेकर गुरुवार को सभी राज्यों को पत्र लिखकर ऐसा नहीं करने की अपील की थी। आरबीआई ने सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखे कर कहा है कि हमें पुरजोर विश्वास है कि इस तरह के कदमों से बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर की स्थिरता बाधित हो सकती है। हम यह बताना चाहते हैं कि आरबीआई के पास निजी सेक्टर के बैंकों को रेगुलेट करने की शक्तियां हैं और इन शक्तियों का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि जमाकर्ताओं का पूरा पैसा सुरक्षित है।
समाचार सूत्रों के अनुसार 6 मार्च 2020 को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि वह अपना कोष सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रखेगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि सरकार का पैसा सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कराया जाए, निजी क्षेत्र के बैंकों में नहीं।
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