इंसान की जान बचाने के लिए धन की कोई कमी नहीं -मुख्यमंत्री
इंसान की जान बचाने के लिए धन की कोई कमी नहीं -मुख्यमंत्री
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के कारण पूरी मानव जाति पर जीवन और मृत्यु का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पूरी गंभीरता, योग्यता और क्षमता के साथ इस चुनौती का डटकर सामना करें। राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में धन और संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। जिला कलक्टर सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को परेशानी का सामना न करना पड़े और कोई भूखा नहीं सोए। उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की सप्लाई चेन नहीं टूटे। साथ ही सरकार की एडवाजरी की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित हो।
गहलोत रविवार को कोरोना वायरस केे संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पालना के लिए जिला कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पूर्व में प्रदेशभर में लागू की गई धारा 144 कोे अब 20 लोगों के बजाय 5 लोगों तक ही सीमित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने 24 घंटे सेवाएं देकर कोरोना महामारी से जीवन रक्षा जैसे पुनीत कार्य में लगे चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन के लिए 25 करोड़ रूपए का फण्ड बनाया है। अभूतपूर्व सेवाओं के लिए उन्हें प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
सभी जिलों को अनटाइड फंड।
गहलोत ने इस चुनौती का सामना करने के लिए सभी जिला कलक्टरों को अनटाइड फंड उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जयपुर को 30 लाख रूपए, अन्य संभागीय मुख्यालयों को बीस-बीस लाख तथा अन्य सभी जिलों को दस-दस लाख रूपए का फंड उपलब्ध कराया जाएगा। यह राशि खर्च होने पर फंड को पुनर्भरित किया जाता रहेगा। आवश्यक होने पर और भी राशि जारी की जाएगी।
केन्द्र ने की हमारे फैसलों की सराहना, दूसरे राज्यों को अपनाने की सलाह।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए लॉकडाउन, सामाजिक एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के जो निर्णय लिये हैं, उनकी भारत सरकार एवं राज्य सरकारों ने सराहना की है। आज भारत सरकार के केबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राजस्थान द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा रही। उन्होंने अन्य राज्यों को भी राजस्थान के निर्णयों को अपनाने की सलाह दी है।
जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री के लिए नहीं हो परेशानी।
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि सरकार के फैसलों को प्रभावी रूप से लागू करना पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। आप अपनी प्रबंधन क्षमता का परिचय देते हुए निचले स्तर तक अधिकारियों एवं कार्मिकों में कार्यों का इस तरह विभाजन करें कि लॉकडाउन से आमजन को न्यूनतम तकलीफ हो। गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री एवं आवश्यक वस्तुओं के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। आईसोलेशन में रह रहे लोगों तक खाने एवं दवाओं की आपूर्ति में कोई कमी नहीं रहे।
सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचना एवं धारा 144 के उल्लंघन पर 29 गिरफ्तार।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोराना वायरस के गंभीर संकट में किसी तरह की अफवाहों एवं गाइडलाइन के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं देने वालों तथा धारा 144 का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि राज्य में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने तथा धारा 144 का उल्लंघन करने पर 29 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी तैयारी सभी पहलुओं और संभावित स्थिति का आकलन करते हुए की जाए। कॉलेज, हॉस्टल, हॉस्पिटल तथा होटलों को आईसोलेशन के रूप में चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने से बड़ा कुछ भी नहीं है और इसके लिए जो संभव उपाय होंगे, सरकार सभी पक्षों को विश्वास में लेकर सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर सेना, पैरामिलिट्री फोर्स, होमगार्ड तथा सिविल डिफेंस से भी आवश्यकता होने पर सहयोग लें।
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