एनपीआर कानून के कारण देश सम्मान खो रहा है — तेलंगाना के मुख्यमंत्री
एनपीआर कानून के कारण देश सम्मान खो रहा है — तेलंगाना के मुख्यमंत्री
छोटा अखबार।
7 मार्च 2020 शनिवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विधानसभा में कहा कि नागरिकों पर नागरिक संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) जबरन क्यों थोपी जा रही है। उनका यह भी कहा कि उनके पास अपना जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो ऐसे में वह अपने पिता के कागजात कहां से लाएंगे।
समाचार सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री राव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के नए प्रारूप का हवाला देते हुए कहा कि जब मेरे खुद के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो मैं अपने पिता का प्रमाणपत्र कहां से लाऊंगा। यह मेरे लिए भी चिंता की बात है। मैं गांव में अपने घर पर पैदा हुआ था। उस समय वहां कोई अस्पताल नहीं थे। गांव के बुजुर्ग ही जन्मनामा लिखते थे, जिस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं होती थी। जब मैं पैदा हुआ था, तो हमारे पास 580 एकड़ जमीन थी और एक इमारत भी थी। जब मैं अपना जन्म प्रमाणपत्र पेश नहीं कर पा रहा तो दलित, आदिवासी और गरीब लोग कहां से जन्म प्रमाणपत्र लाएंगे।
उनका कहना है कि संविधान देश के हर एक नागरिक को बराबर अधिकार देता है। यह कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। आप एक खास धर्म के साथ कैसे भेदभाव कर सकते हैं। कोई भी सभ्य समाज ऐसे कानून को बर्दाश्त नहीं करेगा, जो ऐसा भेदभाव करे। आज संयुक्त राष्ट्र से लेकर दुनियाभर में इन कानूनों को लेकर चर्चा हो रही है। हम सब इस देश का हिस्सा हैं और शांत नहीं रहेंगे। हम अपनी सीमा में रहकर जो कर सकते हैं, वो करेंगे और किसी से भी नहीं डरेंगे। तेलंगाना राष्ट्र समिति की अपनी कुछ प्राथमिकताएं और सिद्धांत हैं, जिनसे वह कभी समझौता नहीं करेंगे।
सदन इस मुद्दे पर पूरी तरह से बहस करने के बाद संकल्प पारित करेगा, ताकि पूरे देश को इस मामले में एक मजबूत संदेश दिया जा सके। यह मामला देश के भविष्य, इसके संविधान और दुनिया में उसके कद से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने चिंता व्यक्त कि और कहा कि ऐसे कानून के कारण देश सम्मान खो रहा है। हम इस देश का हिस्सा हैं और हम अपनी सीमा में रहकर जो कर सकते हैं, वो करेंगे और किसी से भी नहीं डरेंगे।
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